11 Lines About Village In Hindi | गाँव के बारे में 11 पंक्तियाँ
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक बेहतरीन लेख में, जिसमें आज हम जानेगे गांव के बारे में, गांव की खासियत और गांव क्यों शहरों से बेहतर है?
तो चलिए शुरू करते हैं जैसा कि आप जानते हैं कि भारत की अपनी पहचान उसके शहर नहीं बल्कि गाँव है, असली भारत अभी भी शहरों में नहीं बल्कि गावों में बसता है असली भारत की पहचान उसके गांव हैं, भारत की तकरीबन 60% से अधिक आबादी अभी भी गाँव में रह कर जीवन यापन करती है।
आइये जानते है गाँव के बारे में कुछ रोचक बाते और साथ ही बताएँगे कि गाँव में रहना क्यों आज भी अच्छा माना जाता है-
1. गांव अभी भी शहरों से दूर एक शुद्ध वातावरण और शोरगुल से दूर बसते हैं जो मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल माने जाते हैं।
2. शहर में बढ़ता हुआ प्रदूषण चाहे वह ध्वनि प्रदूषण हो, मृदा प्रदूषण हो, जल प्रदूषण हो या वायु प्रदूषण हो किसी भी दृष्टि से ही यह मानव जीवन के अनुकूल नहीं है वहीं दूसरी ओर गांव की हवा स्वच्छ और साफ़ प्रदूषण रहित होती है जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद है अतः देखा जाए तो शहर से गांव का वातावरण ज्यादा बेहतर होता है।
3. शहरों में अधिकतर लोग एकाकी जीवन जीने लगते हैं बल्कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वहीं अगर हम गांव की बात करें तो लोग आपस में आपसी प्रेम भाईचारे और सौहार्द से रहते हैं जो मानव जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है।
4. शहरों के लोग प्राकृतिक चीजों से दूर होते जा रहे हैं जैसे कि वह हरी सब्जियां, फल, दूध इत्यादि अपने दैनिक जीवन में लेते तो जरूर है लेकिन उनमें कितनी शुद्धता है वह सब्जियां कितनी ताजी हैं इसकी कोई गारंटी नहीं होती है लोग रेफ्रिजरेटर में रखा हुआ दूध, फल, सब्जियां अपने आहार में लेते हैं जो मानव जीवन के लिए अच्छा नहीं है वही एक गांव का एक आम इंसान अपनी दैनिक जरूरतों के लिए जैसे कि फल, सब्जियां और दूध का उत्पादन स्वयं करता है और उनका उपभोग करता है जिससे उसका स्वास्थ्य शहरी व्यक्ति से बेहतर रहता है।
5. शहर का इंसान दुनिया भर की भौतिक वस्तुओं के बीच अपने आप को अकेला पाता है, आम इंसान से उसकी दूरी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है वहीं गांव के लोग एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होते हैं और इस प्रकार लोगों में परस्पर सहयोग और सामंजस्य बढ़ता है जो कि मानव के लिए बहुत ही आवश्यक है।
6. गांव के लोग बहुत ही सीधे, सच्चे और ईमानदार होते हैं वहीं शहर के लोग बाहरी दिखावे और आडंबर के बीच अंदर से खोखले हो जाते हैं जो कि मानव जीवन के लिहाज से एक अच्छा संकेत नहीं है इसीलिए कहा जाता है कि गांव का जीवन मानव के लिए उपयुक्त है।
7. गांव के लोग आत्मनिर्भर होते हैं जैसे कि वह अपनी जरूरत की सारी चीजें स्वयं ही उत्पादित करते हैं जैसे कि अनाज, हरी सब्जियां, फल, दूध इत्यादि। शहर के लोग इन जरूरत की चीजों के लिए दूसरों पर आश्रित रहते हैं, गांव में स्वयं का बनाया हुआ एक इकोसिस्टम होता है जबकि शहरों में इसकी कमी होती है। अतः यह बोला जा सकता है की मानव का इस इकोसिस्टम से बाहर हो जाना विभिन्न तरह की बीमारियों और प्रदूषण को बढ़ावा देता है इसलिए कहा जा सकता है कि गांव अभी भी इस मामले में भी शहरों से बेहतर हैं।
8. गांव के लोग शारीरिक श्रम अधिक करते हैं वहीं शहर के लोग शारीरिक श्रम से भागते हैं। शारीरिक श्रम का अभाव शहर के लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना रहा है। शहर के लोग शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियों से जूझते हैं क्योंकि उनका शारीरिक श्रम न करना उनके लिए जानलेवा साबित हो रहा है जबकि गांव अभी भी इस तरह की परेशानियों से दूर है।
9. गांव के लोग अभी भी अपना जीवन परंपरागत तरीके से जीते हैं जबकि शहर के लोग जीवन यापन गैर परंपरागत तरीकों से कर रहे हैं। मानव का अपनी जड़ों से जुड़ा रहना बहुत ही आवश्यक है इस मामले में भी गांव शहर से बेहतर हैं।
10. गांव में कोई भी त्योहारों आये हम सब धूमधाम से मनाते हैं लोग एक दूसरे को पारस्परिक सहयोग देते हैं इस प्रकार हम गांव में त्योहारों का भरपूर आनंद लेते हैं जबकि शहर में चमक-दमक के बीच त्योहारों ने अपना मूल स्वरूप खो दिया है।
11. गांव में परिवार बड़े होते हैं लोग अपने दादा-दादी, चाचा-चाची के साथ रहते हैं तो उनके घरों में पैदा होने वाले बच्चों को अच्छे संस्कार और अपने अतीत के बारे में जानकारी उनके दादा-दादी, चाचा-चाची के द्वारा मिलती है जबकि शहरों में लोग एकाकी परिवार में रहते हैं जिससे बच्चों को अच्छे संस्कार, अपने पूर्वजों के बारे में या अपने अतीत के बारे में बहुत ही कम जानकारी होती है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा गाँव के बारे में 11 पंक्तियाँ (11 Lines About Village In Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।