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ड्रग्स और मेडिसिन में अंतर
‘ड्रग्स’ और ‘मेडिसिन’ दो ऐसे शब्द है जिनका इस्तेमाल आम बोलचाल की भाषा में एक दूसरे के पर्यायवाची के रूप में किया जाता है। लेकिन ‘ड्रग्स’ और ‘मेडिसिन’ के अंतर से अधिकांश लोग वाकिफ नहीं है। इस आर्टिकल में हम आपको ड्रग्स और मेडिसिन के बीच के अंतर को बताएंगे। तो आइए जानते हैं आखिर ड्रग्स और मेडिसिन क्या है? और इनमें क्या-क्या अंतर विद्यमान है:-
ड्रग्स क्या होता है? (What is a Drug in Hindi?)
‘ड्रग्स’ का नाम सुनकर कई लोगों को लगता है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ नशे के लिए किया जाता है। ड्रग एक हानिकारक पदार्थ होता है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन हम रोजाना दवाइयों के रूप में ड्रग्स का सेवन करते हैं। दरअसल, ड्रग्स के भी कई प्रकार होते हैं जिनमें से कुछ प्रकारों का इस्तेमाल तो शरीर में बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। ड्रग्स से ही दवाइयों को बनाया जाता है जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। विश्व भर में 80 फ़ीसदी से अधिक लोग ड्रग्स का सेवन दवाइयों के रूप में करते हैं।
ड्रग्स एक ऐसा रासायनिक पदार्थ होता है जो आपके शरीर को अपनी अंतर्निहित प्रकृति के अनुरूप नियंत्रित करता है। ड्रग्स के लगातार सेवन से आप उसके आदी हो सकते हैं। ड्रग्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है लेकिन फिर भी आप इसका इस्तेमाल करने से खुद को नहीं रोक पाते। इसके अलावा यदि आप किसी बीमारी के उपचार के लिए कोई दवा लेते हैं तथा उपचार हो जाने के बाद भी आपको उस दवा के सेवन की आदत हो जाती है तो उसे ड्रग्स की श्रेणी में रखा जाता है। ड्रग्स हमारे शरीर को कैसे नियंत्रित करता है इसे इन उदाहरणों द्वारा समझा जा सकता है:-
उदाहरण:
1. जब आपको नींद नहीं आती तब आप नींद की गोली लेते हैं जिस वजह से भले ही आपको नींद न आए फिर भी यह गोली आपको नींद में डाल देती है। फिर अगले दिन जब आपको नींद न आ रही हो तब आपका शरीर फिर से उस नींद की गोली की मांग करता है। जैसे- जैसे आप शरीर की बात को मानते हुए नींद की गोली खाते हैं वैसे-वैसे आप उसके आदी होने लग जाते हैं। आप इस अवस्था में पहुंच जाते हैं कि आपको बिना नींद की गोली की नींद नहीं आती, इसी को ड्रग डिपेंडेंसी (Drug Dependency) कहा जाता है।
2. इसी तरह दर्द को दूर करने वाले पेन किलर (Pain killers)भी यही काम करते हैं। यह दर्द के कारण को नहीं मिटाती बल्कि आपको कुछ समय के लिए दर्द को भूलने का अहसास करा देती है। जिस वजह से आपको उस दौरान दर्द का एहसास नहीं होता। लेकिन जब फिर से दर्द शुरू होता है तब आपको पेन किलर लेने पर मजबूर होना पड़ता है और यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। धीरे-धीरे दर्द निवारक या पेन किलर हमारे शरीर पर राज करने लगते हैं।
ड्रग्स के प्रकार (Types of Drug)
आमतौर पर ड्रग्स को दो प्रकार में विभाजित किया जाता है जो कि निम्नलिखित :-
- कुछ ऐसे ड्रग्स होते हैं जिनका इस्तेमाल तब किया जाता है जब आप बीमार होते हैं। जैसे दर्द की दवा, डायबिटीज की दवा, नींद की दवा आदि।
- वहीं कुछ ऐसे भी ड्रग्स होते हैं जिनका इस्तेमाल हम नशे के लिए करते हैं जिनमें मारिजुआना, हेरोइन, अफीम, कोकीन, तंबाकू आदि शामिल है।
दवा क्या होती है? (What is a Medicine in Hindi?)
अब सवाल यह उठता है कि अगर यह ड्रग्स है तो आखिर दवा क्या होती है? दरअसल, दवा किसी भी बीमारी को, उसके लक्षण को रोकने या कम करने या ठीक करने का काम करती है। यानी की एक दवा रोगी पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। दवा आपके शरीर को सामान्य स्थिति तक वापस पहुंचाने में मदद करती है।
एक दवा में कई अलग-अलग तरह के घटक शामिल होते हैं जिन्हें एक्सिपिएंट्स कहा जाता है। यह घटक रोग को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। बीमारी के ठीक होने के निश्चित समय तक ही दवाओं का सेवन किया जाता है।
ड्रग्स के विपरीत दवा की यह खासियत है कि यदि आपको दवा की आवश्यकता नहीं है और आप समय पर दवा नहीं लेते तो इससे आपको कोई परेशानी या खतरा नहीं होगा क्योंकि औषधि आपके शरीर में भोजन की तरह काम करती है जिस तरह जब आप प्यासे हैं तब आपके लिए पानी, दवा की तरह काम करती है। जब आप भूखे होते हैं तब भोजन दवा की तरह काम करती है। इसी तरह जब आप थक जाते हैं तब नींद आपकी दवा के रूप में काम करती है। इसी तरह जब आप बीमार होते हैं तब दवाई आपके शरीर को वापस उसी अवस्था में पहुंचाने में मदद करती है।
ड्रग्स और दवा के बीच अंतर (Drugs and Medicine difference in Hindi)
- उत्पत्ति:- ड्रग शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द “फार्माकॉन” से हुई है। जबकि मेडिसिन शब्द लैटिन शब्द “मेडिकस” से निकला है जिसका तात्पर्य होता है उपचार।
- परिभाषा:- ड्रग एक ऐसा रसायनिक पदार्थ होता है जो आपके शरीर को नियंत्रित करता है तथा आपको दर्द भूलने में मदद करता है। जब की दवा किसी बीमारी और उसके लक्षण को कम करने या ठीक करने में मदद करती है तथा आपके शरीर को वापस सामान्य स्थिति पर पहुंचाती है।
- ड्रग्स की कोई खुराक नहीं होती जबकि दवा एक निश्चित खुराक में दी जाती है।
- दवा बीमारी का इलाज करती हैं जबकि ड्रग्स बीमारी को कुछ समय के लिए भूलने में हमारी मदद करती है।
- नशीले ड्रग्स हमारे शरीर को नियंत्रित करते हैं, जीवन में हमें उनकी लत लग जाती है जबकि दवाओं का इस्तेमाल तब तक किया जाता है जब तक बीमारी के इलाज के लिए जरूरी होता है। बीमारी ठीक हो जाने के बाद दवाओं का इस्तेमाल बंद कर दिया जाता है।
- ड्रग्स का इस्तेमाल सीधे इलाज के लिए नहीं किया जा सकता क्योंकि इसका उपयोग करने के लिए उपयुक्त खुराक की आवश्यकता होती है जबकि दवा का इस्तेमाल इलाज के लिए किया जाता है।
- दवाइयां मनुष्य के शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती जबकि ड्रग्स शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
- सभी ड्रग्स दवाइयां नहीं होती लेकिन सभी दवाइयां ड्रग्स जरूर होती हैं।
- ड्रग्स की प्राप्ति पौधों, पशु, सूक्ष्मजीवों व खनिजों आदि से की जाती है जबकि दवाओं को ड्रग्स से ही प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए पेरासिटामोल (Paracetamol) को एसिटामिनोफेन (एनाल्जेसिक व एंटीपीयरेटिक), मॉर्फिन (एनाल्जेसिक) और एमपीसीलिन (एंटीबायोटिक) के रूप में जाना जाता है। इनसे पेरासिटामोल टेबलेट तथा पेरासिटामोल सिरप आदि बनाई जाती है।
निष्कर्ष
इस तरह हम कह सकते हैं कि दवाओं की उत्पत्ति ड्रग्स से होती है लेकिन ड्रग्स जहां हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वही दवाइयां हमारे शरीर के लिए हमेशा सकारात्मक सिद्ध होती है। ड्रग्स के लगातार सेवन से हम ड्रग्स के आदी हो जाते हैं। अत्यधिक ड्रग्स का सेवन हमारे जीवन को खतरे में डाल देता है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना ड्रग्स और मेडिसिन में अंतर | Difference between Drug and Medicine in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।