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बीएसएफ के बारे में पूरी जानकारी | Complete Information about BSF
BSF यानी सीमा सुरक्षा बल जो भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी का काम करने वाला सेना का प्रमुख अर्धसैनिक बल है।
आज 1 दिसंबर है, आज ही के दिन बीएसएफ का गठन भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखने के लिए किया गया था।
बीएसएफ क्या है
Border Security Force- सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है। जिसका मुख्य कार्य शांति के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की देखभाल करना, वहां पर होने वाली अवैध गतिविधियों जैसे तस्करी, घुसपैठ आदि पर नज़र रखना व भारत की सीमा को अतिक्रमण से बचाना है।
BSF सामान्य जानकारी
BSF – Border Security Force
हिंदी में – सीमा सुरक्षा बल
इनका धेय वाक्य – “जीवन पर्यंत कर्तव्य”
अंग्रेजी में (Duty Unto Death)
स्थापना – 1 दिसंबर 1965
BSF का ऑफिस कार्यालय
पता – सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय ब्लॉक 10 CGO कांप्लेक्स लोधी रोड नई दिल्ली 110003
BSF OFFICIAL WEBSITE – https://bsf.gov.in/
वर्तमान में BSF की 186 बटालियन है
जो भारत कि 6,385.39 km लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती है, देश की यह सीमाएं पवित्र स्थल, सुदूर और दुर्गम रेगिस्तानों, नदी, घाटियों और बर्फ से आच्छादित पहाड़ों के प्रदेशों तक फैली है।
भारत में बीएसएफ का गठन कब हुआ
भारत-पाकिस्तान बटवारे के पश्चात 1965 में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के गठन की आवश्यकता महसूस हुई उस दौरान राज्य पुलिस बल देश की इन सीमाओं की सुरक्षा करता था जो कि सीमा के खतरों से पूरी तरह निपटने में असमर्थ साबित हुई। तत्पश्चात सरकार ने एक नई केंद्रीय एजेंसी के रूप में BSF यानी सीमा सुरक्षा बल का गठन किया जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं। साथ में सीमावर्ती इलाकों के लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी इसका प्रमुख कार्य है।
उस समय “भारतीय पुलिस सेवा” से ही के० एफ० रुस्तमजी को बीएसएफ के प्रथम महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, वर्ष 1965 में BSF के गठन से पूर्व तक पाकिस्तान से लगी हुई भारत की सीमाओं की सुरक्षा राज्य सशस्त्र पुलिस द्वारा बनायीं गयी बटालियन द्वारा की जाती थी। परन्तु पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट तथा बेरिया बेट पर आक्रमण कर दिया। इस दौरान राज्य पुलिस जो सीमाओं की सुरक्षा कर रही थी वह असमर्थ साबित हुई। तत्पश्चात विशेष प्रशिक्षण एवं विशेष बल की आवश्यकता महसूस हुई, BSF का गठन 1 दिसम्बर 1965 को हुआं।
1971 का युद्ध भारत को जीताने में BSF की अहम भूमिका रही।
भारत में जिस खतरे को देखते हुए बीएसएफ का गठन किया था ठीक वही हुआ पाकिस्तान ने 1971 में भारत की सीमा पर अतिक्रमण शुरू कर दिया जहां पर बीएसएफ के सैनिकों ने लांगवाला की प्रसिद्ध लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं कई परिचालनों में हिस्सा लिया। वास्तव में, BSF के कौशल के बारे में 1971 के युद्ध में जानने को मिला और इसके बनाये जाने का उद्देश्य सार्थक होता दिखा जब 1971 के पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में BSF ने अपनी प्रमुख भूमिका निभाई।
इसके लिए बीएसएफ ने बंगाल की “मुक्ति वाहिनी” को संगठित कर विशेष प्रशिक्षण और समर्थन दिया था।
जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी ने भयंकर तांडव कर पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश नाम का एक नया देश बनाया था।
बांग्लादेश बनने के बाद उस समय की तत्कालीन भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने BSF की अहम भूमिका मानी थी और इसके कार्य की भरपूर सराहना भी की थी।
बीएसएफ में महिलाओं का प्रवेश
समय बदलता गया और वर्तमान में BSF में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी कार्यरत हैं जो कि भारत-पाकिस्तान सीमा की निगरानी करती हैं। इस समय BSF में 100 से अधिक महिलाएं नियुक्त की गई हैं, जबकि लगभग 60 भारतीयों महिलाओं को भारत-बांग्ला सीमा पर भी, सीमा की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न चरणों में सीमा पर निगरानी के लिए 595 महिला कॉन्स्टेबल तैनात करने की तैयारी चल रही है।
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