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ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है पर निबंध

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ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है पर निबंध | Essay on ‘Honesty is the best policy’

यदि हम जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उसका एकमात्र रास्ता है ईमानदारी।

बेईमानी से किया गया कोई भी काम कभी सफल नहीं होता और ईमानदारी से किया गया कार्य से कभी असफल नहीं होता। स्थिति चाहे जो भी हो, जो व्यक्ति ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ता वह हमेशा जीवन में सम्मान प्राप्त करता है।

बेंजामिन फ्रैंकलीन द्वारा कही गई कहावत ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है बहुत ही प्रसिद्ध कहावतों में से एक है।

धोखा, छल, कपट करके कोई व्यक्ति पैसा तो कमा सकता हैं लेकिन ऐसा करके उसकी अंतरात्मा कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाएगी।

ईमानदार व्यक्ति समाज में सम्मान प्राप्त करता है, लोग पीठ पीछे भी ऐसे लोगों की सराहना करते हैं।

ईमानदारी का अर्थ (Honesty meaning in Hindi)

Honesty is the best policy meaning in Hindi = ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है

ईमानदारी का अर्थ है जीवन के किसी भी स्थिति में सच्चाई का साथ न छोड़ना। आज लोग अधिक धन कमाने के लिए या अपना काम निकलवाने के लिए छल कपट और भ्रष्टाचार करते हैं।

झूठ बोलना, धोखा देना, भ्रष्ट काम करना, यह सब इतना आम हो गया है कि हम अपने आसपास यह सब देख सकते हैं।

आज के समय में ईमानदार व्यक्ति काटों के बीच गुलाब के फूल के समान होता है।

जिस प्रकार काटों के बीच में गुलाब का फूल सबका ध्यान आकर्षित करता है उसी प्रकार एक ईमानदार व्यक्ति समाज में लोगों का ध्यान आकर्षित करता है, समाज मे एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे लोगों का सभी सम्मान करते हैं, उनकी बातें मानते हैं और उनका अनुसरण करते हैं।

हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी इमानदारी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने ईमानदारी और सच्चाई के बल पर भारत को गुलामी के चंगुल से आजाद कराया। इससे हमें यह संदेश मिलता है कि परेशानी जितनी भी बड़ी हो, परिस्थिति जैसी भी हो यदि हम ईमानदारी का साथ न छोड़े तो हम दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या को हल कर सकते हैं।

ईमानदारी का हमारे जीवन में महत्व (Importance of Honesty in our life)

ईमानदारी वास्तव में सबसे अच्छी नीति है।

ईमानदार व्यक्ति न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहता है वह सभी प्रकार की चिंताओं परेशानीयों से दूर रहता है। जब हमारा मन शांत और स्वस्थ हो तो हम बीमारियों से मुक्त रहते हैं।

ईमानदार व्यक्ति समाज में उचित स्थान प्राप्त करते हैं लोग उन्हें, ऐसे लोगों पर विश्वास करते हैं और उनका आदर करते हैं। ऐसे व्यक्तियों से सभी संबंध बनाकर रखना चाहते हैं।

ईमानदारी किसी भी व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक सोच और विचारों को निकालना है सकारात्मक विचार डालती है।

ईमानदार व्यक्ति अपने कार्यों से समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और लोगों को प्रभावित करते हैं। लोग उनके जैसा बनना चाहते हैं।

एक ईमानदार व्यक्ति के रिश्ते हमेशा दूसरों से मजबूत होते हैं, फ़िर चाहे वह कारोबार में हो या फिर परिवार में।

ईमानदारी एक ऐसी शक्ति है जिसके मार्ग पर चलकर हमें कभी भी विफलता प्राप्त नहीं होगी। ईमानदार व्यक्ति सदैव निडर और सहज रहता है।

परंतु ईमानदार होने का मतलब मैं बिल्कुल भी नहीं है कि हम लोगों के दुर्व्यवहार या गलत चीज को चुपचाप सहन करें। ईमानदार होने का मतलब यह है कि हम सच्चाई का साथ दें और सच के लिए आवाज़ उठाएं, गलत कार्य करने वाले लोगों को रोके।

ईमानदारी के उदाहरण पर कहानी (Story on Honesty)

एक समय की बात है एक गांव में एक गरीब लकड़हारा रहा करता था। वह बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजारा करता था। रोज सुबह उठकर वह अपने गांव के पास स्थित जंगल में जाकर लकड़िया काटता और उन्हें बाजार में जाकर बेचता था। एक दिन रोज़ की तरह वह सुबह उठकर जंगल गया और नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ी काटने लगा। लकड़ी काटते हुए उसकी कुल्हाड़ी हाथ से छूटकर नदी में जा गिरी। लकड़हारा बहुत ही परेशान हो गया क्योंकि उसके पास एक ही कुल्हाड़ी थी जिससे वह अपने परिवार का खर्चा उठाता था। लकड़हारा दुखी मन से वहीं बैठ गया हो और भगवान से प्रार्थना करने लगा कि उसे उसके खिलाड़ी वापस मिल जाए। लकड़हारे की गुहार पर भगवान महा प्रकट हुए और उन्होंने उससे पूछा- ‘पुत्र क्या समस्या है तुम्हें?’

लकड़हारे ने भगवान को बताया कि उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है और उसने भगवान से प्रार्थना की कि वह उसकी कुल्हाड़ी वापस दिला दे। लकड़हारे के कहने पर भगवान ने नदी में हाथ डाला और एक कुल्हाड़ी निकालने को चांदी की बनी थी। भगवान ने लगाए से पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ लकड़हारे ने बोला- ‘नहीं भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है’।

भगवान ने फिर से नदी में हाथ डाला और दूसरी बार सोने की कुल्हाड़ी निकाली इस बार फ़िर भगवान ने पूछा- ‘पुत्र क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’

लकड़हारे ने फिर वही जवाब दिया- ‘नहीं भगवान यह सोने की कुल्हाड़ी मेरी नहीं है, मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की बनी थी’।

भगवान मुस्कुराए और लकड़हारे की इमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने पुनः नदी में हाथ डाला और इस पर उन्होंने लकड़हारे की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा- ‘क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?’ इस बार लकड़हारे ने प्रसन्नता से हां में सिर हिलाया और कहा- ‘हां भगवान यह मेरी कुल्हाड़ी है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद’।

भगवान लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए और बोले- ‘पुत्र में तुम्हारी ईमानदारी देखकर बहुत ही प्रसन्न हूं हुआ हूं। इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारी कुल्हाड़ी के साथ यह सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी उपहार में देता हूं’। यह कह कर भगवान वहां से अंतर्ध्यान हो गए।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की परिस्थिति चाहे कैसी क्यों न हो यदि हम ईमानदार रहेंगे तो हमारे साथ कभी कुछ बुरा नहीं होगा। ईमानदार व्यक्तियों पर भगवान भी सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं और एक न एक दिन ऐसे लोगों को अपनी ईमानदारी का फल जरूर मिलता है।

ईमानदारी पर कुछ महान लोगों के अनमोल विचार (Precious thoughts of some great people on Honesty)

बड़प्पन अमीरी में नहीं बल्कि ईमानदारी और सज्जनता में है- पंडित श्री राम शर्मा आचार्य।

ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है- बेंजामिन फ्रैंकलीन।

किसी के मरने के उपरांत मिलने वाला कोई धन इमानदारी से अधिक मूल्यवान नहीं है- शेक्सपियर।

ईमानदार होने का अर्थ है सब कुछ खुला है जीवन में कोई भय नहीं है किसी से कोई अपेक्षा नहीं है इसलिए ईमानदार व्यक्ति का चेहरा प्रसन्नता से जगमगाता रहता है- किशोर स्वामी।

ईमानदार आदमी ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है-पोप।

ईमानदारी मनुष्य स्पष्ट भाषी होता है उसे अपनी बातों में नमक मिर्च लगाने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है –प्रेमचंद।

यदि तुम्हारा ह्रदय मे ईमान भरा है तो एक शत्रु क्या सारा संसार आपके सम्मुख हथियार डाल देगा –स्वामी रामतीर्थ।

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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