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बाल दिवस

Last updated on: November 21st, 2020

बाल दिवस पर निबंध | Children’s day essay

सामग्री Content
• प्रस्तावना Introduction
• बाल दिवस क्यों मनाते है? Why Children’s Day is celebrated?
• बाल दिवस पर विशेष कार्यक्रम Special program on Children’s day
• उपसंहार Conclusion

प्रस्तावना (Introduction)

हर वर्ष 14 नवंबर को हमारे स्वतंत्रता सेनानी व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस(Children’s Day India) के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है। चीन, जर्मनी और रोमानिया देशों में यह 1 जून को मनाया जाता है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीख है। भारत में यह हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है।

यह पर्व हमारे देश के बच्चों को समर्पित किया जाता है। इस दिन पर विद्यालयों में विशेष रूप से तैयारियां होती है। आज के बच्चे कल का भविष्य है, उनको अच्छी शिक्षा, चारित्रिक विकास, मानसिक विकास उनके उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक है। बाल दिवस मनाने का एक मुख्य कारण यह है कि देश के बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

बाल दिवस क्यों मनाते है? (Why Children’s Day is celebrated?)

Children’s day History/Which Date Children’s Day

पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू व माता का नाम श्रीमती स्वरूप रानी था। पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।

पंडित नेहरू बच्चों के बहुत ही करीब माने जाते थे और बच्चे उनको चाचा नेहरू के नाम से बुलाया करते थे। पंडित नेहरू व्यस्त होने के पश्चात भी समय निकालकर बच्चों के साथ समय बिताया करते थे। इसी कारण 1956 से ही पूरे भारत देश में 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

पंडित नेहरू को बच्चों के बहुत ही करीब माना जाता था। वह यह जानते थे कि जिस देश के बच्चे स्वस्थव शिक्षित होंगे, उस देश में उनका शोषण नहीं किया जा सकता और वह देश प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। इसलिए हर वर्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनका जंमदिन बाल दिवस के रूप मे मनाया जाने लगा।

बच्चे हमारे देश का उज्जवल भविष्य है। आज के समय में बच्चों पर बहुत सारे अत्याचार जैसे बाल मजदूरी आदि हो रहे हैं। इसी कारण उनकी अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए बाल दिवस का दिन बच्चों को समर्पित किया गया है।

बाल दिवस पर विशेष कार्यक्रम (Special program on Children’s day)

बाल दिवस पर भिन्न-भिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यालय में इसकी खास तैयारी की जाती है। बच्चे कई दिन पहले से पूरे उत्साह के साथ इस दिन का इंतजार करते हैं, वह अपने विद्यालयों में कार्यक्रम में भाग लेते हैं जिसमें नृत्य, गाना, नाटक या भाषण प्रस्तुत करना आदि होते हैं।

बाल दिवस के दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं कराई जाती है। बच्चे गुब्बारों व रंग बिरंगी चीजों से अपने विद्यालयों को सजाते हैं। कार्यक्रम के बाद बच्चों के खान-पान का भी इंतजाम विद्यालय के द्वारा किया जाता है, जैसे कि लड्डू, चॉकलेट व फल आदि बच्चों मे वितरित होता है।

इसके साथ ही स्कूल के शिक्षक भी कार्यक्रम में भाग लेते हैं, वह बच्चों के लिए गीत आदि प्रस्तुत करते हैं। स्कूल व कार्यालयों में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित करते हैं।

उपसंहार (Conclusion)

बाल दिवस हमारे देश के महत्वपूर्ण दिवस में से एक है इस दिन हम अपना ध्यान बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, मानसिक और शारीरिक विकास की ओर ध्यान देते हैं।

आज के समय में बाल मजदूरी की समस्या बहुत ही चिंताजनक हो चुकी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 10.1 मिलियन बच्चे मजदूरी कर रहे थे। बच्चे हमारा भविष्य है, हम जैसी शिक्षा व परवरिश इन बच्चों की करेंगे वैसा ही परिणाम वह भविष्य में हमें व अपनी आने वाली पीढ़ी को देंगे।

इसलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो वह अच्छे वातावरण में जिये।

बाल दिवस हर बच्चे की प्रति स्नेह की भावना रखने की सीख देता है। जिस प्रकार हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी हर बच्चे को अच्छी शिक्षा और उज्जवल भविष्य देना चाहते थे उसी को ध्यान में रखते हुए हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।

बाल दिवस के दिन हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम किसी भी बच्चे से बाल मजदूरी जैसा अपराध नहीं कराएंगे वह उन्हें शिक्षा का अधिकार दिलाएंगे।

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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