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HINDI KAVITA: दूध की व्यथा

दूध की व्यथा

दूध – दूध सब करते है।
दूध की व्यथा नहीं कहते हैं।
दूध से बनता दही, छाछ और मक्खन है,
पनीर, घी, मलाई और मिष्ठान भी बनते हैं।
दुनिया को दर्द नहीं पता है उसका,
क्या – क्या सहना पड़ता है उसको।
जब दूध जाता बाज़ार है,
उसको गर्म करता दुकानदार है।
फिर उससे बनाता चाय है,
लोगो को पिलाकर करता इंजॉय है।
अगर बनाना हो दही तो,
खूब खौलाकर फिर ठण्डा कर जामन डाल देता है।
पनीर बनाने के लिए दूध होता है गर्म,
फिर उसमें डाल दिया जाता है मर्म।
चाहे बात है मिष्ठान की तो,
तरह – तरह के कष्ट झेल लेता है।
मगर करता न किसी से एक शिकायत,
तुम तो इंसान हो कुछ तो समझो व्यथा दूध की।
इतना सब कुछ सहता फिर भी कुछ न कहता ।
इंसान तुम ज़रा सी बात पर दुनिया उठाते साथ में।

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About Author:

मेरा नाम निर्भय सोनी है और मैं उत्तर प्रदेश के रहने वाला हूँ। मुझे लिखने में अच्छी रूचि है। मुझे विश्वास है कि आप लोगों को मेरा ये लेख जरुर पसन्द आएगा। आप लोग अपना आशिर्वाद और प्यार इसी तरह बनाए रखिये। 🙏🏻😊

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