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लघुकथा: कानून का फैसला

Last updated on: September 26th, 2020

कानून का फैसला

रामधनी बहुत गरीब था।किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपना और अपनी पत्नी का जीवन यापन करता था।उसके पड़ोस के बाबू जी उसकी जमीन खरीदना चाहते थे,मगर राम धनी बेंचना नहीं चाहता था।

आखिरकार बाबू जी ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया और रामधनी को उसके अपने ही घर से अपने गुर्गों को भेज कर उसको बेदखल कर दिया।

रोते बिलखते जब राम धनी पुलिस ने रामधनी पर शांतिभंग का आरोप लगा कर चालान कर जेल भेज दिया।

कानून(पुलिस)ने अपना फैसला कर दिया था,क्योंकि बाबू जी ने मिठाई का डिब्बा कानून (पुलिस)को पहले ही भेंटकर दिया था।

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About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002

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