सावन
सावन की बरसी फुहार मन में उठी बहार
कारे बदरवा आज घुमड़ घुमड़
बरस जा तू बरस जा रे बदरा बरस जा रे
1. बरखा बहार आई चले पुरवईया
डालियों में झूले पड़े झूले हैं सखियाँ
आज मोहे-मोहे लागी पिया की नजरिया
पायल बाजे छम छम नाचे सजनियाँ
झनन झनन झनन झनन बाजे पायलिया
ढोल बाजे ढम ढम नाचे सजनियाँ
बरस जा तू बरस जा रे बदरा बरस जा रे।
2. कुहू कुहू बोले रे काली कोयलिया
बाजत हैं छम छम मोरी पायलिया
नाच रहे गोपिन के बीच में कन्हइया
ढोल बाजे ढम ढम नाचे सजनियाँ
बरस जा तू बरस जा रे बदरा बरस जा रे।
3. जब जब बाजे रे कान्हा मुरलिया
झनन झनन बजती हैं मोरी पायलिया
आज में बनी हूँ पिया की जोगनिया
ढोल बाजे ढम ढम नाचे सजनियाँ
बरस जा तू बरस जा रे बदरा बरस जा रे।
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
Note: There is a rating embedded within this post, please visit this post to rate it.About Author:
सोनल उमाकांत बादल , कुछ इस तरह अभिसंचित करो अपने व्यक्तित्व की अदा, सुनकर तुम्हारी कविताएं कोई भी हो जाये तुमपर फ़िदा 🙏🏻💐😊