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Hindi Kavita on Corona

Last updated on: October 19th, 2021

Hindi Kavita on Corona | कोरोना पर हिंदी कविता | Hindi Poetry | Hindi Poem

Hindi Kavita on Corona | कोरोना पर हिंदी कविता

कब तक इस महामारी से लोग जान गवांते रहेंगे,

1. जबसे मिली है खबरिया हुई कोरोना बीमारिया
खबर मिली जब हुआ कोरोना
मच गया घर में पिटना ओ रोना
परिवारीजन घबरा गए है
चाहे जुड़ा न हमसे कोई होना
जबसे मिली है खबरिया हुई कोरोना बीमारिया।

2. प्राण राम जब निकलन लागे
उलट गई दुइ नैन पुतरिया
अंदर से जब बाहर लाये
छूट गई सब महल अटरिया
हमका मिली जब खबरिया।

3. संगी साथी दूर खड़े है
देखत है मोरे शव की गगरिया
मिली न चादर राम नाम की
हुई नसीब न हमका ठठरिया
कोई उढ़ा दो चदरिया
मोहे राम नाम की चदरिया
ऐसी यो लागी जो जालिम बिमारिया
टूट गयी संसार नगरिया
अंत समय सब छूट गया है
ख़तम हुई जीवन की डगरिया
हमका मिली जब खबरिया।

Author:

Sonal

सोनल उमाकांत बादल , कुछ इस तरह अभिसंचित करो अपने व्यक्तित्व की अदा,
सुनकर तुम्हारी कविताएं कोई भी हो जाये तुमपर फ़िदा 🙏🏻💐😊

🙏🏼🌹कोरोना🌹🙏🏼

कोरोना भाई कोरोना अब तो छुप
छुप के आने वाले सामान को बन्द करोना,

कोरोना भाई कोरोना हाथ मिलाना छौड,
कर जय सिया राम की रट करोना,

कोरोना भाई कोरोना हद से ज्यादा,
बीड़ी सिगरेट को अब तो कम करोना,

कोरोना भाई कोरोना देशी अंग्रेज़ी को,
छोड़ कर अब तो गौ मूत्र सेवन करोना,

डरो नहीं बस डट कर मुकाबला करोना
बस डट कर मुकाबला करोना,

कोरोना भाई कोरोना सैणडविच, को छोड़ कर,
छाछ रबडी और नीम का उपयोग करोना,

कोरोना भाई कोरोना डरो नहीं बस,
डट कर मुकाबला करोना।

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Author:

Chandra Prakash

चन्द्र प्रकाश रेगर (चन्दु भाई), नैनपुरिया
पो., नमाना नाथद्वारा, राजसमदं

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