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Ways To Save Environment In Hindi

Ways To Save Environment Essay In Hindi
Ways To Save Environment Essay In Hindi | पर्यावरण को बचाने के तरीके पर निबंध

Ways To Save Environment In Hindi | पर्यावरण बचाने के तरीके

मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इतना बढ़ गया है कि आज हमारा पर्यावरण संकट में पड़ चुका है। कोरोना महामारी के आने के बाद से ही हमें स्वच्छ वायु की अहमियत का पता चला। महामारी के दौरान लोगों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। जिस वजह से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन को खरीदा-बेचा गया। लेकिन यदि शुरुआत से ही अधिक से अधिक पेड़ लगाए गए होते तो आज हमें शायद इस कृत्रिम ऑक्सीजन का सहारा न लेना पड़ता।

भूमिका

पर्यावरण में आए संकट को प्रत्येक व्यक्ति अपने सहयोग से दूर कर सकता है। यदि हम अपने दैनिक दिनचर्या में थोड़ा-सा बदलाव करें तो हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। यह छोटे-छोटे बदलाव हमारे पर्यावरण की रक्षा में बड़ी-बड़ी भूमिका निभाते हैं।

इन कार्यों में प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना, घरों से निकलने वाले कूड़े को गीले व सूखे कूड़े में विभाजित करना, किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना और अपने खेतों में कम रसायनों का इस्तेमाल करना शामिल है।

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता

मनुष्य को जीवित रहने के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना होगा क्योंकि मनुष्य को ऑक्सीजन और जीने के लिए लगभग सभी बुनियादी चीजें पर्यावरण से ही मिलती हैं। यदि पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ जाता है तो इससे हमें सांस लेने में कठिनाई होगी। वहीं यदि यह प्रदूषण पानी में हो जाता है तो हमें पीने के लिए साफ जल नहीं मिलेगा। दूषित वातावरण की वजह से भी मनुष्य में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं।

पर्यावरण रक्षा के लिए 3R

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमेशा 3 R के चक्र का पालन करने की हिदायत दी जाती है। हम में से बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। दरअसल 3r का तात्पर्य है :-

  1. कम उपयोग (Reduce):- इसका अर्थ है पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं के उपयोग को कम करना। जैसे प्लास्टिक, बिजली से चलने वाली वस्तुओं का कम उपयोग जिससे बिजली को बचाया जा सकें। पानी को बचाने के लिए पानी का कम इस्तेमाल करना, टपकते हुए नल को बंद करना आदि।
  2. पुनः चक्रण (Recycle):- पुनर्चक्रण का मतलब है, उपयोग की गई वस्तुओं को दोबारा उपयोग में लाना। जैसे कि आप फलों व सब्जियों के छिलकों को इकट्ठा करके उन्हें खाद में परिवर्तित करके इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह प्लास्टिक की वस्तुओं का भी पुनर्चक्रण संभव है।
  3. पुनः उपयोग (Reuse):- पुनः चक्रण में वस्तुओं का फिर से उपयोग करने के लिए आपको निश्चित समय सीमा तक इंतजार करना पड़ता है। लेकिन पुनः उपयोग के लिए आप किसी भी चीज का बार-बार उपयोग करते हैं जैसे कि खराब कॉपी के पन्नों से लिफाफे बनाना, कोल्ड ड्रिंक की बोतल का इस्तेमाल पानी व तेल रखने के लिए करना आदि।

पर्यावरण की रक्षा करने के तरीके

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोग नीचे बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं :-

  1. पेड़ों की सुरक्षा: हमें लोगों को पेड़ काटने से रोकना चाहिए क्योंकि पेड़ मनुष्य के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज यानी की ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इसके साथ ही पेड़ प्रदूषण को सोखने की क्षमता रखते हैं। जिससे हम स्वच्छ हवा में सांस ले सकते हैं। इसीलिए पेड़ों की सुरक्षा करने के साथ ही हमें लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। आप अपने घरों के गमलों में छोटे-छोटे पौधे लगाकर भी इस ओर प्रयास कर सकते हैं।
  2. मोटर वाहनों का कम इस्तेमाल: स्कूटर, बाइक, गाड़ी जैसे वाहन पेट्रोलियम से चलते हैं। पेट्रोलियम एक प्राकृतिक संसाधन है जिसका दोहन करने से हमें बचना चाहिए। इसके साथ ही पेट्रोलियम के जलने से पर्यावरण प्रदूषित होता है इसीलिए ज्यादा से ज्यादा CNG और विद्युत चलित वाहनों का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  3. पानी और बिजली की बचत: हमें भूमिगत जल का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। बेवजह पानी को बहता नहीं छोड़ना चाहिए। इसके साथ ही बिजली का इस्तेमाल जितना कम हो सके उतना करना चाहिए जिससे ऊर्जा को संरक्षित किया जा सके।
  4. वर्षा जल संरक्षण: लोगों को वर्षा जल संरक्षण में ध्यान देना चाहिए। वर्षा के जल का इस्तेमाल पेड़ पौधों में पानी देने, बर्तनों को धोने जैसे कार्यों में लगाना चाहिए।
  5. जनसंख्या नियंत्रण: जनसंख्या में लगातार हो रही वृद्धि की वजह से लोगों की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही है। जिस वजह से पर्यावरण का दोहन हो रहा है। अगर जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाता है तो इससे पर्यावरण को कहीं हद तक बचाया जा सकता है।
  6. लोगों को जागरूक करके: यदि समाज में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण की और प्रयास करता है तो हम इस उद्देश्य में जरूर सफल हो पाएंगे। इसीलिए लोगों को जागरूक करने के लिए सामाजिक स्तर पर अभियान चलाए जाने चाहिए।
  7. कचरे का प्रबंधन: पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कचरे का प्रबंधन करना जरूरी है। इसलिए कचरे को हमेशा ठोस और गीले कचरे में विभाजित करना चाहिए। वे कूड़ा-करकट जो मृदा को नुकसान पहुंचाते हैं उन्हें हमेशा अलग रखना चाहिए। जबकि गीले कचरे का इस्तेमाल खाद बनाने के लिए किया जाना चाहिए।
  8. प्लास्टिक का कम इस्तेमाल: जितना हो सके प्लास्टिक के उपयोग को कम करना होगा। प्लास्टिक की बोतल में बिकने वाले उत्पादों को खरीदने से बचें। घर पर भी प्लास्टिक की जगह कांच और मेटल कंटेनर का इस्तेमाल करें।
  9. बाजार से सब्जी खरीदने के दौरान हमेशा कपड़े का थैला लेकर जाएं और जितना हो सके एक साथ ही सामान खरीदें जिससे बार-बार सामानों की पैकेजिंग नहीं करनी पड़े।
  10. किसी भी सामाजिक समारोह के दौरान डिस्पोजल प्लेट के बजाय पत्तल या फिर स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें।

निष्कर्ष

ऊपर बताए गए उपायों का पालन करके हम अपने पर्यावरण को तो सुरक्षित करेंगे ही साथ ही साथ हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। आज के आधुनिक युग में संचार प्रौद्योगिकी के विकास के बाद से ही कल-कारखानों में वृद्धि हुई है जिससे वातावरण में प्रदूषण लगभग बढ़ता ही जा रहा है। इस प्रदूषण को रोकने में पेड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिससे पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा संतुलित रहती है।

लेकिन मनुष्य अपने स्वार्थ में अंधा होकर वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है। इस कटाई की वजह से वृक्ष कम होते जा रहे हैं और प्रदूषण को रोकने की क्षमता भी घट रही है। ऐसे में वातावरण में प्रदूषण घूमता रहेगा जो कि मनुष्य के शरीर के अंदर प्रवेश कर उनमें कई तरह की बीमारियों को उत्पन्न कर देगा। इसलिए हमें ना सिर्फ अपने आज के लिए बल्कि अपने भविष्य के लिए भी पर्यावरण को सुरक्षित करना जरूरी है।

सरकार द्वारा भी समय-समय पर पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए कई अभियान चलाए गए। इनमें से स्वच्छ भारत अभियान प्रमुख है। इसके साथ ही समय-समय पर लोगों द्वारा भी कई कदम उठाए जाते हैं। बहुत सारे गैर सरकारी संगठन भी समय-समय पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अलग-अलग तरह की योजनाएं बनाते हैं। हालांकि पर्यावरण की सुरक्षा तभी अच्छे से हो पाएगी जब प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा।

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा पर्यावरण बचाने के तरीके (Ways To Save Environment In Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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