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How to Start An NGO in Hindi

Last updated on: October 6th, 2021

How to Start An Ngo in Hindi | एक NGO कैसे शुरू करें

How to Start An Ngo in Hindi | एक NGO कैसे शुरू करें

हमारे समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जो समाज सेवा करने को इच्छुक होते है। यह लोग गरीबों, पीड़ितों और वंचितों की मदद करते हैं। कई लोग यह परोपकारी कार्य व्यक्तिगत स्तर पर करते हैं तो कई लोग इसे बड़े स्तर पर करने के लिए गैर सरकारी संगठन (NGO) की स्थापना करते हैं।

गैर सरकारी संगठन (NGO) की शुरुआत करना एक बहुत ही परोपकारी काम है। लेकिन एक NGO को शुरू करने के लिए काफी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। भारत सरकार ने कई निर्धारित नियम, कानून तथा मापदंड तय किए गए हैं।

इन्हीं को ध्यान में रखते हुए किसी भी NGO का गठन किया जाता है। ऐसे में अगर आप अपना NGO खोलना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। क्योंकि इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गैर सरकारी संगठन (NGO) क्या होता है? गैर सरकारी संगठन (NGO) कैसे शुरू करें? तो आइए जानते हैं।

NGO का Full Form क्या होता है?

NGO का English Full Form “Non Governmental Organization” होता है। गैर सरकारी संगठन (NGO) का हिंदी फुल फॉर्म (NGO Full Form In Hindi) “गैर सरकारी संगठन” होता है।

NGO क्या है? (What is an NGO?)

आप यह तो जान गए होंगे कि NGO एक Non Governmental Organization होता है। लेकिन बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इसका मतलब क्या होता है? एक गैर सरकारी संगठन को हम आसान शब्दों में स्वैच्छिक संगठन कह सकते हैं।

जैसा कि आप जानते हैं हमारे देश में कई ऐसे जरूरतमंद और असहाय लोग हैं जिन्हें मदद की जरूरत होती है। लेकिन उन तक मदद पहुंच नहीं पाती इसीलिए जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए NGO का निर्माण किया जाता है। आइए जानते हैं NGO Start करने कि क्या प्रक्रिया होती है?

गैर सरकारी संगठन (NGO) कैसे शुरू करें? (How to Start an NGO?)

भारत में कई ऐसे लोग हैं जो मानवता और समाज सेवा के लिए अग्रसर है। देश में कई युवा गैर सरकारी संगठन (NGO) खोलकर समाज की भलाई करना चाहते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता है कि आखिर NGO Start कैसे करते हैं।

दरअसल, गैर सरकारी संगठन (NGO) खोलना कोई आसान काम नहीं है। यह काफी पेचीदा हो सकता है लेकिन हम आपको कुछ चरणों के बारे में बताएंगे Step-By-Step प्रक्रियाओं के बारे में जानकर आपके लिए गैर सरकारी संगठन (NGO) खोलना थोड़ा आसान जरूर हो जाएगा। तो आइए जानते हैं इन चरणों को:-

  1. उद्देश्य निर्धारित करें

कोई भी गैर सरकारी संगठन शुरू करने से पहले, पहला चरण है कि आप यह उद्देश्य निर्धारित करें कि आप उस सामाजिक संगठन का निर्माण क्यों करना चाह रहे हैं। आप किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हैं। गैर सरकारी संगठन (NGO) का उद्देश्य, विजन और मिशन निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप गैर सरकारी संगठन का Registration करवाने जाएंगे तब आपको उस Document में यह बताना होगा कि आप किस उद्देश्य से गैर सरकारी संगठन को खोलना चाहते हैं।

  1. गैर सरकारी संगठन (NGO) के नाम का निर्धारण

गैर सरकारी संगठन (NGO) के नाम का निर्धारण करते समय तीन से चार नामों को पहले से सोच कर रखें। क्योंकि कई बार ऐसा होता है जो नाम आप सोचते हैं उसे पहले ही कोई रजिस्टर करवा चुका होता है। इसके साथ ही गैर सरकारी संगठन (NGO) का नाम ऐसा रखे जो आसानी से हर किसी की जुबां पर चढ़ जाए और पहली बार उस नाम को सुनने से वह आसानी से याद हो जाए।

  1. संचालन मंडल का निर्माण

NGO की निर्माण प्रक्रिया का तीसरा चरण है, संचालन मंडल का निर्धारण करना। आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि ‘अकेला चना कभी भाड़ नहीं फोड़ सकता’ इसी तरह अकेला व्यक्ति भी गैर सरकारी संगठन (NGO) को नहीं चला सकता है। इसीलिए NGO को Start करने के लिए संचालक को कुछ ऐसे लोगों को ढूंढना होता है जो उसी की तरह सेवा भाव रखते हैं। गैर सरकारी संगठन के संचालन मंडल के निर्धारण के बाद जब NGO संचालित किया जाता है तब इन लोगों को अलग-अलग कार्य सौंपा जाते हैं। इस कार्य विभाजन का लाभ होता है कि आपका संगठन इससे प्रगति करता है।

  1. गैर सरकारी संगठन (NGO) के Registration के लिए जरूरी दस्तावेज
  1. गैर सरकारी संगठन (NGO) शुरू करने के लिए आपको तीन महत्वपूर्ण Documents की आवश्यकता होती है इसमें पहला जरूरी Document Trust Deed जो कि एक गैर न्यायिक Stamped पेपर होता है।
    वहीं Memorandum of Association and Rules And Regulations और memorandum And Articles Of Association and Regulations साधारण पेपर होता है जिसमें अलग-अलग सदस्यों के गवाहों तथा गवर्निंग पीपल के हस्ताक्षर होते हैं। गैर सरकारी संगठन (NGO) का Registration करते समय आपको इन में से किसी एक डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी।
  2. अगर आप सोसाइटी का राज्य स्तर पर Registration करवाना चाहते हैं। तो इसके लिए उस राज्य के 7 सदस्य इस Registration में शामिल होने चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर सोसाइटी का Registration करवाने के लिए 8 राज्यों से 8 सदस्यों का चयन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही Registration के समय इन सब लोगों की Personal I’D की जरूरत होती है।
  3. इसके साथ ही जिस स्थान पर आप NGO की शुरुआत करने जा रहें है वहां Registration करवाना ज़रूरी होता है।
  4. गैर सरकारी संगठन (NGO) के Registration की प्रक्रिया में आपको वहां का एड्रेस प्रूफ भी देना होता है।
  5. गैर सरकारी संगठन को शुरू करने के लिए आपको गैर सरकारी संगठन (NGO) के नाम से बैंक अकाउंट खोलना होता है और इसके लिए आपको पैन कार्ड जरूरी होता है।
  6. एक गैर सरकारी संगठन (NGO) को लेकर 3 अधिनियम है और इसके अंतर्गत Registration करवाया जाता है। आइए जानते हैं यह अधिनियम क्या है और इसके अंतर्गत Registration कैसे करवा सकते हैं।

ट्रस्ट अधिनियम (Trust Act)

अगर आप एक ट्रस्ट शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आप कोई इमारत या फिर खाली जमीन या अपने किसी संपत्ति का प्रयोग कर सकते हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में ट्रस्ट एक्ट को अधिनियमित किया गया है जिस राज्य में इस अधिनियम को अधिनियमित नहीं किया गया है वहां पर ट्रस्ट अधिनियम 1882 को लागू किया जाता है।

इस Act के तहत रजिस्ट्रेशन करने के लिए दो Trustee की आवश्यकता होती है। इसके अंतर्गत यदि आप पंजीकरण करवाना चाहते हैं तो आपको उस राज्य से संबंधित Charity Commissioner या फिर Registrar के ऑफिस में आवेदन पत्र देना होगा। इसके साथ ही इसमें आपको एक डॉक्यूमेंट की जरूरत है जिसका नाम है “Trust Deed” जो कि एक गैर न्यायिक पेपर होता है।

इस आवेदन पत्र में निम्नलिखित विवरणों को शामिल किया जाता है:-

  1. ट्रस्टियों के नाम का उल्लेख
  2. हलफनामा
  3. पंजीकरण का शुल्क (यह 3 रुपए से लेकर ₹25 के बीच हो सकता है)
  4. उत्तराधिकारी के बारे में जानकारी
  5. दो रुपए का कोर्ट फीस स्टैम्प
  6. सहमति पत्र

सोसायटी अधिनियम (Society Act)

इसमें आप किसी गैर सरकारी संगठन को सोसाइटी के रूप में पंजीकृत करवाते हैं। लेकिन कुछ राज्यों में यह भिन्न होता है जैसे कि महाराष्ट्र में इस एक्ट के अंतर्गत गैर सरकारी संगठन (NGO) को Trustee के तौर पर पंजीकृत करवाया। इसके लिए 7 सदस्यों की आवश्यकता होती है तथा इसमें आवश्यक दस्तावेजों में Memorandum of Association and Rules And Regulations जरूरी होता है।

अगर आप राजस्थान पर सोसाइटी का गठन कर रहे हैं तो इसके लिए आपको सोसाइटी रजिस्ट्रार के स्थानीय कार्यालय में अपील देनी होगी। अगर आप जिला स्तर पर सोसाइटी खोलना चाहते तो इसके लिए आपको जिला मजिस्ट्रेट के सामने अपील देनी होगी।

कंपनी अधिनियम (Companies Act)

इस अधिनियम में गैर सरकारी संगठनों को Companies के रूप में पंजीकृत किया जाता है। इसके पंजीकरण की प्रक्रिया में एक नामक document काफी महत्वपूर्ण होता है उसका नाम है Memorandum And Articles of Association and Regulations. इस एक्ट के मुताबिक इसमें तीन सदस्यों की जरूरत होती है। कंपनी के नाम के चयन के लिए आवेदन को रजिस्ट्रार के पास भेजा जाता है इसके लिए आपको 1A फॉर्म जमा करना होता है और साथ ही ₹500 देने होते हैं।

जब आप आवेदन करें तो ध्यान रखें उसमें आप 3 अलग-अलग नामों को सुझाएं। क्योंकि यदि Company का कोई भी नाम reject हो जाता है तो अन्य नामों में से किसी एक नाम का चयन किया जाए। जैसे ही Company के नाम की पुष्टि हो जाती है तुरंत ही आपको Company Law Board के Regional Director को एक लिखित आवेदन प्रस्तुत करना होता है।

इनके साथ ही गैर-सरकारी संगठन (NGO) का Registration होने के बाद जब NGO शुरू हो जाता है। तब इसके 3 से 4 साल बाद Section 80G Certificate के लिए आवेदन किया जाता है। दरअसल, इससे गैर सरकारी संगठन (NGO) को जितना भी डोनेशन मिलता है उसका tax Free हो जाता है। यह आवेदन Income Tax में किया जाता है।

NGO शुरू करने में सलाहकार (कंसलटेंट) की भूमिका

NGO को शुरू करने से पहले अगर आपके मन में किसी भी तरह की जिज्ञासा हो तो आप अपनी जिज्ञासाओं को NGO विशेषज्ञ (कंसल्टेंट) के समक्ष रख सकते हैं। NGO सलाहकार आपको NGO से संबंधित सभी जरूरी जानकारी देते हैं। साथ ही यह किसी भी तरह की समस्या से निपटने में भी आपकी मदद करते हैं। इसके अलावा वे कई तरह से आपकी मदद करते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित है :-

1. NGO के पंजीकरण में मदद करना।

2. पंजीकरण से संबंधित जानकारी देना। वहीं पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेजों के बारे में बताना।

3. NGO के पंजीकरण और इसके गठन के लिए जरूरी बुनियादी दस्तावेजों और कानूनी सामग्री को तैयार करना।

4. NGO के गठन के लिए मेमोरेंडम को तैयार करना।

5. NGO के पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेजों को तैयार करना।

6. अगर आप किसी क्षेत्रीय इलाके में NGO की स्थापना करना चाहते हैं तो NGO सलाहकार आपको उस स्थान से संबंधित जानकारी देता है। वह आपको लोगों की आवश्यकताओं के बारे में बताता है जिससे आपको NGO के उद्देश्यों के निर्धारण में मदद मिलती है।

7. इसके अलावा NGO सलाहकार आपको दस्तावेजों के पंजीकरण और प्रमाण पत्र हासिल करने से संबंधित कानूनी परामर्श देता है।

किसी भी NGO का गठन करना ज्यादा कठिन कार्य नहीं है। NGO के प्रावधान और इसके पंजीकरण की प्रक्रिया भी काफी ज्यादा सरल है। लेकिन लोग जब पहली बार किसी NGO को खोलने का विचार करते हैं तब उनके लिए सभी कार्य मुश्किल हो जाते हैं।

साथ ही इन्हें करने में उन्हें काफी समय भी लग जाता है। लेकिन अगर आप किसी NGO कंसल्टेंसी से परामर्श सेवा लेते हैं तो ऐसे में यह कार्य जल्दी हो जाता है। NGO कंसलटेंट विशेषज्ञ के तौर पर काम करते हैं और उन्हें इस क्षेत्र का अनुभव होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप NGO सलाहकार की मदद लेते हैं तो आपको उनकी फीस का भी भुगतान करना होगा।

निष्कर्ष (Conclusions)

इस Article में आपने जाना कि गैर सरकारी संगठन (NGO) का फुल फॉर्म क्या होता है? गैर सरकारी संगठन (NGO) क्या होता है? तथा एक गैर सरकारी संगठन (NGO) शुरू कैसे किया जाता है? एक गैर सरकारी संगठन (NGO) शुरू करना काफी पेचीदा काम है लेकिन आप ऊपर बताए गए चरणों का यदि पालन करते हैं तो आपके लिए यह काम ज्यादा आसान हो जाएगा।

भारत में गरीबों, पिछड़ों की मदद के लिए अब तक कई गैर सरकारी संगठन (NGO) शुरू किए जा चुके हैं जो अब काफी ज्यादा प्रगति भी कर चुके हैं। इन गैर सरकारी संगठन (NGO) में से स्माइल फाउंडेशन , Goonj, CRY , Udaan Welfare Foundation आदि प्रमुख है।

Business & Profession Difference

Society & Trust difference

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना How to Start An Ngo in Hindi (एक NGO कैसे शुरू करें), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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