शब्द
शब्द भाव है
शिव है,ब्रह्म है,
आदि अनादि
ज्ञान,विज्ञान,वैराग्य है।
शब्द पूजा है,
प्रार्थना, नमाज है
संत महात्माओं का
गुरु,गीता ज्ञान है।
शब्द वेद,कुरान, ब्रह्म ज्ञान है,
शब्द परम सत्ता
आदि अनादि अनंत है, परम सत्य है
शब्द ब्रह्म, परब्रह्म है।
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✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002