Site icon Help Hindi Me

History of Ladakh in Hindi

History of Ladakh in Hindi
Pic: Pangong Lake, Ladakh
History of Ladakh & Interesting Facts in Hindi | लद्दाख का इतिहास और रोचक तथ्य

History of Ladakh & Interesting Facts in Hindi | लद्दाख का इतिहास और रोचक तथ्य

लद्दाख भारत का सबसे कम आबादी वाला केंद्र शासित प्रदेश है। इसके उत्तर में काराकोरम पर्वत तथा दक्षिण में हिमालय पर्वत है। लद्दाख कोई लंबे समय से भारत का केंद्र शासित प्रदेश नहीं था बल्कि यह भारत का हाल ही में बनाए केंद्र शासित प्रदेश है, क्योंकि भारत सरकार ने साल 2019 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पारित किया।

इसके बाद 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख भारत के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल हुआ। वैसे क्षेत्रफल की दृष्टि से लद्दाख भारत का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन जनसंख्या की दृष्टि से यह सबसे कम आबादी वाला केंद्र शासित प्रदेश है। तो आइए जानते हैं भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जुड़ी सारी जानकारी हिंदी में:-

नामलद्दाख
राजधानीलेह
जिलेलेह और कारगिल
जनसंख्या2,74,289 (2011)
क्षेत्रफल59146 वर्ग किमी
भाषाएंहिंदी, लद्दाखी, तिब्बती
स्थापना31 अक्टूबर, 2019
History of Ladakh & Interesting Facts in Hindi | लद्दाख का इतिहास और रोचक तथ्य

लद्दाख का इतिहास (History of Ladakh)

लद्दाख का इतिहास काफी पुराना है, यहां पर कई लोगों का शासन रहा। 1834 की बात है उस दौरान कश्मीर के महाराजा रंजित सिंह कि सेना के अभिन्न अंग जोरावर सिंह ने लेह लद्दाख में जीत हासिल की थी।

1842 में जाकर यहां के विद्रोह को दबाकर डोगरा वंश को लद्दाख से जोड़ा गया। इसके बाद 1850 में यहां पर अंग्रेजों की रूचि बढ़ गई। लद्दाख पर शासन का यह सिलसिला 1947 तक चलता रहा और 1947 में जब देश आजाद हुआ तब कश्मीर के राजा हरी सिंह ने यह फैसला लिया कि वे भारत के साथ विलय करेंगे। उस दौरान लद्दाख जम्मू कश्मीर के हिस्से के रूप में भारतीय संघ में शामिल हो गया।

लेकिन 1948 में भी लद्दाख को हथियाने की साजिश पाकिस्तान ने रची। वे कारगिल और जांसकर में घुस गए लेकिन उनके मंसूबे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिए। हमेशा पाकिस्तान और चीन ने लद्दाख को अपना हिस्सा बताया है। साथ ही उस पर कब्जा जमाने की कोशिशें भी की है। साल 2019 में जाकर यह भारत का नवा केंद्र शासित प्रदेश बना।

लद्दाख की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Ladakh)

अब आते हैं लद्दाख की भौगोलिक स्थिति पर, लद्दाख के उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएं हैं। इसके उत्तर पश्चिम में हिमालय के पर्वतीय क्रम आते हैं। वैसे तो यहां की सिंधु मुख्य नदी है लेकिन यहां की नदियां कुछ समय ही प्रवाहित होती है क्योंकि अधिकांश समय यह बर्फ में जम जाती है। लद्दाख का क्षेत्रफल 5,9146 वर्ग किलोमीटर है।

लद्दाख क्षेत्र शुष्क है यही वजह है कि यहां पर ज्यादा वनस्पतियां नहीं है। आपको यहां पर छोटी-छोटी घास और झाड़ियां ही देखने को मिलेंगी। यहां सरपत विलो तथा पॉपलर के उपवन देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं यहां आपको पशु और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलेगी।

पक्षियों में रॉबिन, रेट स्टार्ट, रेवेन, तिब्बती स्नोकॉक पाए जाते हैं। वही यहां के लोग जंगली पशुओं जैसे कि जंगली भेड़, बकरी, कुत्ते आदि को पालते हैं।

लद्दाख की संस्कृति (Culture of Ladakh)

लद्दाख के लोगों का रहन सहन, संस्कृति काफी हद तक तिब्बत और नेपाल से प्रभावित है। यहां के लोग घुमक्कड़ होते हैं तथा किसी एक जगह पर स्थाई नहीं रहते। लद्दाख के पूरे भाग में रहने वाले लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। इसके पश्चिमी भाग में ज्यादातर लोग मुसलमान हैं। यहां के रहने वाले लोगों का मुख्य पेशा खेती है। खेती के साथ ये पशुपालन भी किया करते हैं।

लद्दाख की भाषा (Official Language of Ladakh)

लद्दाख में तिब्बतियन, लद्दाखी और उर्दू भाषा बोली जाती है। वैसे तो यहां पर रहने वाले स्थानीय लोग लद्दाख की भाषा में ही बातचीत करना पसंद करते हैं। इस जगह हमेशा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है इसीलिए यहां के लोग हिंदी भी समझते हैं।

लद्दाख की वेशभूषा (Traditional Attire of Ladakh)

लद्दाख का पहनावा काफी ज्यादा अलग होता है। यहां के पुरुष “Goucha” नामक एक ऊनी कपड़ा पहनते हैं जो कि काफी लंबा होता है। इसके अलावा यहां की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों के नाम “Kuntop” और “Bok” है। वहीं यहां के लोग एक विशेष प्रकार की टोपी पहनते हैं जिसे “Perak” के नाम से जाना जाता है।

लद्दाख का खानपान (Traditional Food of Ladakh)

किसी जगह की संस्कृति वहां के खानपान में झलकती है ऐसा ही लद्दाख के साथ भी है। लद्दाख के खाने का पारंपरिक ज़ायका यहां के पर्यटकों को काफी पसंद आता है। यहां पर कई तरह के डिशेज पाए जाते हैं जिनका स्वाद आप चख सकते हैं। आइए जानते हैं यहां के कुछ मशहूर खान पान के बारे में:-

याक चीज़ जैसा कि नाम से ही पता चलता है। वह चीज जिसे याक के दूध से बनाया जाता है। लेकिन याक के दूध से बना यह चीज स्वाद में काफी अलग होता है क्योंकि इसे तैयार करने के लिए इसमें खट्टे फलों का रस मिलाया जाता है। यहां के हर लोकल दुकानों में याक का चीज पाया जाता है।

टीमों को खमीर वाले ब्रेड तथा सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है। यह वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन दोनों ही रूपों में पाया जाता है। यह एक खट्टा मीठा डिश है जिसे स्नेक्स के साथ-साथ खाने में भी खाया जाता है।

मक्खन की चाय को याक के दूध की क्रीम से बनाया जाता है। यह पीने में आम चाय से काफी ज्यादा अलग होता है। वैसे तो यह चाय होटल्स वगैरह या रेस्टोरेंट्स में कहीं नहीं मिलेगी। लेकिन यहां के लोग अपने घरों में इस चाय को खूब बनाते हैं। इस चाय का रंग गुलाबी होता है तथा स्वाद में यह नमकीन होता है।

लद्दाख के त्योहार (Festivals of Ladakh)

लद्दाख में बौद्ध और मुस्लिम लोगों की जनसंख्या ज्यादा है इसलिए यहां पर ज्यादातर धार्मिक और फसलों से जुड़े त्योहारों को बनाया जाता है। यहां का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है “Hems Tse-chu”. इसके अलावा यहां पर बौद्ध धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार “Dosmoche Festival” है।

इस त्योहार में बौद्ध लोग नृत्य करते हैं और साथ ही प्रार्थना भी करते हैं। इसके अलावा लद्दाख के प्रमुख त्योहारों में “Losar festival” , Sindhu Darshan Festival, Laddakh Festival शामिल है।

लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Ladakh)

लद्दाख का लेह महल तिब्बत के पोताला पैलेस जैसा है। इस महल में भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े कई क्षेत्रों को आप देख पाएंगे। इस महल का निर्माण नामंग्याल द्वारा किया गया था।

यह मस्जिद काफी विशाल और भव्य है। इसका निर्माण नामग्याल द्वारा करवाया गया। दरअसल उन्होंने इस मस्जिद को अपनी मां की याद में बनवाया था, जो कि मुस्लिम थी। यह मस्जिद 17वी शताब्दी के कलात्मक इमारतों का बेजोड़ नमूना है।

स्टॉक पैलेस का निर्माण 1825 में किया गया था। इसका निर्माण राजा सेसप्ला तोंडूप ने करवाया था। यहां पर आपको कई प्राचीन वस्तुएं जैसे कि पुराने सिक्के, मुकुट शाही, परिधान, तरह-तरह की शाही वस्तुएं आदि देखने को मिलेंगी।

लद्दाख के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Some Interesting Facts about Ladakh in Hindi)

  1. लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील को दुनिया की सबसे खारे पानी की झील कहा जाता है।
  2. लद्दाख की बैली ब्रिज को विश्व की सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित पुल कहा जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5602 मीटर है। इस पुल का निर्माण भारतीय सेना द्वारा 1982 में करवाया गया था।
  3. पूरे भारत में लद्दाख ऐसा स्थान है जहां पर दो कूबड़ वाले ऊंट पाए जाते हैं।
  4. लद्दाख विश्व का सबसे ज्यादा रहस्यमय स्थान है। यहां पर एक मशहूर मैग्नेटिक हिल है जिसकी ओर आकर्षित होकर गाड़ियां ढलान पर अपने आप ऊपर चली जाती हैं।
  5. दुनिया भर के 7000 हिम तेंदुओं में से 2000 हिम तेंदुए लद्दाख में पाए जाते हैं।
  6. लद्दाख में सबसे ज्यादा आइस हॉकी खेली जाती है। यह हॉकी यहां के प्राकृतिक बर्फ के ऊपर खेली जाती है।
  7. लद्दाख में ज्यादातर आय यहां पर पर्यटन से आती है। हर साल यहां एक लाख के करीब पर्यटक घूमने आते हैं।

त्रिपुरा का इतिहास

तेलंगाना का इतिहास

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना लद्दाख का इतिहास और रोचक तथ्य (Ladakh History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

Exit mobile version