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HINDI KAVITA: क्षमा

Last updated on: September 11th, 2020

क्षमा

क्षमा की महिमा बड़ी है महान
क्षमादान ही है जग में महादान
ईर्ष्या द्वेष सब है इससे मिटता,
और होता है फिर जग कल्याण
क्षमा की महिमा बड़ी है महान।


इससे वैरी भीअपना हो जाता है
नाता फिर उससे जुड़ जाता है,
इससे बढ़ता है जग में सम्मान
क्षमा की महिमा बड़ी है महान।


इन्सान से इसका ऐसा नाता है
गैर भी फिर अपना हो जाता है,
जग में बढ़ती जाती फिर शान
क्षमा की महिमा बड़ी है महान।


इस गुण कोअब तू अपना ले
इस गुण की महिमा के कारण,
इन्सान भी बन गए हैं भगवान
क्षमा की महिमा बड़ी है महान।


इससे ज्यादाऔर क्या है कहना
यह गुण ही है इस जग में रहना,
जग करता है इसका ही गुणगान
क्षमा की महिमा बड़ी है महान।

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About Author:

डॉ.राजेन्द्र सिंह”विचित्र’, असिस्टेंट प्रो.,तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश

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