कड़वाहट
जज्ब़ातों में लिपटा हुआ इक मधुर अनुरोध..
अनुरोध की पुनरावृत्ति , माॅग…
माॅग की जिद , जिद से जन्मा इक इन्कार…
इन्कार का निराधार आधार..
निराधार आधार से प्रज्जवलित क्रोध…
क्रोध की चिता पर क्षणिक जलते जज्ब़ात…
जज्ब़ातों की राख , हृदय की जमीं…
जमीं पर छिड़की राख , पुनः अंकुरित पौधे…
पौधों पर पुनः फलित प्रेम फल…
किन्तु स्वाद में मधुरता…
पहले सी न रही…..
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All HINDI KAVITA
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मेरा नाम अनुराग यादव है। मैं उन्नाव, उत्तर प्रदेश से हूॅं। हिंदी भाषा में अत्यंन्त रुचि है। हिंदी के व्याकरण एवं कविता की बारीकियों से अनभिज्ञ हूॅं। फिर भी कविता लिखने का प्रयास करता हूं। त्रुटियों के लिये क्षमाप्रार्थी हूॅं एवं आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन का आकांक्षी हूॅं। 🙏🏻😊