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मेरा प्रियमित्र

मेरा प्रियमित्र पर निबंध | My best friend essay in Hindi

सामग्री content
• प्रस्तावना Introduction
• जीवन में मित्रता का महत्व Importance of friendship in life.
• मेरा प्रिय मित्र का परिचय Introduction of my best friend.
• निष्कर्ष Conclusion

प्रस्तावना introduction

सच्चा मित्र होना किसी वरदान से कम नहीं है। माता-पिता और रिश्तेदारों से संबंध हमें जन्म से ही मिला होता है लेकिन मित्रता एक ऐसा रिश्ता है जो हम स्वयं अपनी इच्छा से चुनते हैं। अंग्रेजी में एक कहावत है- ‘A friend in need, is a friend indeed’. जिसका अर्थ है कि मित्र वही जो मुसीबत के समय काम आए। मित्रता का अर्थ वह नहीं कि जो सिर्फ आपके अच्छे समय में आपके साथ रहे, बल्कि सच्चा मित्र वह है जो मुश्किल घड़ी में भी आपका साथ ना छोड़े, आपकी हर गलती में आपको सुधारें और आपकी हर परेशानी में ढाल बनकर खड़ा रहे।

यह आवश्यक नहीं कि मित्र हमेशा आपकी ही आयु का हो, मित्रता किसी के साथ भी की जा सकती है। अपने से बड़े या फिर किसी बुजुर्ग से या अपने से छोटे से भी। मित्र एक ऐसा साथी है जिसकी संगत में रहकर हमें खुशी प्राप्त हो।

जीवन में मित्रता का महत्व Importance of friendship in life.

एक सच्चा मित्र हमारे जीवन को आसान बनाता है जो बातें हम अपने माता-पिता का बड़ो से नहीं कह सकते एक दोस्त के साथ बांट सकते हैं।

एक सच्चा मित्र हमें सदैव आगे बढ़ने और जीवन में अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है। एक सच्चा मित्र आपको प्रगति करता हुआ देख प्रसन्न होता है। अपने मित्र के साथ बैठकर गप्पे लड़ाना या फिर किसी दुखद घटना का वर्णन करना, निसंदेह जीवन मे एक सच्चा मित्र होना हमारे जीवन को बहुत ही खुशहाल बना देता है।

मेरा प्रिय मित्र का परिचय Introduction of my best friend.

मेरी प्रिय मित्र का नाम है आशी। हमारी मित्रता स्कूल के पहले दिन शुरू हुई थी। वह स्वभाव से बिल्कुल मेरी ही तरह है इसलिए हम दोनों में बहुत ही ज्यादा गहरी दोस्ती है। हम दोनों की पसंद है एक दूसरे से बहुत ही विपरीत है किंतु हम दोनों ने एक दूसरे की पसंद न पसंद का सम्मान करते हैं।

आशी बहुत ही अच्छे परिवार से उसके पिता एक शिक्षक है और माता गृहिणी है। आशी का एक छोटा भाई है जो कि मेरा एक बड़ी बहन समान आदर करता है।

आशी का भाई मुझे अपने घर का सदस्य के समान ही समझता है। छुट्टी के दिन या पर पढ़ाई के लिए मैं आशी के घर जाती रहती हूं। जिस प्रकार मैं और आशी मित्र है उसी प्रकार मेरी मां और आशी की मां भी बहुत अच्छी मित्र हैं।

अक्सर मेरी मां भी मेरे साथ आशी के घर जाते हैं। हम सब वहां साथ में बहुत ही अच्छा समय बिताते हैं। आशी का घर है घर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है इस कारण हम एक दूसरे के घर आते जाते रहते हैं। आशी के घर के बाहर एक बहुत ही सुंदर बगीचा है जहां रंग बिरंगे फूल लगे हैं हम हर रविवार को वहां बैठकर बातें करते हैं और चाय पीते हैं।

आशी बहुत ही सुंदर और होनहार लड़की है। पढ़ाई में अच्छी होने के साथ-साथ वह एक बहुत अच्छी चित्रकार भी है। उसने बहुत सारी प्रतियोगिता में भाग लिया और पुरुस्कार जीता है। आशी ने मुझे भी चित्रकारी करना सिखाइ है। हम दोनों सदैव एक साथ रहते हैं, स्कूल में भी हम एक साथ बैठते हैं और एक साथ ही लंच करते हैं। हम दोनों ने एक साथ बहुत सारे कार्यक्रमों में भाग लिया है जैसे कि नृत्य, खेल, नाटक आदि।

आशी एक आत्मविश्वास से भरी हुई लड़की है। वह हर प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है और मुझे भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।

आशी एक एक शांत स्वभाव की लड़की है जो लड़ाई झगड़ों और बहस पानी से दूर रहती है। वह बड़े होकर अपने पिताजी की तरह ही एक अच्छी शिक्षिका बनना चाहती है। आशी गणित में बहुत ही अच्छे अंक लाती है। मेरी गणित कमजोर होने के कारण वह गणित पढ़ने मे मेरी सहायता करती है। हम परीक्षा के समय एक दूसरे के घर जाकर पढ़ाई भी करते हैं और पढ़ाई के बीच थोड़ी देर मनोरंजन के लिए कोई खेल खेलते हैं। आशी की मां हमारे लिए स्वादिष्ट नाश्ता भी बनाती हैं। वह हर सुख और दुख के समय में मेरा साथ देती है। एक बार सड़क पर एक छोटे से एक्सीडेंट के कारण मुझे चोट आ गई थी। उस समय उसी ने मेरा बहुत ही ध्यान रखा। वह रोज मेरे घर आती, उसने मुझे एक किताब भी दी ताकि मैं उसे पढ़ कर अपना समय बिता सकूं।

हर वर्ष हम दोनों एक दूसरे के जन्मदिन की ज़ोर शोर से तैयारी करते हैं। हम एक दूसरे की पसंद का भोजन तैयार करते हैं और एक दूसरे के लिए उपहार भी लाते है।

हम साथ में घूमने भी जाते हैं। एक बार हम दोनों साथ में संग्रहालय गए थे वहां हमने बहुत सारी अनोखी चीजों को देखा और घर आकर उस पर निबंध लिखा। परीक्षा की तैयारी के लिए हम एक दूसरे के साथ प्रतियोगिता भी करते हैं और सवाल भी पूछा करते हैं और जो जिस विषय में कमजोर होता है उसे मिलकर पढ़ते है।

आशी ने कभी भी मुझ पर क्रोध नहीं किया ना ही मुझसे झगड़ा किया। वह मुझे मेरी हर गलती को बड़ी ही विनम्रता के साथ समझाती है। और मुझे सदैव एक अच्छा और बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है।

निष्कर्ष Conclusion

मित्रता का संबंध प्रेम, विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है। जिस मित्र में आपके प्रति जलन हो वह मित्र किसी दुश्मन से कम नहीं। एक सच्चा मित्र सदैव आपके चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहता है। वह आपकी परछाई की तरह आपके हैं हर सुख दुख में साथ देता है। एक सच्चा मित्र होना आसान नहीं है। सच्चा मित्र वही है जो हर घड़ी में आपके साथ दे, आपको स्वयं से कम न समझे और आप के प्रति उसके मन में द्वेष ना हो।

जिस प्रकार श्री कृष्ण और सुदामा ने मित्रता की मिसाल पेश की थी उसी प्रकार मैं भी आशी के लिए उसके हर दुख सुख भागी बनना चाहती हूं। मुझे भगवान के आशीर्वाद के रूप में आशी की मित्रता प्राप्त हुई है जिसे मैं अपनी अंतिम सांस तक निभाऊँगी। एक सच्चा मित्र जीवन में एक अमूल्य वरदान से कम नहीं है। यदि आपके जीवन में एक सच्चा मित्र है तो आप बहुत ही भाग्यशाली हैं।

Author

आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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