Site icon Help Hindi Me

उत्तराखंड का इतिहास

Interesting Information about Uttarakhand in Hindi
Pic: Kedar Peaks, Uttarakhand
उत्तराखंड का इतिहास और रोचक तथ्य | Uttarakhand History | Interesting Information about Uttarakhand in Hindi

उत्तराखंड का इतिहास और रोचक तथ्य | Uttarakhand History and Interesting Facts in Hindi

उत्तराखंड भारत के उत्तर में स्थित 27वां राज्य है, वहीं हिमालय क्षेत्र का यह दसवां राज्य हैं। जैसा कि आप जानते हैं उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है क्योंकि उत्तराखंड में कई देवी-देवताओं के मंदिर व्याप्त है।

उत्तराखंड को दो हिस्सों में बांटा गया है जिनमें से एक का नाम है गढ़वाल दूसरे का नाम है कुमाऊं। वैसे तो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मानी जाती है। लेकिन अब उत्तराखंड की 2 राजधानियां हैं जिनमें से दूसरी का नाम है गैरसैंण, यह उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है।

उत्तराखंड का इतिहास (History of Uttarakhand in Hindi)

साल 1950 में जब भारतीय संविधान का निर्माण किया जा रहा था, उस दौरान उत्तर भारत के एक संयुक्त प्रांत का नाम उत्तर प्रदेश निर्धारित किया गया। लेकिन राज्य के बनने के साथ ही कई परेशानियां शुरू हुई क्योंकि भौगोलिक रूप से तथा जनसंख्या की दृष्टि से यह विशाल राज्य था। ऐसे में लोगों के हितों का ध्यान रखना और बुनियादी आवश्यकताएं जैसे बेरोजगारी, गरीबी, पेयजल की सुविधाएं मुहैया करवाना काफी मुश्किल काम साबित हो रहा था।

यही सब सोचकर उत्तराखंड निवासियों ने आंदोलन किया, 1990 में जाकर इस आंदोलन ने जोर पकड़ा। आंदोलन काफी लंबे समय तक चलता रहा। लेकिन 2 अक्टूबर 1994 को पुलिस ने आंदोलनकारियों को गोलियों का शिकार बना लिया। आगे जाकर 9 नवंबर 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड की स्थापना की गयी। इसे 27वें राज्य के रूप में पहचान मिली। पहले उत्तराखंड को 2000 से 2006 के बीच तक उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। 1 जनवरी 2007 को उत्तराखंड का नाम उत्तरांचल से उत्तराखंड किया गया था।

उत्तराखंड का नाम (Uttarakhand Name Meaning)

उत्तराखंड के नाम की उत्पत्ति संस्कृत के शब्दों से हुई है। यह संस्कृत के 2 शब्दों के मेल से बना है। यह दो शब्द है:- उत्तराखंड में उत्तर का मतलब उत्तर दिशा से हैं और खंड यानी की भूमि तो इसका पूरा अर्थ हुआ उत्तर की भूमि

उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति (Geographical Situation of Uttarakhand)

क्षेत्रफल की दृष्टि से पहले उत्तराखंड 18वां राज्य था। लेकिन 2 जून 2014 में जब तेलंगाना का गठन हुआ तब उत्तराखंड क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का 19वां राज्य बना। उत्तराखंड का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है।

उत्तराखंड के जिले (Districts of Uttarakhand)

उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं। जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा जिला हरिद्वार और क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा जिला उत्तरकाशी है। वहीं जनसंख्या के आधार पर सबसे छोटा जिला रुद्रप्रयाग और क्षेत्रफल के आधार पर चंपावत है।

उत्तराखंड की जनसंख्या (Population of Uttarakhand)

साल 2020 में उत्तराखंड की अनुमानित जनसंख्या 11,700,099 थी। इनमें से पुरुषों की संख्या 5,960,315 और महिलाओं के अनुमानित जनसंख्या 5,739,784 है।

उत्तराखंड की भाषा (What is the language of Uttarakhand/Official language of Uttarakhand)

उत्तराखंड की भाषाओं को दो समूहों में विभाजित किया गया है जिनमें से एक है कुमाऊनी और दूसरा है गढ़वाली। इसके अलावा उत्तराखंड में पश्चिम और उत्तर की जातिय समुदाय द्वारा 2 अन्य बोलियां बोली जाती हैं जिनका नाम है जौनसारी और भोटिया

वैसे उत्तराखंड की प्रमुख भाषा हिंदी को माना जाता है। यह वहां की अधिकारिक कामकाज की भाषा है तथा अंतर समूहों के बीच संवाद के लिए भी इसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इस राज्य की दूसरी प्रमुख भाषा संस्कृत को माना जाता है। संस्कृत को उत्तराखंड में द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिला है।

उत्तराखंड की वेशभूषा (Traditional dress of Uttarakhand)

वैश्वीकरण के बाद से ही भारत में पश्चिमी परिधान का काफी चलन है। इसी तरह उत्तराखंड में भी अब ज्यादातर लोग पश्चिमी परिधान को ही पहनते हैं। लेकिन उत्तराखंड की पारंपरिक परिधानों में महिलाएं घाघरा, आंगड़ी पहनती हैं जबकि पुरुष चूड़ीदार पजामा और कुर्ता पहनते हैं।

लेकिन समय के साथ इसमें थोड़ा परिवर्तन आया है। अब यहां की महिलाएं पेटीकोट, ब्लाउज व साड़ी पहनती है। वहीं सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनती हैं। लेकिन उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में अभी भी शुभ कार्यों जैसे विवाह वगैरह में सनील का घागरा पहले की परंपरा विद्यमान है।

इसके अलावा आभूषणों में महिलाएं गले का गोलबंद, जयमाला, कानों में कर्णफूल, कुंडल, नाक में नथ पहनती हैं। वहीं हाथों में भी सोने-चांदी की पौंजी तथा पैरों में बिछुए, पायजेब, पौंटा पहनने की परंपरा है।

उत्तराखंड के त्यौहार (Uttarakhand Festivals)

उत्तराखंड के त्यौहार ऋतु के अनुसार अलग-अलग होते हैं। वैसे तो भारत के अन्य राज्यों की तरह ही उत्तराखंड में त्यौहार समान ही होते हैं। लेकिन इस राज्य में कुछ विशिष्ट त्यौहार मनाए जाते हैं, जैसे घुघुतिया त्यौहार। यह त्यौहार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है।

इसके अलावा यहां ओलगिया (घी संक्रांति), फूलदेई (फूल संक्रांति), बिखौती (विष्णुव संक्रांति) , हरेला त्यौहार, खतड़वा त्यौहार, चैतोल त्यौहार, कलाई, जागड़ा त्यौहार, भिरोली, बग्वाल आदि स्थानीय त्यौहार भी बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं।

उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major Tourist Places of Uttarakhand)

  1. नैनीताल

नैनीताल पर्यटन के लिहाज से काफी खूबसूरत स्थल है। यहां प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते जाते रहते हैं। यहां की खास बात यह है कि यहां पर बहुत सारी चीजें हैं जो अपनी सुंदरता से पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। इसके अलावा नैनीताल में नैनी झील, हनुमानगढ़ी, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राज भवन, हल्द्वानी, भीमताल, रामनगर, घोड़ाखाल मंदिर और बेतालघाट जैसे कई आकर्षण है।

यदि आप नैनीताल ट्रेन से आना चाहते हैं तो इसके नजदीक रेलवे स्टेशन का नाम काठगोदाम है। यह नैनीताल से 34 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं यहां का नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है। पर्यटकों के रुकने के लिए यहां उचित व्यवस्था है क्योंकि आपको होटल व रिसॉर्ट मिलने में यहां किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

  1. देहरादून

देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है। देहरादून अपने पौराणिक इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है। देहरादून में कई पर्यटन स्थल है जैसे भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, चकराता, मालसी डियर पार्क, तपोवन, संतला देवी मंदिर, गुच्छूपानी, चंद्रबाणी आदि। देहरादून आप रेल और हवाई मार्ग दोनों के जरिए आ सकते हैं।

  1. पौड़ी गढ़वाल

यह उत्तराखंड का एक जिला है जिसके उत्तर में चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, गढ़वाल तथा दक्षिण में उधम सिंह नगर, पूर्व में अल्मोड़ा, नैनीताल स्थित है। पौड़ी गढ़वाल से आप हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं को देख सकते हैं। यहां आपको सिर्फ हरियाली, सुंदर पहाड़ और छोटी छोटी नदियां दिखाई देंगी। यहां के पर्यटन स्थलों में प्रमुख हैं लाल टिब्बा, एकेश्वर महादेव, ज्वाल्पा देवी टेंपल, कंडोलिया मंदिर आदि।

उत्तराखंड की प्रमुख नदियां (Major Rivers of Uttarakhand)

उत्तराखंड में कई छोटी-बड़ी नदियां है। ये नदियां यहां कृषि क्षेत्र तथा जल विद्युत उत्पादन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ये नदियां कई धार्मिक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी स्थापित है। यहां गंगा, अलकनंदा, विष्णु गंगा, मंदाकिनी, भागीरथी, गंगोत्री, यमुना नदी जैसी कई नदियां प्रवाहित होती है। नदियों के अलावा यहां पर राम गंगा, कोसी, गोमती, गोरी गंगा जैसी नदियां भी हैं।

उत्तराखंड के जन आंदोलन (People’s Movement of Uttarakhand)

उत्तराखंड को देशभर में इसके जन आंदोलन के लिए भी पहचाना जाता है क्योंकि सबसे प्रसिद्ध चिपको आंदोलन उत्तराखंड में ही शुरू किया गया था जो कि वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के उद्देश्य से चलाया गया था। इस आंदोलन में पहाड़ी महिलाओं ने पेड़ों को काटने से रोकने के भरसक प्रयास किए थे। इसके अलावा उत्तराखंड में कई अन्य आंदोलन भी चलाए गए जिनमें कुली बेगार आंदोलन, डोला-पालकी आंदोलन प्रमुख रहे।

उत्तराखंड के बारे में रोचक जानकारी (Interesting & Amazing facts about Uttarakhand in Hindi)

  1. उत्तराखंड का टिहरी बांध सबसे बड़ा बांध है।
  2. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली महिला बछेंद्री पाल उत्तराखंड की हैं।
  3. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क सबसे पुराना पार्क है।
  4. मेजर सोमनाथ शर्मा को सबसे पहले परमवीर चक्र हासिल हुआ था। दरअसल मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म उत्तराखंड में ही हुआ था।
  5. उत्तराखंड ही भारत की प्रमुख नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थान है।
  6. नंदा देवी भारत का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है जो कि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।
  7. भारत के चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम भी उत्तराखंड में ही स्थित है।
  8. उत्तराखंड में भारत का सबसे पहला कृषि विश्वविद्यालय मौजूद है।
  9. वैसे तो उत्तराखंड की प्रमुख भाषा हिंदी को बताया जाता है लेकिन यहां पर गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषाओं का ज्यादा चलन है।
  10. उत्तराखंड का चमोली जिला फूलों की घाटी के रूप में जाना जाता है।

अरुणाचल प्रदेश का इतिहास

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना उत्तराखंड का इतिहास और रोचक तथ्य (Uttarakhand History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

Exit mobile version