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Rhinoceros के बारे में रोचक तथ्य

Rhinoceros Facts in Hindi
50 Rhinoceros Facts in Hindi | भारतीय एक सींग वाले गैंडे के बारे में 50 रोचक तथ्य

भारतीय एक सींग वाले गैंडे के बारे में रोचक तथ्य | Rhinoceros Facts in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं दुनिया में धीरे-धीरे कई महत्वपूर्ण जीव-जंतु लुप्त होते जा रहे हैं या लुप्त होने की कगार पर हैं। मनुष्य की गतिविधियों ने इन जीवों को लुप्त होने की कगार पर पहुंचा दिया है।

लेकिन अभी भी कुछ अनोखे जीव-जंतु इस धरती पर मौजूद है। आज हम आपको ऐसे ही एक जानवर के विषय में बताने वाले हैं जो की हाथी जितना बड़ा और बलशाली है तथा गुस्सा आने पर यह चीते जितना तेज भाग सकता है। इस स्तनधारी जानवर का नाम गैंडा है। वैसे तो विश्व में गैंडे की 5 प्रजातियां पाई जाती है। लेकिन भारतीय गैंडों की कई खासियत होती है।

इस आर्टिकल में हम आपको भारतीय गैंडों के बारे में 50 रोचक तथ्यों बताएंगे तो आइए जानते हैं:-

01-10 Interesting Facts about the Rhinoceros in Hindi

1. भारतीय गैंडों को एक सींग वाले गैंडे के नाम से जाना जाता है। इस गैंडे की एक सींग होती है और इसी वजह से इसका अवैध शिकार किया जाता है।

2. भारतीय गैंडा विश्व के चौथे सबसे बड़े जलचर जीव की श्रेणी में आता है।

3. भारतीय गैंडे उत्तरी भारत में पाए जाते है। यह उत्तर-पूर्वी राज्यों तथा नेपाल में मुख्यतः देखे जा सकते हैं।

4. भारतीय गैंडे, गैंडों की प्रजाति में सबसे विशाल प्रजाति है।

5. भारत में सबसे ज्यादा एक सींग वाले गैंडे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं।

6. पहले भारत के पूरे उत्तरी भाग में एक सींग वाले गैंडे बहुतायत में पाए जाते थे लेकिन धीरे-धीरे अवैध शिकार कि वजह से इनकी आबादी घटने लगी।

7. बीसवीं सदी के दौर में तो भारतीय गैंडों की संख्या इतनी कम हो गई थी कि यह लुप्त होने की कगार पर आ गई। इस दौरान भारतीय गैंडों की संख्या सिर्फ 200 थी।

8. साल 1910 में भारत में एक सींग वाले गैंडों के शिकार को अवैध करार दिया गया।

9. साल 1970 में गैंडों का संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था जिस वजह से अब भारतीय गैंडों की संख्या 3700 से ज्यादा हो गई है।

10. गैंडों को लुप्त होता देख 1975 में भारतीय गैंडों को CITES की सूची-1 में शामिल किया गया।

11-20 Amazing Facts about the Rhinoceros in Hindi

11. साल 1980 में भारत में गैंडों के संरक्षण के लिए प्रयास किए गए जिसके अंतर्गत काजीरंगा नेशनल पार्क में गैंडों के संरक्षण और रखरखाव की व्यवस्था की गई।

12. इन्हें साल 2008 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (The International Union for Conservation of Nature) की सूची में लुप्तप्राय प्रजाति से असुरक्षित प्रजाति की श्रेणी में शामिल किया गया।

13. गैंडे का शिकार करना जैव संतुलन को बिगाड़ सकता है।

14. गैंडों के अवैध शिकार के साथ इनकी तस्करी भी खूब की जाती है। एशिया में इनके सींगो का निर्यात किया जाता है। सबसे ज्यादा गैंडों के सींगों का निर्यात करने वाला देश उत्तरी यमन है। वैसे कई देशों ने गैंडे क शिकार को प्रतिबंधित किया है लेकिन अभी भी इनके सींग और चर्म की चोरी छिपे तस्करी की जाती है।

15. जानकारी के लिए बता दे, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैंडों के सींग की कीमत 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है।

16. कई लोग अंधविश्वास में आकर यह बताते हैं कि गैंडे के सींग और चर्म में औषधीय गुण होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता, गैंडे के सींग और चमड़े से किसी भी तरह औषधि नहीं बनाई जा सकती।

17. प्राचीन भारत में राजकुमारों को बुरी शक्ति तथा बीमारियों से बचाने के लिए गैंडे के सींग से बनी ताबीज पहनाई जाती थी।

18. अरब में रहने वाले लोगों की यह मान्यता है कि गैंडे के सींग से बनाए गए प्याले से यदि पेय पदार्थ पिया जाए तो विष अथवा ज़हर का असर नहीं होता। गौरतलब है, कि साल 1892 में भारत में भी गैंडे के सींग से बने प्याले पाए गए थे।

19. ऐसी मान्यता है कि गैंडे के सींग से शक्ति, यौवन और पुरुषत्व हासिल होता है।

20. गैंडे की सींग को दुर्लभ और बहुमूल्य वस्तु माना जाता है और इसी के लिए इसका शिकार भी किया जाता है।

21-30 भारतीय एक सींग वाले गैंडे के बारे में रोचक तथ्य

21. गैंडे यदि घायल या फिर गुस्से में हो तो यह उग्र रूप धारण कर लेते हैं। गुस्से में ये भयंकर गुर्राहट करते हैं तथा अपने शत्रु पर दौड़कर सींग से वार करते हैं। यह अपने बल से कई टन वजनी चीजों को भी उछालने की निपुणता रखते हैं।

22. लेकिन सींग से वार सिर्फ अफ्रीकी गैंडे करते हैं वहीं भारतीय गैंडे कभी भी अपने सींग का प्रयोग हथियार के रूप में नहीं करते।

23. भारतीय गैंडों को काफी ज्यादा गर्मी लगती है इसीलिए यह रात में ही विचरण करते हैं और दिन भर कीचड़ में लेटे रहते हैं।

24. गैंडे 8 से 10 वर्षों तक अपना जीवन चक्र जीते हैं। 3 से 4 साल में ही ये वयस्क बन जाते हैं वयस्क गैंडे इतने निर्भय तथा इतने शक्तिशाली होते हैं कि कोई भी जीव या जंतु इन्हें हरा नहीं सकता।

25. अन्य वन्य प्राणियों की तुलना में गैंडों का पारिवारिक जीवन भी काफी भिन्न होता है। एक नर गैंडे के जीवन में सिर्फ एक ही मादा गैंडा होती है।

26. मादा गैंडों का प्रजनन काल फरवरी से अप्रैल के अंत तक होता है। यह 4 साल में एक बार गर्भधारण करती हैं।

27. गैंडों की यह विशेषता होती है कि यह एक ही स्थान पर मल विसर्जित करते हैं।

28. गैंडे अपने स्वभाव से शाकाहारी होते हैं तथा यह रात में विचरण करते हैं। यह ज्यादातर समय अकेले या फिर जोड़ों में रहते हैं।

29. जैसा कि हमने बताया गैंडे शाकाहारी होते हैं इन्हें सबसे ज्यादा घास, पत्ती और कोंपलों, लताओ तथा मुलायम टहनियों को खाना पसंद होता है।

30. गैंडे गुफाओं में नहीं रहते। यह स्वतंत्र विचरण करना पसंद करते हैं।

31-40 Unknown Facts about the Rhinoceros in Hindi

31. गैंडों की चमड़ी की विशेषता है कि यह इनका अत्यधिक सर्दी व गर्मी से बचाव करती है।

32. भारतीय गैंडों की एक सींग की वजह से इन्हें Rhinoceros Unicornis के नाम से जाना जाता है। गैंडे के सींग “कैटरीन” के बने होते है। कैटरीन कुछ और नहीं बल्कि गैंडे के मजबूत बालों का गुच्छा होता है, एक बार सींग के टूट जाने के बाद वापस यह बाल बढ़ कर सींग का रूप ले लेते है।

33. आंकड़ों के मुताबिक भारत में एक सींग वाले गैंडे करीब 3600 (वर्ष 2020 के अनुसार) से ज्यादा नहीं है।

34. सफेद गैंडों की ऊंचाई 6 फुट तथा लंबाई 10 से 12 फुट होती है, इसका वजन 2 से 3 टन होता है।

35. गैंडों की प्रजाति में सुमात्रा गैंडा सबसे छोटा होता है। इसका वजन 1 टन से भी कम होता है तथा यह ऊंचाई में भी छोटा होता है।

36. जैसा कि आप जानते हैं गैंडों को अंग्रेजी में Rhinoceros के नाम से जाना जाता है। इसमें Rhino का मतलब नाक और Ceros का मतलब सींग होता है। यानी कि एक ऐसा जीव जिसके नाक पर सींग हो। जैसा कि आप जानते हैं गैंडों की कुछ प्रजातियों के नाक पर एक सींग तथा कुछ प्रजातियों के नाक पर दो सींग होती है।

37. गैंडों की 5 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से 2 प्रजातियां अफ्रीका में तथा 3 दक्षिण एशियाई देशों में पाई जाती है। गैंडों की पांच प्रचलित प्रजातियों में शामिल है सफेद गैंडे, काले गैंडे, भारतीय गैंडे, सुमात्रा गैंडे तथा जवन गैंडे।

38. वैश्विक स्तर पर 22 सितंबर को विश्व राइनो दिवस मनाया जाता है। यह दिन मुख्यतः इन 5 गैंडों की प्रजाति के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विचार करने के लिए मनाया जाता।

39. 1850 तक भारत में बंगाल तथा उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों में बड़ी संख्या में गैंडे पाए जाते थे। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती रही और अब यह असम में ही सिमट कर रह गए है।

40. गैंडों को लंबी घास के मैदानों तथा दलदली और कीचड़ पर रहना ज्यादा पसंद है।

41-50 Rhinoceros ke bare me Rochak Tathya

41. गैंडा एक शांत प्राणी होता है, लेकिन जब तक इसे गुस्सा न आए। यह धीमी चाल चलता है हालांकि गुस्सा आने पर यह सरपट दौड़ भी सकता है।

42. मादा गैंडों का वजन 1500 किलो होता है जबकि नर गैंडों का वजन 2000 किलो होता है।

43. यदि बात करें भारतीय गैंडों के लंबाई की तो इनकी लंबाई 12 फुट तथा 5 से 6 फुट की ऊंचाई होती है।

44. ऐसा बताया जाता है कि गैंडे के सींग सोने व हीरे से भी अधिक मूलयवान होती है।

45. यदि गैंडों का सींग एक बार टूट जाता है तो यह दोबारा बढ़ जाता है।

46. गैंडों की आंखों की रोशनी अच्छी नहीं होती। लेकिन इनके सुनने और सूंघने की क्षमता काफी तीव्र होती है।

47. प्राचीन समय में गैंडों के चमड़ी, सींग तथा हड्डियों का इस्तेमाल कवच, ढाल तथा अस्त्र बनाने के लिए किया जाता था।

48. ऐसा कहा जाता है कि आदिकाल में गैंडों का शिकार कर वीरता दिखाई जाती थी। भारत में क्षत्रिय राजाओं की परंपरा रही है कि वह गैंडों का शिकार करते थे।

49. वन्य प्राणी विशेषज्ञ कहते हैं कि प्राचीन समय में गैंडों की 30 प्रजातियां थी लेकिन वर्तमान में से 5 प्रजातियां बची हैं।

50. बाबर ने अपने संस्मरण में बताया है कि पहले सिंधु घाटी के घास तथा हरी-झाड़ियों वाले मैदानों पर गैंडों का आखेट किया जाता था।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख के माध्यम से आपने भारतीय गैंडों के बारे में रोचक तथ्यों को जाना। जैसा कि आप जानते हैं गैंडे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में इनका संरक्षण जरूरी है क्योंकि यदि गैंडे विलुप्त हो जाते हैं तो इससे पारिस्थितिक तंत्र में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

पेंगुइन के बारे में रोचक तथ्य

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तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना Rhinoceros Facts in Hindi (भारतीय एक सींग वाले गैंडे के बारे में रोचक तथ्य), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

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Author:

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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