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आतंकवाद पर निबंध

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आतंकवाद पर निबंध | Essay on Terrorism

आतंकवाद की समस्या से आज हमारा देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व जूझ रहा है। आज के समय में आतंकवाद की समस्या विकराल रूप ले चुकी है, यह एक चिंता का विषय बन गया है। आतंकवाद से लड़ने के लिए हर देश कड़ी नीतियां बना रहा है और अपनी सुरक्षा तंत्र को और मजबूत कर रहा है, भारत भी इसमें पीछे नहीं है।

आतंकवाद एक ऐसी हिंसात्मक गतिविधि है जो किसी विशेष संगठन के द्वारा किसी राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक एवं विचारात्मक लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जाता है। किसी भी प्रकार की गैरकानूनी हिंसा भी आतंकवाद के अंतर्गत ही आती है।

आतंकवाद किसी विशेष धर्म, जाति या सम्प्रदाय के लोगों के द्वारा नहीं किया जाता है, किसी भी धर्म को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है, कोई भी धर्म हिंसा व गलत कार्य करने की शिक्षा नहीं देता है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है।

What is terrorism definition in Hindi

आतंकवाद शब्द का अर्थ होता है ऐसा कार्य करना जिससे लोगों के बीच आतंक और भय फैले। आतंकवाद करने वाले व्यक्ति या समूह को आतंकवादी कहते हैं।

आतंकवाद के प्रकार

धार्मिक आतंकवाद- धर्म को आधार बनाकर हिंसा या भय फैलाना आतंकवाद कहलाता है। धर्म के नाम पर लोगों को पहचान कर उनको आतंकवादी गतविधियों में शामिल इस अपराध को अंजाम दिया जाता है।

मानवजातिय-राष्ट्रवादी आतंकवाद- अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किसी समूह के द्वारा जानबूझकर फैलाई गई हिंसा मानवजातिय आतंकवाद कहलाता है। इस प्रकार का आतंकवाद एक समूह अपने वर्चस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से करता है।

राज्य प्रायोजित आतंकवाद- जब किसी देश की सरकार स्वयं आतंकवादी गतिविधियों को पूरा करने के लिए समर्थन दे तो वह राज्य प्रायोजित आतंकवाद कहलाता है।

गैर राज्य प्रायोजित के द्वारा आतंकवाद- आतंकवाद ऐसे समूह लोगों के द्वारा किया जाता है जो न तो सरकार के साथ होते हैं न ही किसी विशेष संगठन से जुड़े हुए होते हैं। नक्सलवाद, एलटीटीई आतंकवाद इसके उदाहरण है।

आतंकवाद का कारण

आतंकवाद फैलाने के बहुत कारण हो सकते हैं इसमें एक देश दूसरे देश से अपनी बात मनवाने या हिंसा फैलाने या वैमनस्य के वजह से होता है।

अक्सर किसी समुदाय के लोग बहकावे में आ करके आतंकवाद की गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

आतंकवादी का मुख्य कारण है शिक्षा का अभाव,लोगों को अच्छे बुरे में अंतर न कर पाना है। जिन देशों में शिक्षा या रोजगार की कमी है वहां के युवा लोग गलत संगति में पड़ जाते हैं और आतंकवादी जैसे अपराध करने लगते हैं।

इसके साथ ही मशीन गन,परमाणु, हथियार व बंदूकों का अधिक मात्रा में निर्माण होना व इनका गलत हाथों में आ जाना भी आतंकवाद का कारण माना जाता है।

जब किसी देश की व्यवस्था के प्रति लोग संतुष्ट नहीं होते या यदि उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है तो वह आतंकवाद फैला कर अपनी बात मनवाने का प्रयास करते हैं।

पैसों की लालच में भी अक्सर लोग आतंकवाद करते हैं।

आतंकवाद का प्रभाव

आतंकवाद एक ऐसा अपराध है जो बहुत ही बुरा प्रभाव डालता है। आतंकवाद का सबसे ज्यादा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है जिसका असर आगे कई वर्षों तक देखा जा सकता है।

आतंकवाद से बहुत ही बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होता है, लाखों मासूमों की जान जाती है।

आतंकवाद में इस्तेमाल किए गए परमाणु से उस जगह की प्रकृति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

आतंकवाद के कारण लोगों में डर पैदा हो जाता है और वहां के लोगों की शिक्षा व आजीविका का भी नुकसान होता है।

जीव जंतुओं और पशुओं का भी नुकसान होता है।

आतंकवाद के कारण पीड़ित व्यक्ति या देश में क्रोध से बदले की भावना आती है जिससे वह भी आतंकवाद को अपनाते है।

आतंकवाद से किसी भी देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही बुरी हो सकती है। कभी-कभी तो खाने और रहने का भी अकाल हो जाता है।

आतंकवाद के कारण एक देश का दूसरे देश से संबंध खराब हो जाता है व लोगों का एक दूसरे के ऊपर से भरोसा उठ जाता है।

आतंकवाद को रोकने के उपाय

आतंकवाद को रोकने का सबसे पहला उपाय है शिक्षा। जब लोग शिक्षित होंगे तो उन्हें सही गलत की समझ होगी और लोग आतंकवाद जैसे अपराध से दूर रहेंगे।

आज धर्म के नाम पर बहुत आतंकवाद होता है इसलिए धर्म के बारे में जानना और उसकी शिक्षा बहुत आवश्यक है। धर्म को इंसानियत के ऊपर दर्जा नहीं देना चाहिए।

आतंकवाद को रोकने के लिए कड़े कानून बनाना चाहिए और इस अपराध को करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए।

आतंकवाद की समस्या को नियंत्रित करने के लिए हर वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इस समस्या को खत्म करने के लिए हर देश को एकजुट होना होगा तभी आतंकवाद जैसी समस्या को जड़ से उखाड़ के फेंका जा सकता है।

कुछ बड़े आतंकवादी हमले-

दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट (29 अक्टूबर 2005) – दिवाली के 2 दिन पहले दिल्ली में सरोजनी नगर, गोविंदपुर और पहाड़गंज से बंजारी इलाके में धमाका हुआ। जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हुए।

मुंबई ट्रेन धमाका (11 जुलाई 2006)- मुंबई की लोकल ट्रेन में सात बम विस्फोट हुए। जिसमें कुल 200 से अधिक लोग मारे गए और 700 से अधिक लोग जख्मी हुए। इस धमाके की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली।

मुंबई आतंकी हमला (26 नवंबर 2008)– 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को कौन भूल पाया है इस आतंकी हमले को 10 आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था। हमला मुंबई के ताज होटल में हुआ था। इस हमले में लगभग 180 लोग मारे गए और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले का जिम्मेदार आतंकवादी कसाब को फांसी की सजा दी गई थी।

पठानकोट हमला (2 जनवरी 2015)- यह हमला पठानकोट एयरबेस पर हुआ था जिसमे 7 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया था और हमारे 7 जवान शहीद हुए थे।

पुलवामा अटैक (15 फरवरी 2019) – हाल ही मे जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे और बहुत से जवान घायल हुए थे। इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

अमेरिका में आतंकी हमला (11 सितंबर 2001) – अलकायदा के आतंकवादियों के द्वारा यह हमला अंजाम दिया गया था जिसमें लगभग 3000 लोग मारे गए थे और 8000 से भी अधिक लोग घायल हुए थे यह विश्व का सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक है।

बेसलान स्कूल हत्याकांड 2004- रूस के बेसलान के एक स्कूल में 1000 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था इस हमले में लगभग 300 से अधिक लोगों की जानें गई थी जिनमें सबसे ज्यादा बच्चे थे। इस आतंकवाद को चेचेन के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।

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