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History of Mizoram & Interesting Facts in Hindi | मिजोरम का इतिहास और रोचक तथ्य
मिजोरम भारत के उत्तर पूर्व में स्थित काफी खूबसूरत राज्य है। मिजोरम की साक्षरता दर भारत में सर्वाधिक है जो कि 91.03% है। यह राज्य उत्तर पूर्व के अन्य प्रदेशों की भांति ही बेहद खूबसूरत है तथा अपनी अलग संस्कृति, त्योहार और रीती रिवाजो के लिए जाना जाता है। आइए मिजोरम राज्य से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातों को जाने:-
मिजोरम का इतिहास (History of Mizoram)
मिजोरम में 18वीं और 19वीं शताब्दी के बीच कई जनजातीय युद्ध हुए थे। 1898 में मिजोरम पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। 1946 में जाकर मिजोरम की पहली राजनीतिक पार्टी का गठन हुआ। इस पार्टी का नाम था मिज़ो कॉमन पीपल्स।
जिसके बाद मिजोरम में अलग प्रदेश बनाने की मांग उठाई गई और यह मांग 1987 में जाकर मान ली गई। 20 फरवरी 1987 के दिन ही मिजोरम को एक अलग प्रदेश के रूप में पहचान मिली थी। यह भारत का 23वें प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया था। मिजोरम में अब तक तीन बार अकाल पड़ चुका है। यहां पर पहला गौतम अकाल ब्रिटिश शासन काल 1911 से 1912 के बीच में आया। दूसरा अकाल 1958 से 1960 के बीच में आया तथा तीसरा अकाल 2007 से 2008 के बीच में आया था।
मिजोरम की राजधानी (Capital of Mizoram)
मिजोरम की राजधानी का नाम आइजोल है।
मिजोरम की जनसंख्या (Mizoram’s Population)
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक मिजोरम की आबादी 10,91,014 करोड़ बताई गई है। इसमें पुरुषों की आबादी 5,52,339 तथा महिलाओं की आबादी 5,38,675 है। मिजोरम की 80% के करीब जनसंख्या ईसाई धर्म का पालन करती हैं। दरअसल 19वीं सदी में मिजोरम में मिशनरी आए थे जिन्होंने यहां लोगों का धर्म परिवर्तित किया था जिस वजह से आज यहां पर ईसाई प्रोटेस्टेंट लोगों की संख्या अधिक है। यहां पर हिंदू, मुस्लिम एवं बौद्ध धर्म के लोग अल्पसंख्यक है।
मिजोरम के जिले (Districts of Mizoram)
मौजूदा समय में मिजोरम में कुल जिलों की संख्या 11 है। मिजोरम का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला सेरछिप है जिसकी साक्षरता दर 97.91% है। इसके अलावा मिजोरम में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जिला आइजोल है जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से मिजोरम का सबसे बड़ा जिला लुंगलेई है। इसका क्षेत्रफल 4,572 वर्ग किलोमीटर है। मिजोरम का क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किलोमीटर है।
मिजोरम की भाषा (Official Language of Mizoram)
मिजोरम की प्रमुख भाषा मिजो है। जो कि लाई, मारा और म्हार भाषा से मिलकर बनी है। हालांकि यहां पर प्रशासनिक कार्य तथा पढ़ाई-लिखाई के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
मिजोरम के प्रमुख त्योहार (Major Festivals of Mizoram)
मिजोरम में ज्यादातर जनसंख्या ईसाई लोगों की है इसलिए यहां पर ईसाई लोगों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार जैसे क्रिसमस, ईस्टर मनाए जाते हैं। इसके अलावा यहां पर अल्पसंख्यक के रूप में हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध धर्म के लोग भी रहते हैं। वे भी अपने-अपने त्योहारों को मनाते हैं। मार्च के महीने में मिजोरम में चपचार कूट नामक त्यौहार काफी हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है।
दरअसल यह त्यौहार फसलों की कटाई के दौरान मनाया जाता है। इस त्यौहार में कई नृत्य जिनमें चेरव और बांस नृत्य प्रमुख हैं, का प्रदर्शन किया जाता है। जब यहां फसलों की कटाई हो जाती है तब लोग पावल कुट नामक खास त्यौहार मनाते हैं। इस त्यौहार को 2 दिनों तक मनाया जाता है। वही यहां अगस्त से सितंबर के महीने में मीम कुट त्यौहार मनाया जाता है। इस राज्य में रहने वाले मिजो लोग कई त्यौहार मनाते हैं लेकिन इसमें से तीन प्रमुख त्यौहारों में चपचार, मिम कुट और थालफवांगकुट शामिल है।
मिजोरम के लोगों की वेशभूषा (Traditional Attire of Mizoram)
मिजोरम के लोग विविध प्रतिभाओं के धनी हैं। यहां के लोगों काफी कुशल कारीगर और शिल्पकार तथा बुनकर होते हैं। मिज़ो महिलाएं बचपन से ही बुनाई सीखना शुरू कर देती हैं। और अपने कपड़े स्वयं ही बनाया करती हैं।
यहां महिलाओं के प्रमुख पारंपरिक वस्त्र का नाम पुआन है। इसके अलावा मिजोरम की महिलाएं जब नृत्य करती हैं तब वे कव्रेची ब्लाउज को पौंची के साथ धारण करतीं है इसके अलावा महिलाएं पूंछी ड्रेस भी पहनती है। मिजोरम की लूसी जनजाति की औरतें सूती स्कर्ट धारण करतीं है वहीं यहां पुरुष साधारण कपड़े पहनते हैं जो मुख्यतः लाल और सफेद रंग के होते है।
मिजोरम का खानपान (Traditional Food of Mizoram)
मिजोरम का मुख्य आहार चावल है। चावल के अलावा भी यहां पर कई अन्य व्यंजन खाए जाते हैं जिनमें कोटा पीठा, संपीऔ, अरसा, मीसा मच पूरा और वौक्सा शामिल है। यहां के सभी व्यंजनों को सरसों के तेल में पकाया जाता है तथा ताजा केले के पत्तों पर परोसा जाता है। यदि बात करें यहां के चार प्रमुख व्यंजनों की तो यह निम्नलिखित हैं:-
- बाई
बाई मिजोरम का सबसे लोकप्रिय पकवान है। इसकी खासियत यह है कि इसे जड़ी बूटी और मसालों के उपयोग से बनाया जाता है। इसके अलावा इस पकवान में हरी कोपले, फूल गोभी के टुकड़े, कटे आलू और चावल भी मिलाया जाता है।
- कोतपिठा
पकवान को चावल के आटे और केले के इस्तेमाल से बनाया जाता है। जिसके बाद इसे फ्राई किया जाता है। यहां के लोग इसमें मछली भी मिला देते हैं। यह खाने में कुरकुरा और अंदर से मुलायम व नरम होता है। इस पकवान को चाय और नाश्ते में खाया जाता है। यह स्वाद में हल्का मीठा होता है।
- मिज़ो वावक्सा
यह मिजोरम का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है जिसे सूअर के मीट से बनाया जाता है। इस मीट के साथ इसमें जड़ी बूटियां और मसाले मिलाकर इसे तेल में तला जाता है।
- बम्बू शूट
बंबू शूट फ्राई आपको हर उत्तर पूर्व के राज्यों में देखने को मिलेंगे। यह काफी लोकप्रिय शाकाहारी व्यंजन है। दरअसल बंबू शूट और कुछ नहीं बल्कि बांस के टुकड़े होते हैं जिसे डीप फ्राई किया जाता है। यह खाने में काफी मसालेदार होता है। बंबू शूट्स को राज्य में आने वाले ज्यादातर पर्यटक पसंद करते हैं।
मिजोरम की जनजातियां (Tribes of Mizoram)
इस राज्य में मिज़ो जनजाति के लोगों की संख्या अधिक है। यह जनजातियां कई अन्य प्रजातियों में भी बटी हुई है जिनमें सबसे ज्यादा संख्या लुशाई लोगों की है। लुशाई लोगों की आबादी प्रदेश की अन्य आबादी का दो तिहाई है। मिजोरम की जनजातियों में राल्ते, म्हार, पाई, पवाई समुदाय के लोग प्रमुख है। जबकि गैर-प्रजातियों में प्रमुख प्रजाति चकमा है।
मिजोरम के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Mizoram)
- आइजोल
मिजोरम की राजधानी आइजोल है। यही यहां की राजधानी होने के साथ ही मिजोरम का सबसे बड़ा शहर भी है। आइजोल में आपको कई पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे। आइजोल के दर्शनीय स्थलों में तामदिल झील,हम्मीफांग और चानमारी प्रमुख है।
- सेरछिप
मिजोरम का सेरछिप शहर यहां का प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस शहर में पर्यटकों की सबसे प्रिय जगह छींगपुई थलान, वंतावंग जलप्रपात और थेनजोल शामिल है। यह शहर अपनी सुंदर प्राकृतिक परिवेश के लिए काफी प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां के गांव में भी घूमना काफी पसंद करते हैं।
- ब्लू माउंटेन
मिजोरम राज्य की सबसे ऊंची चोटी ब्लू माउंटेन है जिसे फावंगपुई के नाम से भी लोगों के बीच जाना जाता है। मिजोरम की यह चोटी यहां के छिम्टुइपुई जिले में है। इसकी ऊंचाई 2,157 मीटर है। इसकी चोटी पर 200 हेक्टेयर की समतल मैदान है जिससे आप विशाल समुद्री घाटियों तथा पहाड़ियों के मनमोहक दृश्य को देख सकते हैं। यहां के जंगलों में आपको दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियां दिखाई देंगी।
मिजोरम का परिवहन (Transport to Mizoram)
मिजोरम की सड़कों का निर्माण की जिम्मेदारी सड़क सीमा संगठन तथा राज्य लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आती है यहां राज्य की सड़कों की कुल लंबाई 5,982.25 km है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना मिजोरम का इतिहास और रोचक तथ्य (Mizoram History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।