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च्यवनप्राश के फायदे | Benefits of Chyawanprash in Hindi
च्यवनप्राश एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसका सेवन सर्दी या गर्मी किसी भी मौसम में किया जा सकता है। इस दिव्य औषधि का सेवन बच्चे से लेकर बूढ़े तक कोई भी, शारीरिक विकारों को खत्म करने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कर सकता है। इस दिव्य आयुर्वेदिक औषधि में मुख्य घटक आंवला इस्तेमाल किया जाता है। आंवला के अलावा इसमें 80 प्रकार की अन्य जड़ी बूटियां भी इस्तेमाल की जाती है जो इसे एक दिव्य औषधि के रूप में काम करने में मदद देती है। च्यवनप्राश खाने से न केवल शरीर रोगों से लड़ने की ताकत पाता है तथा बल्कि कुछ आयुर्वेदिक किताबों में यह भी कहा गया है कि इसको खाने से यौवन की प्राप्ति होती है।
आयुर्वेदिक शास्त्रों के हिसाब से च्यवनप्राश की उत्पत्ति का कारण ऋषि च्यवन बने थे। बहुत वर्ष जीवित रहने के पश्चात जब वह अपना जवानी का समय बिताकर बुढ़ापे की तरफ चल पड़े तब उनका विवाह एक ऋषि कन्या के साथ हुआ। ऋषि कन्या उस समय जवान थी परंतु ऋषि च्यवन बूढ़े हो चुके थे। इसी चिंता से ग्रसित हो उन्होंने अश्विनी कुमारों को कोई ऐसी औषधि बनाने के लिए बोला जिनसे उनका यौवन वापस आ जाए। उनके आग्रह पर अश्विनी कुमारों ने च्यवनप्राश का निर्माण किया। च्यवनप्राश को खाते ही ऋषि च्यवन दोबारा अपने यौवन को प्राप्त हो गए।
आंवला मुख्य घटक होने की वजह से च्यवनप्राश विटामिन सी का मुख्य स्त्रोत है। आंवला के अलावा इसमें छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, दालचीनी, इलायची, अश्वगंधा आदि का इस्तेमाल किया जाता है। यह सभी आयुर्वेदिक औषधियां व्यक्ति के जीवन से, बीमारियां कम करने में प्रमुख कार्य करती हैं। इसमें मौजूद बृहत पंचमूल और लघु पंच मूल, त्रिकटु आदि औषधियां शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल कर मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर उम्र के बढ़ने से शरीर में पैदा होने वाले विकारों को कम करती है।
च्यवनप्राश खाने के फ़ायदे (Chyawanprash benefits in Hindi)
च्यवनप्राश खाने के अनेकों फायदे हैं लेकिन आज हम इस के कुछ मुख्य फायदे और इस्तेमाल के बारे में ही बात करेंगे:-
बढाये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
च्यवनप्राश खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कोरोना कॉल में च्यवनप्राश खाने की हिदायत दी जाती रही है क्योंकि इसमें मौजूद आयुर्वेदिक औषधियां और आंवला, विटामिन सी का मुख्य स्त्रोत होता है। विटामिन सी शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के साथ काम कर शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाता है।
च्यवनप्राश करे रसायन द्रव्य समान कार्य
रसायन द्रव्य वह द्रव्य होते हैं जो शरीर की दूषित कोशिकाओं को बाहर निकाल, बेजान हुई कोशिकाओं में दोबारा से जान भरकर उनको जीवित करते हैं। च्यवनप्राश में मौजूद औषधियां आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी से होने वाली थकान, अनिद्रा और कमजोरी जैसे विकारों को खत्म करें शरीर में नई स्फूर्ति व ताकत का संचार करता है।
च्यवनप्राश त्वचा के लिए बेहतर
च्यवनप्राश का सेवन करने से न केवल अंदरूनी विकारों से छुटकारा मिलता है बल्कि इसका असर आपकी त्वचा पर भी साफ तौर पर दिखाई देता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचा कर त्वचा की झुर्रियां, बुढ़ापा, दाग, धब्बे, झाइयां आदि को दूर करते हैं।
हृदय रोगों से बचाव करें च्यवनप्राश
आजकल खाने में बढ़ते घी और तेल की वजह से अक्सर लोगों में हृदय का कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की दिक्कत देखी गई है। ऐसी स्थिति में च्यवनप्राश काफी मदद करता है। इसमें पाई जाने वाली गर्म तासीर की जड़ी बूटियां ब्लड सरकुलेशन बढ़ाती हैं और हृदय में जमे हुए रक्त के धक्कों को पिघलाकर रक्त प्रवाह को सामान्य बनाने में मदद करती है। यह शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल शरीर की गंदगी को साफ करके शरीर में नया जोश भरने में मदद करती हैं। यह हृदय की धमनियों को भी काफी पोषण प्रदान करता है और यह ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि है।
याददाश्त करें स्ट्रांग च्यवनप्राश
च्यवनप्राश में इतने गुणकारी लाभ हैं कि इसके गुणों के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। इसमें मौजूद जड़ी बूटियां मस्तिष्क को ताकत देने वाली होती है। जिन बच्चों अथवा रोगियों में चीजों को बार-बार भूलने की बीमारी होती है नियमित मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है तथा दिमाग की नसों को पोषण मिलता है ऐसा होने पर याददाश्त स्ट्रांग होती है। कुछ शोधों में यह भी पता चला है कि च्यवनप्राश में पाई जाने वाली जड़ी बूटियां अल्जाइमर जैसी बीमारी को भी ठीक करने में सक्षम है।
पाचन तंत्र सुधारे च्यवनप्राश
च्यवनप्राश में मौजूद जड़ी बूटियां शरीर के मेटाबॉलिज्म में सुधार लाती है। इससे खाया पिया जल्दी पचता है तथा शरीर में मल जमा नहीं होता। इससे मल त्यागने में भी आसानी होती है तथा पाचन क्रिया सुधर कर शरीर से बैक्टीरिया आदि बाहर निकल जाते हैं।
सास और खांसी से दिलवाए निजात
च्यवनप्राश में पाए जाने वाले औषधियां त्रिकटु आदि खांसी और श्वास की बीमारियों से निजात पाने में सक्षम है। इसमें मौजूद काली मिर्च, दालचीनी, इलायची आदि सभी फेफड़ों में जमे कफ को बाहर निकाल सांस लेने का रास्ता साफ करते हैं। इसमें मौजूद जड़ी बूटियां फेफड़ों के काम करने की ताकत को बढ़ाकर उन्हें मजबूत बना रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करती है। च्यवनप्राश खाने से बार-बार होने वाले जुकाम या एलर्जी से भी काफी फायदा मिलता है। इसीलिए च्यवनप्राश का सेवन सर्दियों के मौसम में करने की हिदायत दी जाती है क्योंकि सर्दियों के मौसम में ही सर्दी खांसी जुकाम की परेशानी अक्सर ज्यादा देखी जाती है।
शरीर के त्रिदोषों का करें संतुलन
आयुर्वेदिक मतानुसार किसी भी व्यक्ति के शरीर में तीन दोष मौजूद होते हैं। वात, पित्त और कफ। यदि किसी के शरीर में कोई बीमारी या विकार उत्पन्न होता है तो वह इन तीन दोषों के असंतुलन की वजह से ही होता है। च्यवनप्राश खाने का विशेष असर तो पित्त दोष पर पर पड़ता है परंतु इसमें मौजूद अन्य जड़ी बूटियों का मिश्रण शरीर के तीनों दोषों को संतुलित कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं तथा बीमारियां होने की संभावना को काफी हद तक कम करते हैं।
गर्भावस्था में च्यवनप्राश के फायदे
महिलाओं की गर्भावस्था में भी च्यवनप्राश के काफी फायदे देखे गए हैं। नियमित मात्रा में सेवन करने पर यह गर्भावस्था में कम होने वाले हीमोग्लोबिन के लेवल को सही कर महिलाओं में रक्त की आई कमी की पूर्ति करता है तथा इसमें मौजूद जड़ी बूटियां शरीर में आयरन की कमी की भी पूर्ति करती हैं। यह मां और बच्चे दोनों के सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
च्यवनप्राश का सेवन वैसे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है परंतु इसके अच्छे परिणाम के लिए इसका सेवन रात के समय दूध के साथ करने की हिदायत दी जाती है।
असली-नकली च्यवनप्राश कैसे पहचाने
बाजार में बढ़ती मांग की वजह से कुछ ब्रांड नक़ली च्यवनप्राश बनाकर भी बेचने लग गए हैं इसलिए जब भी च्यवनप्राश की पहचान करनी हो तो थोड़ा सा च्यवनप्राश पानी में घोलकर देखें यदि वह पानी की सतह पर बैठ जाता है तो वह असली है अगर वह नहीं बैठता और पानी में घुलने लगता है तो वह च्यवनप्राश नकली या फिर अधपका भी हो सकता है नकली या अधपका च्यवनप्राश खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है, यह आपके शरीर को कोई फायदा तो नहीं पहुचायेगा उल्टा कई सारे नुक्सान कर सकता है।
च्यवनप्राश के नुकसान (Chyawanprash side-effects in Hindi)
च्यवनप्राश के वैसे तो कुछ संभावित नुकसान नहीं है। लेकिन अति हर चीज की बुरी होती है। इसलिए च्यवनप्राश का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद जड़ी बूटियों की तासीर गर्म होती है और हो सकता है कि इससे आपको नुकसान हो, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। यदि आप च्यवनप्राश का किसी बीमारी के इलाज के दौरान इस्तेमाल कर रहे हैं तो डॉक्टरी परामर्श लेना न भूलें।
Author:
Geeta Verma Malhotra
M.Pharmacy (Ayurved)
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