
मध्य प्रदेश का इतिहास और रोचक तथ्य | Madhya Pradesh History and Interesting Facts in Hindi
मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है। इसे मध्य प्रदेश इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह भारत के ठीक बीचोबीच स्थित है। 1 नवंबर 2000 तक क्षेत्रफल के हिसाब से यह भारत का सबसे बड़ा राज्य था। मध्य प्रदेश की राजधानी का नाम भोपाल है। मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों से जाकर मिलती है। यह पांच राज्य है, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात।
मध्य प्रदेश न सिर्फ एक बहुत ही सुंदर राज्य है बल्कि यह खनिज संसाधनों से भी संपूर्ण राज्य हैं। यहां पर हीरे और तांबे के सबसे बड़े भंडार मौजूद है। मध्य प्रदेश का 30 फीसदी हिस्सा जंगल है। यहां का पर्यटन उद्योग भी लगातार प्रगति कर रहा है। साल 2010-11 में मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार मिला था।
मध्य प्रदेश का इतिहास
भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में हुआ था। इस स्वतंत्रता संग्राम में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका थी क्योंकि मध्यप्रदेश में अंग्रेजो के खिलाफ कई विद्रोह किए गए थे। जब 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली तब मध्य भारत की सभी रियासतों को मिलाकर मध्य भारत राज्य का गठन किया गया था। मौजूदा मध्यप्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को की गई थी। 1 नवंबर 2000 में मध्यप्रदेश में से छत्तीसगढ़ को अलग कर एक राज्य बनाया गया था।
मध्य प्रदेश के जिले
मध्य प्रदेश के कुल जिलों की संख्या 52 है। जब 1956 में मध्य प्रदेश का गठन हुआ था तब जिलों की संख्या 43 थी। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला इंदौर है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है। वहीं जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे छोटे जिलों में हरदा और दतिया शामिल है। मध्यप्रदेश का 52वां जिला निवाड़ी, पहले टीकमगढ़ जिले का एक हिस्सा था। उस दौरान इस जिले में पृथ्वीपुर तहसील की 56 पंचायतें, निवारी की 54 पंचायतें और ओरछा की 17 पंचायतें शामिल थी। लेकिन 1 अक्टूबर 2018 को इसे टीकमगढ़ जिले से अलग दिया गया। जिस वजह से यह जिला जनसंख्या तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का सबसे छोटा जिला बन गया।
मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल
मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किलोमीटर है।
मध्य प्रदेश की जनसंख्या
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश की जनसंख्या 72,626,809 करोड़ है। इसमें पुरुषों की संख्या 37,610,983 है वहीं महिलाओं की जनसंख्या 35,015,826 है। 2011जनसंख्या की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का छठा सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 90.9 फीसदी है जबकि मुस्लिम, जैन, ईसाई, बौद्ध और सिख धर्म को मानने वालों की संख्या क्रमशः 6.6%, 1%, 0.3%, 0.3% तथा 0.2% है।
मध्य प्रदेश की जलवायु
मध्य प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। यहां पर तीन प्रमुख मौसम है जिनमें नवंबर से फरवरी तक सर्दियों का मौसम रहता है। सर्दियों में औसत तापमान 10°C से 27°C के बीच रहता है। मार्च से मई तक यहां गर्मी का मौसम रहता है। इस दौरान तापमान काफी अधिक होता है। गर्मियों के मौसम में यहां का औसत तापमान 29°C से 48°C तक पहुंच जाता है तथा जून से सितंबर तक मानसून का मौसम होता है। मानसून के दौरान तापमान 19°C से 30°C होता है।
मध्य प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल
- पचमढ़ी
मध्य प्रदेश का पचमढ़ी एक मुख्य हिल स्टेशन है। यह राज्य के होशंगाबाद जिले के पिपरिया स्टेशन के पास पड़ता है। वहीं इस जिले की खोज फोरसिथ द्वारा की गई थी। पचमढ़ी में आपको कई सारे दर्शनीय स्थल देखने को मिलेंगे जिनमें सरदार गुफा, अस्तांचल, राजगिरी, रजत प्रपात, पांडव गुफाएं, धूपगढ़, आइरीन सरोवर आदि शामिल है।
- सांची
सांची एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है जहां पर अत्यंत प्राचीन और सुंदर स्तूप बनाए गए हैं। इस स्तूप के तोरण द्वार पर बुद्ध के जीवन के बारे में लिखा गया है। इन स्तूपों में सबसे बड़े स्तूप का व्यास 36.5 मीटर है जबकि इसकी ऊंचाई 16.4 मीटर है। भोपाल से इसकी दूरी 45 किलोमीटर है। सांची का प्राचीन नाम का ‘काकणाय’ व बौद्ध ‘बौद्ध श्रीपर्वत’ था। यह इसलिए खास है क्योंकि इसका निर्माण मौर्य सम्राट अशोक द्वारा किया गया था।
- उज्जैन
उज्जैन प्राचीन समय में एक ऐतिहासिक नगर था यहां पर अनेकों मंदिर हैं जिनमें सबसे प्रसिद्ध मंदिर का नाम महाकालेश्वर है। आपको बता दें, यह मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। उज्जैन में हर 12 साल में एक बार कुंभ का मेला लगता है।
मध्य प्रदेश की भाषा
हिंदी मध्य प्रदेश की राजभाषा हिंदी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में कई क्षेत्रीय बोलियां भी बोली जाती है। इन क्षेत्रीय बोलियों में मालवी, निमाड़ी, बुंदेली, बघेली, तेलुगू, भिलोड़ी, गोंडी, कोरकू, नहली और निहाली शामिल है।
मध्य प्रदेश की जनजातियां
मध्य प्रदेश में विभिन्न अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की बड़ी संख्या मौजूद है। यहां के आदिवासी जनसंख्या समूह में गोंड, भील, भारिया, कोरकू, कोल आदि शामिल है। मध्यप्रदेश के डिंडोरी, धार, झाबुआ मंडल में 50 फ़ीसदी जनसंख्या जनजातियों की है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के खरगोन, छिंदवाड़ा, सिवनी, सीधी, सिंगरौली तथा शहडोल ज़िलों में 30 से 50% जनसंख्या जनजातियों की है।
मध्य प्रदेश की संस्कृति
मध्य प्रदेश अपने शास्त्रीय और लोक संगीत के लिए जाना जाता है। यहां के प्रमुख लोक नृत्य में जावरा, शेर, अखाड़ा, मौनी, सैला, कनारा, भोरिया, मटकी, बिरहा, मांडल्या और दादर शामिल है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में स्थानीय गायन भी काफी प्रसिद्ध है। इसमें वसदेवा, विदेसिया, आल्हा और पंडवानी गायन भी काफी प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश की वेशभूषा
मध्य प्रदेश के लोगों का पहनावा काफी सादगी भरा हुआ है। यहां की स्त्रियां घाघरा, लुंगड़ा और काचली साड़ी तथा पोलका पेटिकोट पहनती हैं। वहीं मध्यप्रदेश के पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले परिधान धोती, कुर्ता, पगड़ी, पजामा, कोट-पेंट आदि है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख त्योहार
- भगोरिया पर्व
यह पर्व फाल्गुन महीने में मनाया जाता है जब होली के दौरान रबी फसलें पक जाती हैं। यह त्योहार मुख्यतः मालवा क्षेत्र में रहने वाले भील समुदाय के लोग मनाते हैं। इसके अलावा यह मध्य प्रदेश के मालवा अंचल में स्थित आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
- काकसार
इस पर्व को अबुझमाड़िया आदिवासी मनाते हैं। इस त्योहार में यह मान्यता है कि जब तक बारिश के बाद फसलों की बालियां नहीं फुटती तब तक इस आदिवासी समुदाय के स्त्री-पुरुष एकांत में नहीं मिल सकते। काकसर में रहने वाले लड़के और लड़कियां रात भर अलग-अलग घरों में नाच गान करते हैं और खुशियां मनाते हैं। यह त्योहार मुख्यतः अविवाहित लड़कों और लड़कियों के लिए अपने जीवनसाथी के चुनाव में सहायक सिद्ध होता है।
- गोवर्धन पूजा
यह त्योहार कार्तिक महीने में मनाया जाता है। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। त्योहार में महिलाएं गोबर से गोवर्धन पर्वत और बैलों की आकृतियों का निर्माण करती हैं।
- घड़ल्या
घड़ल्या पर्व मालवा क्षेत्र में प्रमुखता से मनाया जाता है। यह पर्व भी नीरजा पर्व के साथ ही 9 दिनों तक मनाया जाता है। दरअसल, नीरजा पर्व दशहरे से पहले 9 दिनों तक मनाया जाता है। इसमें स्त्रियां दुर्गा माता की पूजा करती हैं।
- करमा
इस त्योहार को उरांव जनजाति के लोगों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। दरअसल यह त्योहार तब मनाया जाता है जब धान की फसल रोपाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है। इस त्योहार के साथ करमा नृत्य की प्रस्तुति भी की जाती है।
मध्य प्रदेश का खान पान
मध्यप्रदेश के पकवानों में इसकी संस्कृति की छटा मिलती है यहां के मुख्य व्यंजनों में पोहा, दाल बाफला, बिरयानी पिलाफ़, इंदौरी नमकीन और मावा बाटी शामिल है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना मध्य प्रदेश का इतिहास और रोचक तथ्य (Madhya Pradesh History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।