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Biography of Malala Yousafzai in Hindi | मलाला यूसुफजई की जीवनी
मलाला युसुफ़ज़ई कौन हैं?
सदियों से महिलाओं पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ़ आजतक किसी ने आवाज़ नही उठाई या बहुत ही कम लोगों ने उठाई। लेकिन इस दुनिया में कुछ साहसिक लोग आज भी मौजूद है जिन्होंने महिलाओं के हक के लिए और महिलाओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मलाला युसुफ़ज़ई एक ऐसी महिला है जो महिलाओं के हक के लिए आज तक लड़ती आई है। वह हमेशा से औरतों की स्थिति को सुधारने के लड़ती रही है। दुनिया भर में अधिकतर लोग उन्हें जानते हैं और लोग उनका समर्थन करते हैं। महिलाओं के लिए इन्होंने हमेशा लड़ाई लड़ी और आज भी उनकी यह लड़ाई जारी है। इन्होंने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार, बराबरी का अधिकार व उन्हें न्याय दिलवाया। केवल महिलाओं नहीं बल्कि युसुफ़ज़ई बच्चों के अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ती है।
युसुफ़ज़ई बचपन से ही अन्याय को झेलना पसंद नहीं करती थी। जब वह केवल 13 वर्ष की थी तब ही बीबीसी के लिए वह ब्लॉगिंग के माध्यम से उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्वात जिले में रहने वाले लोगों के लिए आवाज उठाती रही है और उनके लिए आदर्श बनी। उन्होंने स्वात में तहरीक-ए-तालिबान द्वारा किए जाने वाले शासन की खिलाफ आवाज उठाई। वह अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ उठाती है इसलिए 2012 में एक आतंकवादी हमले का शिकार हो गई और इस हमले में बहुत ज़्यादा घायल हो गई। युसुफ़ज़ई इस आतंकवादी हमले के बाद मीडिया की सुर्खियों में एकाएक विश्व स्तर पर आ गयी । इस पोस्ट में हम मलाला युसुफ़ज़ई का जन्म, परिवार, शिक्षा, आतंकवादी हमला, मलाला दिवस, मलाला द्वारा लिखी किताबें, पुरस्कारों आदि से संबंधित जानकारी देंगे।
मलाला युसुफ़ज़ई से संबंधित जानकारी
नाम | मलाला युसुफ़ज़ई |
जन्म तिथि | 12 जुलाई 1997 |
जन्म स्थान | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात नामक जिले में |
उम्र(2022) | 24 वर्ष |
पिता का नाम | ज़ियाउद्दीन युसुफ़ज़ई |
माता का नाम | तूर पिकाई युसुफ़ज़ई |
भाई के नाम | दो भाई- 1. खुशहाल युसुफ़ज़ई 2. अटल युसुफ़ज़ई |
पति | असेर मलिक |
वैवाहिक स्थिति | वैवाहिक |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तानी |
धर्म | सुन्नी मुस्लिम |
जाति | पश्तून |
स्कूल | 1. खुशहाल गर्ल्स हाई स्कूल, स्वात, पाकिस्तान 2. Edgbaston High School, Birmingham, England |
कॉलेज | ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। |
पेशा | महिलाओं और बच्चों की शिक्षा व हक के लिए लड़ना। |
पुरस्कार | 1. पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार (2011) 2. अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार (2013) 3. सखारोव पुरस्कार (2013) 4. मैक्सिको का समानता पुरस्कार (2013) 4. ह्यूमन राइट अवार्ड (2013) 5. शांति का नोबेल पुरस्कार (2014) |
मलाला युसुफ़ज़ई का जन्म व परिवार
छोटी सी उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिला मलाला युसुफ़ज़ई का जन्म पाकिस्तान देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात नामक जिले में 12 जुलाई सन् 1997 में हुआ था। वर्तमान में(2022) मलाला 24 वर्ष की है। यूसुफजई के पिता का नाम ज़ियाउद्दीन युसुफ़ज़ई और इनकी माता का नाम तूर पिकाई युसुफ़ज़ई है।
मलाला पश्तून परिवार से संबंध रखती है। इनके पिता पेशे से पाकिस्तानी देश के राजनयिक और शिक्षाविद है। इनके दो भाई भी है एक का नाम खुशहाल युसुफ़ज़ई और दुसरे का नाम अटल युसुफ़ज़ई है।
महिलाओं के हक के लिए हमेशा लड़ने वाली मलाला युसुफ़ज़ई ने हाल ही में पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड में मैनेजर के पद पर कार्यरत असेर मलिक से शादी की है। इन्होंने असेर मलिक से इंग्लैंड के शहर बर्मिंघम में किया। दोनों का विवाह माता पिता की मौजूदगी में हुआ। मलाला ने अपने विवाह की कुछ तस्वीरें ट्वीटर पर पोस्ट की और सभी से दुआ माँगने और आशीर्वाद देने को कहा।
मलाला युसुफ़ज़ई की शिक्षा
मलाला युसुफ़ज़ई के पिता ने लड़कियों की शिक्षा के लिए खुशहाल गर्ल्स हाई स्कूल की स्थापना की। इस स्कूल में मलाला युसुफ़ज़ई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की। पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान नामक आतंकवादी समूह ने नॉर्थ ईस्ट इलाके में लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा रखा था। इस वजह से इस इलाके की अधिकतर बच्चियाँ शिक्षा प्राप्त नही कर पा रही थी। मलाला ने छोटी सी उम्र में महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठानी शुरू की। वह आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ़ गई और शिक्षा के लिए मुहिम चलाई। इन्होंने इस समूह का विरोध कई तरीकों से किया। इन्होंने बीबीसी का सहारा लेकर वहाँ ब्लॉगिंग कर लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने का हक दिलाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे उनकी यह मुहीम कामयाब होने लगी और धीरे-धीरे यह मुहीम क्रांति में तब्दील हो गई। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूरी दुनिया मलाला युसुफ़ज़ई को जानने लगी। दुनिया भर में सभी लोगों ने इनका समर्थन किया।
मलाला युसुफ़ज़ई पर आतंकवादी हमला
जब मलाला केवल 15 साल की थी तब तहरीक-ए-तालिबान नाम के आतंकवादी संगठन के हमले का शिकार हो गई। मलाला ने इस आतंकवादी समूह के खिलाफ़ आवाज़ उठाई थी क्योंकि यह समूह लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने से रोकता था और मलाला युसुफ़ज़ई हमेशा से महिलाओं की शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार के समर्थन में थी। मलाला महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ते-लड़ते 9 अक्टूबर 2012 में तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादी समूह के हमले का शिकार बन बैठी।
मलाला इस दिन अपनी परीक्षा देकर बस के माध्यम से घर लौट रही थी तब ही तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादी समूह के कुछ लोग बस में चढ़ते हैं और बस यात्रियों से पूछते हैं “तुम में से मलाला युसुफ़ज़ई कौन है बताओ वरना सबको गोली मार दूँगा?” जब पता चलता है मलाला युसुफ़ज़ई कौन है तो पता चलते ही मलाला पर गोली चला दी जाती है। गोली लगने के बाद मलाला बहुत गंभीर रूप से घायल हो गयी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। इस हमले में केवल मलाला को ही नहीं बल्कि दो अन्य लड़कियों को भी गोली लगी जिनका नाम शाज़िया रमजान और रियाज था। इलाज के लिए पेशावर के मिलिट्री अस्पताल में मलाला की 5 घंटे तक सर्जरी हुई और फिर स्थिति में सुधार आया। मलाला को उनके कामों के कारण दुनिया भर में सभी लोग जानते थे और इस हमले के पश्चात इन्हें कई देशों से इलाज करवाने के लिए प्रस्ताव आए।
15 अक्टूबर 2012 को इनको इलाज के लिए लंदन ले जाया गया। इन्हें क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया। इस अस्पताल में दो दिन तक मलाला कोमा में रही और फिर 2 दिन के बाद वह कोमा से बाहर आई। धीरे-धीरे इनके स्वास्थ्य में सुधार आना शुरु हुआ और ठीक होने के पश्चात 3 जनवरी 2013 को अस्पताल से इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण
मलाला को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने संयुक्त राष्ट्र संघ ने भाषण देने का मौका दिया। 2013 में मलाला युसुफ़ज़ई ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की बात की। उन्होंने दुनिया भर में सभी नेताओं का ध्यान बच्चों और महिलाओं से जुड़ी आवश्यकताओ की ओर आकर्षित करवाया।
मलाला दिवस क्यों मनाया जाता है?
मलाला युसुफ़ज़ई के जन्म दिवस को आज मलाला दिवस के रुप में मनाया जाता है। मलाला ने बच्चों और महिलाओं के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बहुत से काम किए है। 2013 में उपस्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने यह घोषित किया कि मलाला युसुफ़ज़ई द्वारा महिलाओं और बच्चों की शिक्षा के लिए किए गए कार्य और मलाला के सम्मान में उनका जन्म दिवस मलाला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसी कारण 12 जुलाई मलाला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मलाला युसुफ़ज़ई द्वारा रचित पुस्तकें
मलाला युसुफ़ज़ई द्वारा कई पुस्तकों की रचना की गई और इन पुस्तकों में मुख्य रूप से उन्होंने महिलाओं और बच्चों की ही बात की। इनके द्वारा रचित पुस्तक के निम्नलिखित हैं:–
- I Am Malala: The Girl Who Stood Up for Education and Was Shot by the Taliban
- I Am Malala: How One Girl Stood Up for Education and Changed the World
- We Are Displaced: My Journey and Stories from Refugee Girls Around the World
- Malala: My Story of Standing Up for Girls ‘ Rights
- Malala’s Magic Pencil
मलाला युसुफ़ज़ई को प्राप्त पुरस्कार
- पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार (2011)
- अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार (2013)
- सखारोव पुरस्कार (2013)
- मैक्सिको का समानता पुरस्कार (2013)
- ह्यूमन राइट अवार्ड (2013)
- शांति का नोबेल पुरस्कार (2014)
मलाला युसुफ़ज़ई पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म
मलाला युसुफ़ज़ई द्वारा 2015 में ‘I Am Malala’ नामक पुस्तक की रचना की गई। जिससे प्रेरित होकर अमेरिकन डायरेक्टर डेविस गुगेनहीम ने मलाला यूसुफजई पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म की रचना की।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा मलाला यूसुफजई का जीवन परिचय (Biography of Malala Yousafzai In Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भावना, मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ग्रैजुएशन कर रही हूँ, मुझे लिखना पसंद है।