Site icon Help Hindi Me

जॉन मिल्टन की जीवनी

https://helphindime.in/who-is-john-milton-biography-jivani-jivan-parichay-wife-life-history-information-in-hindi/
जॉन मिल्टन की जीवनी | Who is John Milton | Biography | Jivani | Jivan Parichay | Wife | Life History | Information in Hindi

जॉन मिल्टन की जीवनी | John Milton Biography in Hindi

जॉन मिल्टन मध्ययुग के महाकवि थे उन्होंने पैराडाइज लॉस्ट नामक एक महाकाव्य की रचना की और विश्वभर में प्रसिद्धि हासिल की। उन्हें अंग्रेजी के कवि विलियम शेक्सपियर के बाद सबसे महत्वपूर्ण लेखक माना जाता है। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में-

नामजॉन मिल्टन
पेशाकवि और लेखक
जन्मतिथि9 दिसंबर 1608
जन्म स्थानलंदन, इंग्लैंड
मृत्यु तिथि8 नवंबर 1674
पिता का नामजॉनमिल्टन सीनियर
माता का नामसारा मिल्टन (सारा जेफ़री)
पत्नी का नाममेरी पॉवेल, कैथरीन वुडकॉक, एलिजाबेथ म्यूनशुल
च्चेऐनी, मैरी, जॉन, डेबोरा, कैथरीनमिल्टन
शिक्षाक्राइस्ट कॉलेज, कैंब्रिज
जॉन मिल्टन की जीवनी | Who is John Milton | Biography | Jivani | Jivan Parichay | Wife | Life History | Information in Hindi

जॉन मिल्टन का प्रारंभिक जीवन

9 दिसंबर 1608 ई. में जॉन मिल्टन का जन्म हुआ। वह लंदन स्थित चीपसाइड बस्ती के ब्रेडस्ट्रीट में पैदा हुए। उनके पिता साहित्य व कला के बहुत बड़े प्रशंसक थे और यही बालक मिल्टन को विरासत में मिला।

क्योंकि मिल्टन के पिता एक कट्टर रोमन कैथोलिक थे इसीलिए उनके पिता चाहते थे कि वह चर्च में पादरी बने लेकिन मिल्टन किसी अन्य व्यवसाय में जाना ही नहीं चाहते थे। वे रात भर पढ़ते रहते थे अपनी कड़ी मेहनत की वजह से वे आगे जाकर एक विद्वान बने। उन्होंने अपने कॉलेज के दौरान ही कविताओं की रचना शुरू कर दी थी।



ओ. हेनरी की जीवनी

जॉन मिल्टन की शिक्षा

जॉन मिल्टन की प्रारंभिक शिक्षा सेंट पॉल स्कूल, लंदन से हुई जब वे 11 वर्ष के थे तभी उन्होंने इस स्कूल में दाखिला लिया। इस स्कूल में उन्होंने ग्रीट, लैटिन और इतावली में अच्छा प्रदर्शन किया। इसी स्कूल में उनकी मित्रता चार्ल्स डियोडी से हुई जोकि एक लंबे समय तक उनके विश्वासपात्र मित्र बने रहे। इस दौरान उन्होंने एक लैटिन कविता की भी रचना की। इतना ही नहीं उन्होंने हिब्रू से अंग्रेजी में और बाद में ग्रीक में एक भजन का अनुवाद भी किया। आगे जाकर उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के क्राइस्ट कॉलेज में दाखिला लिया। इस कॉलेज में उन्होंने 7 वर्ष शिक्षा हासिल किया और 1629 में स्नातक हुए, यहां उन्होंने अपनी कक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया। 1632 में उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। लेकिन वे कैंब्रिज के अध्ययन से सन्तुष्ट नही थे क्योंकि वहां अध्ययन के लिए स्कोलास्टिज्म पर जोर दिया जाता था। कॉलेज की पढ़ाई तो समाप्त हुई लेकिन जॉन मिल्टन के पढ़ने की उत्कंठा चलती रही।



लिओ टॉलस्टॉय की जीवनी

जॉन मिल्टन का लेखन करियर

जॉन मिल्टन कई भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्हें लैटिन, डच, फ्रेंच, स्पेनिश, हिब्रू, इटैलियन आदि भाषाओं का ज्ञान था। 30 वर्ष की आयु में जॉन मिल्टन पेरिस गए। पेरिस से वह इटली की ओर रवाना हुए। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर समय रोम, फ्लोरेंस के अलावा इटली में बिताया। लेकिन जब उन्हें लंदन में हो रहे धार्मिक संघर्ष तथा अपने दोस्त की मृत्यु का पता चला तब वे 1639 में लंदन वापस लौट आए। वापस लौटने के बाद उन्होंने सत्ता के विरुद्ध प्यूरिटनों के सहायक के रूप में काम किया।

उस दौरान कैथोलिक बिशपों द्वारा धर्म पर नियंत्रण रखा जाता था। जिसके विरोध में जॉन मिल्टन ने 1641 से 1642 में पांच ट्रैक्ट्स (लीफलेट्स) निकाले। जब कॉमनवेल्थ की स्थापना हुई तब जॉन मिल्टन को विदेशी मामलों कि समिति में लैटिन सेक्रेटरी नियुक्त किया गया।

जीवन के अंतिम क्षणों में जॉन मिल्टन के आंखों की रोशनी जा चुकी थी। दृष्टिहीन होने की वजह से उन्हें लोगों के उपहास को भी झेलना पड़ा। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना साहित्यिक काम जारी रखा। दृष्टिहीन होने के बाद भी वे अपने जीवन के अगले 20 वर्षों तक कविताओं और खतों का लेखन बोलकर करते रहे। दरअसल, जॉन मिल्टन कविताओं की रचना बोलकर करते थे जिसे उनकी बेटियां, मित्र तथा अन्य कवि लिपिबद्ध किया करते थे।

उन्होंने इसी तरह ‘पैराडाइज लॉस्ट’ का लेखन करवाया। बता दें, पैराडाइज लॉस्ट बाइबल की कथावस्तु पर आधारित थी। जो आगे जाकर उनकी अमर कृति बनी। इस कृति में उन्होंने काव्य, नाटक, व्यंग्य, राजनीति, धर्मशास्त्र समेत कई विधाओं को शामिल किया। इसे 1667 ईस्वी में प्रकाशित किया गया। आगे जाकर उन्होंने 1671 ई. में पैराडाइज रिगेण्ड (Paradise Regained) और सैम्सन एगोनिस्ट्स(Samson Agonists) को प्रकाशित किया।



अब्राहम लिंकन की जीवनी

जॉन मिल्टन की प्रमुख रचनाएं

कॉलेज में शिक्षा के दौरान ही जॉन मिल्टन ने गद्य- पद्य दोनों ही विधाओं की रचना करना शुरू कर दिया था। उन्होंने पद्य रचना अधिक नहीं की इसके पीछे का कारण था कि वह लंबे समय तक धार्मिक और राजनीतिक विवादों में पड़े रहे। इन विवादों के लगभग 20 वर्षों तक मिल्टन ने गद्य की रचना की लेकिन इनकी रचना एरियोपैजिटिका(Areopagitica) के अलावा सभी निरर्थक साबित हुए।

जॉन मिल्टन के आरंभिक काव्य रचनाएं

1633 से 1639 के बीच की रचनाएं

गद्य रचनाएं

उत्तरकालीन काव्य



नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी

जॉन मिल्टन की प्रसिद्धि का कारण क्या है?

जॉन मिल्टन को अंग्रेजी के सबसे अच्छे लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी गणना विलियम शेक्सपियर के बाद होती है। दरअसल, उनकी प्रसिद्धि के पीछे का कारण है उनकी कृति पैराडाइज लॉस्ट है। इस कृति को वे 1639 से ही लिखना चाहते थे लेकिन साल 1658 में उन्होंने इसका लेखन शुरू किया, 1667 में इस कृति को प्रकाशित किया गया।

दरअसल, पैराडाइज लॉस्ट से तात्पर्य होता है ‘गुम हुई जन्नत’। अपने इस महाकाव्य में जॉन मिल्टन ने स्वर्ग से एक इंसान और एक शैतान को निष्कासित किए जाने का जिक्र किया है यह उस दौर में लिखा गया जब धर्म का ही समाज मे बोलबाला था।



बिल गेट्स की जीवनी

पैराडाइज लॉस्ट को लेकर विवाद

जॉन मिल्टन की कृति पैराडाइज लॉस्ट को लेकर कई भ्रांतियां और विवाद भी हैं। बता दे, यह उनकी विश्व प्रसिद्ध रचना है यही वह कृति है जिस वजह से मिल्टन को ख्याति प्राप्त हुई। बताया जाता है कि जिस समय उन्होंने पैराडाइज लॉस्ट की रचना की उससे 6 साल पहले ही उनके आंखों की रोशनी जा चुकी थी। दरअसल उन्हें ग्लूकोमा नामक बीमारी हुई थी और 1652 तक वे पूरी तरह से अंधे हो चुके थे। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर उन्होंने अंधत्व में कृति की रचना कैसे की?

इस संबंध में कई शोध भी किए गए जिसमें कुछ लोगों को कहना है कि पैराडाइज लॉस्ट को मिल्टन ने अपनी तीन बेटियों को सुनाया तथा उनकी इन्हीं बेटियों ने इसे लिखा। इस संबंध में दूसरा मत यह कहता है कि उन्होंने पैराडाइज लॉस्ट के लिए नौकर रखे थे।

जॉन मिल्टन का वैवाहिक जीवन

जॉन मिल्टन 1642 में मेरी पॉवेल से शादी के बंधन में बंधे। दरअसल, मेरी के पिता रिचर्ड पॉवेल राजपक्ष के एक सदस्य थे। लेकिन इन दोनों का वैवाहिक जीवन लंबे समय तक चल नहीं पाया, मेरी पॉवेल एक बार अपने पिता से मिलने गई और उसके बाद वह भी कभी वापस नहीं लौटी। इसके बाद ही 1643 ई. में मिल्टन द्वारा ‘तलाक के सिद्धांत तथा अनुशासन’ संबंधित एक पुस्तिका लिखी गई। 1652 में मेरी पॉवेल का निधन हो जाता है। उनके निधन के 3 साल बाद 1656 में जॉन मिल्टन दूसरी शादी करते हैं जिनका नाम होता है कैथरीन वुडकॉक। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण कुछ समय बाद ही कैथरीन की मृत्यु हो जाती है। इस दौरान जॉन मिल्टन के आंखों की रोशनी धीरे- धीरे जाती रही उन्होंने 1663 में तीसरी शादी एलिजाबेथ म्यूनशुल से की जो कि 24 साल की थी। एलिजाबेथ से शादी के पीछे कारण यह था कि उन्हें वृद्धावस्था में एक सहारा मिल सके, लेकिन उनकी पहली पत्नी की बेटियों ने उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जिससे उन्हें कई कष्ट झेलने पड़े।



साईं बाबा की जीवनी

जॉन मिल्टन का निधन

जॉन मिल्टन का निधन 8 नवंबर 1674 में हुआ। मिल्टन की मृत्यु किडनी फेल होने की वजह से हुई थी जिसके बाद उन्हें लंदन स्थित सेंट गिल्स-विदआउट-क्रिप्लेगेट चर्च में दफनाया गया।

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा जॉन मिल्टन की जीवनी | Who is John Milton | Biography | Jivani | Jivan Parichay | Wife | Life History | Information in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।



गुरु नानक देव की जीवनी

Author:

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

Exit mobile version