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जंक फूड पर निबंध

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जंक फूड पर निबंध | Essay on Fast/Junk food in Hindi

अच्छी सेहत के लिए अच्छा आहार बहुत ही आवश्यक है। हम जो भी खाते हैं उसमें संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अच्छा भोजन न केवल हमारी शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है।

पहले के जमाने में लोग केवल शुद्ध भोजन जैसे दूध, दही, शहद, आटा आदि से बने पौष्टिक आहार खाते थे। लेकिन आज के समय में लोग, खासकर नौजवान फास्ट फूड या जंक फूड की ओर बहुत ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। कभी-कभी जंक फूड खाना समस्या नहीं है लेकिन रोज़ या आवश्यकता से ज्यादा खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है।

जंक फूड क्या होता है? What is junk food?

Junk food meaning in Hindi

जंक फूड का नाम पहली बार 1972 में माइकल एफजेक ऑप्शन ने दिया था।

जंक फूड,जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस प्रकार का भोजन जो हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। जंक फूड में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। देखने में यह बहुत ही आकर्षक होता है और लोगों के बीच आसानी से उपलब्ध होता है, इसलिए आज लोगो का जंक फूड के तरफ ज्यादा झुकाव हो रहा है।

जंक फूड की श्रेणी में कौन कौन से खाद्य पदार्थ आते हैं यह अलग-अलग समुदाय के सामाजिक दर्जे पर निर्भर करता है। लेकिन आमतौर पर इसमे चिप्स, चॉकलेट, आइसक्रीम, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइस व अन्य तली भुनी चीजें शामिल होती है।

जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी, चीनी, तेल, चिकना, फैट और कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे पदार्थ होते हैं जो कि हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रोफेसर सुशील गुप्ता जो की संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर है, उनके अनुसार जंक फूड का अधिक सेवन करने से पिछले 10 वर्षों में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई हैं।

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जंक फूड खाने के दुष्परिणाम/जंक फूड के हानिकारक प्रभाव Junk food harmful effects/Junk food disadvantages

मोटापा

फ़ास्ट फूड में कैलोरी और शुगर ज्यादा होने के कारण यह वजन बढ़ाता है। मोटापा बढ़ने की वजह से बहुत सारी बीमारियों का जन्म होता है।

तनाव

जंक फूड में पौष्टिक आहार की कमी होती है जो हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। जो लोग अधिक जंग फूड खाते हैं उनमें ज्यादा तनाव होता है।

आलस और थकान

हमारे शरीर को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है जोकि जंक फूड में नहीं होता है। जिस कारण हमारे शरीर में सही मात्रा में विटामिन और प्रोटीन की कमी होने के कारण हमें आलस और थकान महसूस होने लगती है।

हृदय से जुड़े रोग

जंक फूड में इस्तेमाल होने वाली सामग्री अच्छी क्वालिटी की नहीं होती है जो कि हमारे हृदय पर बुरा असर डालती है। अक्सर हार्ट अटैक का कारण जंक फूड भी होता है।

टाइफाइड

जंक फूड बनाने में कई कई बार उतना स्वच्छता का ध्यान नहीं दिया जाता है जिससे टाइफाइड, जोइंडिस आदि जैसी बीमारियां होती है।

किडनी पर बुरा असर

जंक फूड में अधिक मात्रा में नमक और चिकना होने के कारण हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो कि हमारे किडनी पर बुरा असर डालता है।

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जंक फूड खाने से बचने के उपाय How to get rid of eating too much junk food

आज हमें जंक फूड की लत लग चुकी है, कम पैसों में और आसानी से उपलब्ध होने के कारण हमें जंक फूड खाने की आदत लग गयी है। घर बैठे हम आसानी से जंक फूड ऑर्डर कर देते हैं। परंतु यह हमारी सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाल रहा है इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय जानते हैं-

घर पर बनाएं

बाहर से खरीद कर जंक फूड खाने की जगह हमे स्वयं यह सब चीज बनानी सीखनी चाहिए। घर की सामग्री और स्वच्छता से बनाने पर यह हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा।

डायट चार्ट

एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें डाइट चार्ट फॉलो करना होगा। इस डाइट चार्ट में हमें केवल हफ्ते या दस दिन में एक बार ही फास्ट फूड खाना चाहिए। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर न हो या कम हो।

व्यायाम

हमें नित्य रूप से व्यायाम करना चाहिए। हम यदि जंक फूड खाते भी हैं तो उसका पाचन बहुत ही आवश्यक है। रोज सुबह सैर पर जाना और व्यायाम करने से हमारे शरीर का फैट बर्न होगा।

आवश्यकतानुसार

हमें फास्ट फूड या जंक फूड तभी खाना चाहिए जब वह अति आवश्यक हो या कोई दूसरा भोजन का विकल्प मौजूद न हो। बिना वजह रोज-रोज केवल स्वाद के लिए खाना बहुत हानिकारक है।

घर का बना भोजन खाये

भूख लगने पर हमें बाहर से जंक फूड मांगकर खाने के जगह घर के बने भोजन का आनंद लेना चाहिए जो कि पौष्टिक भी होता है और हमारे शरीर के लिए सेहत कारी भी है।

प्रोटीन

अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करना चाहिए, हमारे शरीर में जितना ज्यादा प्रोटीन जाएगा हमें उतनी कम भूख लगेगी। जिससे हमारा ध्यान बार-बार जंक फूड की ओर नहीं जाएगा।

फल आदि का सेवन करें

यदि आपको एकदम भूख लगे और कुछ बनाने का मन न हो तो बाहर से मंगा के खाने की जगह फल आदि का सेवन करें। यदि एक बार आपको फल की आदत लग जाएगी तो एक समय के बाद आप स्वयं ही जंक फूड खाना कम कर देंगे।

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निष्कर्ष conclusion

यदि आप जंक फूड खाने के आदी है तो निश्चय ही आपको इस पर नियंत्रण करना आवश्यक है। यदि हम कम से कम जंक फूड खाये और अपनी सेहत का ध्यान रखें तो हमारे स्वास्थ पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा। लेकिन आवश्यकता से अधिक या बहुत जंक फूड खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। मां बाप को बच्चों को जंक फूड की लत लगने से रोकने के लिए उपाय सोचने चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं इसकी हानियों को समझना चाहिए। उपयुक्त उपायों को ध्यान मे रखकर जंक फूड खाने की अधिक आदत से स्वयं को बचाना चाहिए।

हमें अपने अंदर जंक फूड को लेकर नियंत्रण लाना होगा। यदि एक बार हमारे अंदर संयम आ जाए और हम रोज रोज जंक फूड खाने की आदत से बच जाए तो कभी कभी जंक फूड के मज़े ले सकते है।

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Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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