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एडोल्फ़ हिटलर की जीवनी

Last updated on: February 17th, 2021

एडोल्फ़ हिटलर की जीवनी | Adolf Hitler Biography Facts Information Jeevan Parichay in Hindi

एडोल्फ़ हिटलर की जीवनी | Adolf Hitler Biography in Hindi

नामएडोल्फ हिटलर
जन्म तिथि20 अप्रैल 1889
निधन30 अप्रैल 1945
पिता का नामएलोईस हिटलर
माता का नामक्लारा हिटलर
पत्नी का नामईवा ब्राउन
राष्ट्रीयताजर्मन
राजनीति पार्टीनाजी पार्टी
जन्मस्थानब्रूनो एम इन, ऑस्ट्रियाहंगरी
एडोल्फ़ हिटलर की जीवनी | Adolf Hitler Biography Facts Information Jeevan Parichay in Hindi

हिटलर की जीवनी (Adolf Hitler life story)

हिटलर को आम तौर पर Der Führer (“द लीडर”) के रूप में भी लोग जानते थे।

‘हिटलर’ एक ऐसा नाम है जिसे शायद ही कोई न जानता हो। हिटलर जैसे क्रूर शासक का नाम इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है। हिटलर के मन में यहूदियों के लेकर जो नफरत पनपी थी उसने लाखों यहूदियों का रक्तपात कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।

लेकिन इसके अलावा भी हिटलर के जीवन के अनेक पहलू थे जिनके बारे में इस आर्टिकल में चर्चा की गई है। आइए जानते हैं हिटलर के जीवन के बारे में।

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एडोल्फ़ हिटलर का आरंभिक जीवन

एडोल्फ़ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 में ब्रूनो एम इन, ऑस्ट्रिया नामक स्थान में हुआ। हिटलर के आरंभिक शिक्षा लिंज नाम के स्थान पर हुई।

हिटलर की माँ का नाम क्लारा पोल्जल था तथा उसके पिता का नाम एलोईस हिटलर था। हिटलर के पिता एक सिविल सेवक थे। उसके पिता ने तीन शादियां की थी जिनमें से तीसरी औरत हिटलर की मां थी।

जबकि उन्होंने पहली शादी उनके उम्र से बहुत ज्यादा उम्र की औरत से की, दूसरी शादी उन्होंने अपनी बेटी की उम्र की लड़की से की थी। 1895 के मई महीने में एडोल्फ हिटलर 6 साल के हुए तब उन्हें स्कूल में भर्ती करवाया गया।

स्कूल में जहां शिक्षक उन्हें अनुशासित रखते थे वही घर में उनके पिता उनके खिलाफ सख़्त रुख़ अख़्तियार करते थे, जिससे परेशान होकर उन्होंने एक बार घर से भागने की सोची। लेकिन घर से भागने के कुछ समय बाद वे वापस आ गए।

इन सब से परेशान उनके पिता ने ऑस्ट्रिया के लम्बच शहर में आ गए। लेकिन 1898 में उनका परिवार अपने पैतृक गांव लेओडिंग लौट गया। लेकिन इसके 2 साल बाद ही हिटलर के भाई की मृत्यु चेचक की वजह से हो गई। इस घटना के बाद से वह दुख से ग्रसित हो गए।

लेकिन इसी के 3 साल बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब 1903 में उनके पिता एलोइस की अचानक मृत्यु हो गई।

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एडोल्फ हिटलर की सैन्य भागीदारी और नाज़ी दल का गठन

1913 में हिटलर म्युनिख पहुंचा जब प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई तो वह सेना में भर्ती हो गया। वह राजा बवेरियन की आरक्षित पैदल सेना रेजिमेंट में स्वयं सेवक सहायक के तौर पर काम करने लगा।

1918 में जब वे युद्ध में घायल हुआ तो वह अस्पताल में भर्ती हुआ और इसी समय जर्मनी की युद्ध में हार हुई। जिस वजह वजह से 1918 में हिटलर ने सेना छोड़ी और नेशनल सोशलिस्ट ऑर्बिटर पार्टी यानी कि नाज़ी दल का गठन किया। नाज़ी दल का उद्देश्य यहूदी और साम्यवादियों से अधिकार छीनना था। दरअसल नाज़ी दल का मानना था कि यहूदियों की वजह से ही जर्मनी की युद्ध में हार हुई है।

जर्मनी की हार की वजह से हिटलर के अंदर एक नफरत की भावना पनपी। यह भावना हजारों जर्मनी वासियों की भावना से मेल खाती थी। इसी भावना का फायदा उठाकर हिटलर ने खुद को शक्तिशाली बनाया। जैसे-जैसे नाज़ी दल शक्तिशाली होता गया वैसे वैसे हिटलर ने जर्मन सरकार को गिराने की अपनी कोशिशें तेज कर दी।

1923 में उसने सरकार गिराने की कोशिश की लेकिन इसमें विफल हो गया जिसके बाद 1924 में हिटलर पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया और उससे 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

नाजी दल यहूदियों से नफरत करता था तथा हिटलर के भाषणों से लोग प्रभावित होने लगे तथा उसी का गुणगान करने लगे। इसका फायदा उठाकर 1933 में हिटलर चांसलर बना और उसने जर्मन संसद को भंग कर दिया। 1934 में हिटलर ने खुद को सबसे बड़ा जज घोषित किया और बाद में राष्ट्रपति भी बन बैठा।

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6 साल में किया 60 लाख यहूदियों का नरसंहार

1934 तक आते-आते हिटलर ने जर्मनी की सत्ता पर अपने पैर जमा दिए थे। सत्ता में पैठ जमाने के साथ ही उसने नस्लवादी साम्राज्य को फैलाने की कोशिश को फैलाया और यहूदियों को सब ह्यूमन करार दे दिया।

हिटलर की मंशा थी कि वह यहूदियों को जड़ से खत्म कर दें और उसकी यह मंशा पर कामयाब हुई। उसने 6 साल के अंदर यहूदियों का नरसंहार कर दिया। इन 60 लाख यहूदियों में 15 लाख मासूम बच्चे शामिल थे।

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द्वितीय विश्वयुद्ध और हिटलर का खात्मा

1939 के सितंबर महीने में हिटलर ने द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत की जिसके लिए उसने कई राज्यों से संधि करनी शुरू की 1937 में उसने इटली से संधि कर ऑस्ट्रेलिया पर आधिपत्य स्थापित किया।

उसने पोलैंड की पूर्वी भाग को रूस के नाम किया और पश्चिमी भाग पर अधिकार जमा लिया। हिटलर के नाज़ी पार्टी ने 5.5 मिलियन यहूदियों को मार डाला। वहीं युद्ध में करीब 29 मिलियन सैनिक और नागरिको ने जान गंवाई।

1941 में नाज़ी सेना ने यूरोप पर काफ़ी कब्जा जमाया लेकिन हिटलर के विस्तारवादी नीति ज्यादा समय चल नहीं पाई। मित्र राष्ट्र की सेना ने हिटलर की सेना को बुरी तरह पराजित किया।

बाद में हिटलर 1945 में अप्रैल महीने में सोवियत संघ के नेताओं से घिर गया हिटलर ने बर्लिन में 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मार ली और हिटलर की पत्नी ईवा ब्राउन ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

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आत्महत्या करने से चंद घंटो पहले रचाई प्रेमिका से शादी

अपनी सेना की हार के बाद हिटलर ने आत्महत्या कर ली थी। लेकिन इससे कुछ घंटों पहले ही उसने अपनी प्रेमिका ईवा ब्राउन से शादी की और दावत भी की।

उन्होंने यह शादी 30 अप्रैल को रात के 12:25 में की हालांकि हिटलर का कहना था कि वह अपनी जिंदगी में कभी शादी नहीं करेंगे लेकिन आखिर उन्होंने शादी की और 30 अप्रैल 1945 को दोनों ने आत्महत्या कर ली।

आत्महत्या से कुछ दिनों पहले ही हिटलर ने अपने अंगरक्षक हींज़ लिंगे को कहा था कि जब भी वह खुद को गोली मार लें तो उनके मृत शरीर को वह जल्दी बगीचे में ले जा कर उसमें आग लगा दे, ताकि हिटलर को न तो कोई देख पाए न ही पहचान पाए।

उनके अंगरक्षक ने ऐसा ही किया जब हिटलर ने खुद को गोली मारी तो उसने बगीचे में ले जाकर 2:30 घंटे तक पेट्रोल डालकर उसकी लाश को आग लगा दी तथा बाद में जले हुए शव को दफनाने के लिए भेजा।

इस घटना के कुछ दिनों बाद सोवियत संघ की सेना पहुंची लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। हालांकि उन्हें जमीन में दफना हुआ एक डेंटल ब्रिज मिला और बाद में इसकी पुष्टि हुई कि यह हिटलर का ही डेंटल ब्रिज था।

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Author:

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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