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History of Nagaland & Interesting Facts in Hindi | नागालैंड का इतिहास और रोचक तथ्य
नागालैंड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है जिसकी राजधानी का नाम कोहिमा है। यह राज्य विविधताओं से भरा हुआ है तथा यहां पर कई त्योहार मनाए जाते हैं, इसीलिए इसे उपनाम लैंड ऑफ फेस्टिवल के नाम से भी आम लोगों के बीच जाना जाता है।
इस राज्य की संस्कृति, वेशभूषा और खानपान अपना विशिष्ट महत्त्व रखती है। यहां आपको विभिन्न जीव-जंतुओं पौधों और पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलेगी। अलग-अलग पक्षियों की वजह से इस राज्य को द फाल्कन कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड के नाम से जाना जाता है। तो आइए इस राज्य से जुड़ी सभी बातों को जाने:-
नागालैंड का इतिहास (History of Nagaland)
नागालैंड में शुरुआत से ही नागा कबीला समुदाय के लोग रहते थे। लेकिन जब अंग्रेजों का यहां आगमन हुआ तो उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के लिए यहां से कई नागा लोगों को फ्रांस और यूरोप भेजा। युद्ध से वापस आने के बाद नागा लोगों ने नेशनलिस्ट मूवमेंट की स्थापना।
इसके बाद 1944 में द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ तो ब्रिटिश और भारतीय सेना ने मिलकर कोहिमा का युद्ध लड़ा और जापानी सेनाओं को पराजित कर दिया। 1957 तक नागालैंड को नागा हिल्स त्वेन सांग के नाम से जाना जाता था। साल 1961 में इसके नाम में परिवर्तन कर नागालैंड किया गया। वहीं 1 दिसंबर 1963 में जाकर नागालैंड एक पूर्ण प्रदेश के रूप में स्थापित हुआ।
नागालैंड की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Nagaland)
नागालैंड ब्रह्मपुत्र घाटी और बर्मा के बीच के एक पहाड़ी इलाके में बसा हुआ राज्य है। इसकी सीमाएं म्यांमार, असम, अरुणाचल प्रदेश व मणिपुर से मिलती हैं। इस प्रदेश का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2011 में की गई जनगणना के मुताबिक इस प्रदेश की कुल जनसंख्या 19,78,502 है।
नागालैंड की जलवायु (Climate of Nagaland)
नागालैंड एक पहाड़ी राज्य है जिस वजह से यहां का मौसम काफी सुहाना होता है। यहां पर ज्यादा गर्मियां नहीं पड़ती है। गर्मियों के दौरान राज्य का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। वहीं सर्दियों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस होता है। वहीं यहां मई से जून महीने में मानसून का मौसम होता है।
नागालैंड की जनजातियां (Tribes of Nagaland)
नागालैंड में नागा जनजाति प्रमुख है। यहां के लोग कई जनजातियों और उप-जनजातियों में बंटे हुए हैं। यहां पर जनजातियों की संख्या 66 मानी जाती है जिनमें से 16 जनजातियां प्रमुख है। यहां के लोग अधिकतर ईसाई धर्म को मानते हैं। इनकी संख्या राज्य में 75 फ़ीसदी है।
नागालैंड का लोक नृत्य (Traditional Dance of Nagaland)
भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरह के लोकनृत्य प्रचलित हैं। इसी तरह नागालैंड में भी कुछ लोक नृत्य काफी प्रसिद्ध है। यहां के प्रमुख लोक नृत्यों में लीम और छोंग शामिल है।
नागालैंड के जिले (Districts of Nagaland)
नागालैंड में कुल जिलों की संख्या 12 है। साल 2017 में नोकलाक जिले को बनाया गया था। वर्तमान में भी नागालैंड में एक नया जिला बनाया जा रहा है। इसके अलावा नागालैंड में 1454 गांव है। नागालैंड में सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला मोकोकचुंग है जिसकी साक्षरता दर 91.62% है।
जनसंख्या के आधार में नागालैंड का दीमापुर जिला सबसे बड़ा जिला है। साल 2011 के मुताबिक इसकी जनसंख्या 378811 है। क्षेत्रफल की दृष्टि से नागालैंड का सबसे बड़ा जिला तुएनसांग है और इसका क्षेत्रफल 4228 वर्ग किलोमीटर है।
नागालैंड की प्रमुख भाषाएं (Offcial Languages of Nagaland)
नागालैंड की अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इस राज्य में कई अन्य तरह की भाषाएं जैसे कि लोथा,फोम,कोन्याक, अंगामी, चांग और रेंगमा आदि भी बोली जाती है। इसके अलावा नागालैंड में नगामी नामक संपर्क भाषा का भी प्रयोग किया जाता है क्योंकि नागालैंड के अधिकतर लोग इसी भाषा को बोलते हैं। यह भाषा असमिया, हिंदी, बांग्ला अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं के मिश्रण से बनी है। लेकिन इस भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है।
नागालैंड का खानपान (Traditional Food of Nagaland)
नागालैंड के लोगों को शिकार करना काफी अच्छा लगता है इसलिए राज्य में मांस खाने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। नागालैंड का प्रमुख भोजन चावल है इसके अलावा यहां के प्रसिद्ध पकवानों में उबले आलू की सब्जी, मछली के किण्वित, कुचली आलू और टमाटर की नागा करी काफी प्रसिद्ध है।
चूंकि नागालैंड में बहुत से लोग मांसाहारी भोजन करते हैं जिस वजह से वे जीव-जंतु जैसे बकरी, मुर्गी, सांप मेंढक, चूहे, कुत्ते, बिल्ली, चिड़िया, केकड़ा, बंदर मधुमक्खी,भैंस और मिथुन जैसे कई जानवरों का मांस खाते हैं। यहां पर सबसे लोकप्रिय मास बुशमीट होता है यानी कि कुत्ते का मांस।
नागालैंड की वेशभूषा (Traditional Attire of Nagaland)
नागालैंड की वेशभूषा में आपको यहां की संस्कृति की अप्रतिम छटा नजर आएगी। नागालैंड के ज्यादातर लोग अपने पूर्वजों से प्रेरित शॉल जैसा एक कपड़ा पहनते हैं जिसमें डिजाइन बने होते हैं। यहां के पुरुषों द्वारा हॉर्नबिल में काले और सफेद रंग कपड़े पहने जाते हैं। इसके साथ वे जंगली सूअर के कैनाइन दांतो को भी अपने शरीर में पहनते हैं यहां पर गहनों में चूड़ियां, टैटू, हार पहनी जाती है। यहां महिलाओं के पारंपरिक वेशभूषा काले रंग की शॉल नुमा एक साड़ी होती है।
नागालैंड के त्योहार (Festivals of Nagaland)
इस राज्य के अपने कुछ विशिष्ट त्योहार है जो यहां की आदिवासी जनजाति द्वारा मनाई जाती है। यहां के महत्वपूर्ण त्योहारों में सेकेरनी, मोत्सु मोंग, बुशु, यमशे शामिल है। इसके अलावा यहां की अधिकतम जनसंख्या ईसाई धर्म को मानती हैं इसलिए यहां पर क्रिसमस भी मनाया जाता है।
इस राज्य में मनाए जाने वाले अलग-अलग त्योहारों की वजह से इसे त्योहारों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां का हॉर्नबिल फेस्टिवल काफी ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि इस फेस्टिवल के जरिए आप यहां की कला, संस्कृति और परंपराओं से रूबरू हो पाएंगे। इस त्योहार का आयोजन कला एवं संस्कृति विभाग के द्वारा किया जाता है। यह त्योहार इसलिए भी खास है क्योंकि नागालैंड की 17 जनजातियां आपस में मिलकर इस त्योहार को मनाती हैं। इस त्योहार को 1 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
नागालैंड के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Nagaland)
- कोहिमा
कोहिमा नागालैंड की राजधानी होने के साथ ही प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1444 मीटर है। इसकी खूबसूरती की वजह से इसे कई बार पूर्व का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। यहां पर आपको प्राकृतिक सौंदर्य की छटा विभिन्न किस्मों के फल और वनस्पतियां देखने को मिलेगी। यहां पर पर्यटक ट्रेकिंग, कैंपिंग, पर्वतारोहण कर सकते हैं। कोहिमा में एक कैथोलिक गिरजाघर है जो कि पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े गिरजाघरों में से एक है। यह देखने में काफी सुंदर है इसकी लकड़ी की कारीगरी लोगों का मन मोह लेती है।
- युद्ध कब्रिस्तान
नागालैंड का युद्ध कब्रिस्तान भी काफी प्रसिद्ध है। यह राजधानी कोहिमा में ही स्थित है। यह कब्रिस्तान उन लोगों के लिए एक प्रतीकात्मक कब्रिस्तान है जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों को खोया था। उन सभी लोगों की लाशें इसी कब्रिस्तान में दफन की गई थी। यहां की हर कब्र में कांस्य की प्लेटें जड़ी गई है तथा उस पर उन योद्धाओं की स्मृतियों को लिखा गया है।
- दीमापुर
इसके अलावा नागालैंड में दीमापुर भी काफी प्रसिद्ध है क्योंकि इसे राज्य के प्रवेश द्वार के रूप में पहचाना जाता है। दीमापुर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यही नागालैंड को हवाई अड्डे, रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग से पूरे भारत से जोड़ता है। नागालैंड में एकमात्र हवाई अड्डा है जो कि इसी शहर में स्थित है। कोहिमा से दिमापुर की दूरी 74 km है। यहां की घुमावदार सड़के पर्यटकों को काफी पसंद आती है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना नागालैंड का इतिहास और रोचक तथ्य (Nagaland History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।