त्योहार मनाएं
चारों ओर दीवाली की
अभी से धूम है,
बाजार सजे हैं,
बाजारों में रौनक है,
जनता जनार्दन से
बाजार भरे पड़े हैं।
सब अपनी सामर्थ्यानुसार
खरीददारी में जुटे हैं,
बच्चे अभी से
फुलझड़ी, अनार के साथ भिड़े है।
आइए! पर्व को मिलकर मनाएं,
प्रकाश पर्व का आनंद उठायें।
शहीदों के नाम भी एक दिया जलायें
सरहदों पर खड़े सैनिक भाइयों के
हिस्से का भी दिया
हम सब जलायें,
सैनिक परिवारों के साथ मिलकर
घर से दूर बाप,बेटे, भाई के
दूर होने का अहसास मिटायें,
अशक्त बेबस लाचारों के
आँगन तक जायें,
उन्हें अपने साथ पर्व की खुशियों में
साझीदार बनायें।
किसी गरीब के घर अँधेरा न रहेगा
इस संकल्प के साथ दीवाली मनायें,
धूमधाम से दीवाली त्योहार मनाएं।
त्योहारों का मौसम
त्योहारों का मौसम आया
सबकी व्यस्तता बढ़ाया,
अभी करवा चौथ बीता है,
अब धनतेरस,जमघंट के बाद
दीवाली की तैयारी है,
भैय्या दूज,चित्रगुप्त पूजन की भी
तो अपनी बारी है
फिर छट्ठ की भी तैयारी है,
बड़ी मारा मारी है।
घर,मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की
सफाई चल रही है,
हर परिवार में रोज
बजट बन रहे हैं,
बच्चे तो खूब चहक रहे हैं
माँ बाप परेशान हैं
महँगाई से हलकान हैं
ऊपर से कोरोना
अकड़ दिखा रहा है
काम धंधे, रोजगार में
व्यवधान बन रहा है
पर क्या कर सकते हैं?
त्योहार मनाने के बिना
रह भी तो नहीं सकते,
क्योंकि त्योहार तो मनाना है
उल्लास के भाव तो जगाना है।
मन के संताप मिटाना तो है
दुःख दर्द,पीड़ा, अभावों से
थोड़ा ही सही
अपने को बचाना ही है,
उत्साह उल्लास दिखाना ही है।
क्योंकि
त्योहारों का मौसम आया
खुशियों का संसार लाया।
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
कृपया कविता को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whats App पर शेयर करना न भूले, शेयर बटन नीचे दिए गए हैं। इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।
Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002