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सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के बीच अंतर

Government Job and Private Job difference in Hindi
सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में अंतर | Government Job and Private Job difference in Hindi

सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में क्या अंतर है?

मौजूदा समय में हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उन्हें सरकारी नौकरी मिलें। कई छात्र सालों-साल सरकारी नौकरी की तैयारी में निकाल देते हैं। वही कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें प्राइवेट सेक्टर में जॉब सरकारी के मुकाबले ज्यादा अच्छी लगती है इसके पीछे की वजह है इस सेक्टर की बेहतर फैसिलिटीज। जैसे कि आप जानते हैं हमारे देश में हमेशा से सरकारी नौकरी को ज्यादा तवज्जो दी जाती रही है।

मौजूदा समय में लड़के-लड़की का विवाह कराने से पहले माता-पिता यह ज़रूर सुनिश्चित करते हैं कि लड़का या लड़की कोई सरकारी नौकरी जरूर कर रहे हो। लेकिन उदारीकरण के इस दौर में प्राइवेट नौकरियों को नजरअंदाज करना भी सही नहीं है क्योंकि आज प्राइवेट सेक्टर को भी कई युवा तव्वजों दे रहे हैं। कई लोग कॉर्पोरेट हाउसेस को ज्वाइन भी कर रहे हैं।

ऐसे में कई लोगों के मन में यह प्रश्न होगा कि आखिर सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में क्या अंतर है? तथा इन दोनों में से कौन बेहतर है? आपकी इस उलझन को हम आज के इस आर्टिकल में सुलझाने वाले हैं।

सरकारी और प्राइवेट नौकरी के बीच के अंतर:-

सरकारी नौकरी किसे कहते हैं? (What is a Government Job in Hindi?)

सरकारी नौकरी को अंग्रेजी में गवर्नमेंट जॉब के नाम से जाना जाता है। यह वह नौकरियां होती हैं जिसमें काम करने वाला व्यक्ति या तो सरकार के लिए काम करता है या सरकार के किसी संगठन या संस्था के लिए। इनमें काम करने वाले व्यक्ति को सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना होता है, क्योंकि इनमें काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह सरकार ही सुनिश्चित करती है।

इसके अलावा यह नौकरियां परमानेंट होती है। इन नौकरियों में निश्चित समय सीमा हो जाने तक आपको कोई भी इस नौकरी से नहीं निकाल सकता। इस तरह की नौकरियों में रिटायरमेंट प्लान होता है जिसके तहत एक निश्चित आयु हो जाने के बाद आप इन नौकरियों से रिटायर हो जाते हैं। सरकारी नौकरियों के लाभों को देखते हुए लोग इनके पीछे भागते हैं।

लोग सरकारी नौकरी को कितना महत्व देते हैं यह आपको सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीइएस) के सर्वे से ही पता चल जाएगी। कुछ सालों पहले सीईएस द्वारा दिल्ली, जयपुर और इलाहाबाद में 515 छात्रों से सर्वे लिया गया। यह छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए थे।

इनमें से 72% छात्र ग्रेजुएशन पूरी कर चुके थे जबकि 19 फ़ीसदी छात्रों की पोस्ट ग्रेजुएशन हो चुकी थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि इन छात्रों में से अधिकतर छात्रों ने यह कहा कि वह सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक हैं। इनमें से कुछ छात्र प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर चुके थे। लेकिन वे वहां के हालातों से परेशान होकर सरकारी नौकरी करना चाहते थे।

प्राइवेट नौकरी किसे कहते हैं? (What is a Private Job in Hindi?)

वे नौकरियां जिसमें सरकार द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जाता प्राइवेट नौकरियों की श्रेणी में आती है। इस तरह की नौकरियों में कोई भी व्यक्ति अपनी निजी कंपनी खोलता है तथा उसमें कर्मचारियों को नियुक्त करता है। वही व्यक्ति एंप्लाइज की सैलरी का भी निर्धारण करता है।

इस तरह की कंपनियों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। कई लोगों का कहना है कि प्राइवेट नौकरी टेंपरेरी होती है क्योंकि इसमें सरकारी नौकरी की तरह आपके काम की सुरक्षा नहीं होती यानी कि जब मालिक चाहेगा वह आपको इन नौकरियों से निकाल सकता है।

सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के बीच अंतर (Difference between Government Job and Private Job in Hindi)

सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में जमीन आसमान का अंतर होता है। एक तरफ जहां सरकारी नौकरियों में सरकार का नियंत्रण होता है। वही प्राइवेट नौकरियों में कंपनी के फाउंडर का नियंत्रण होता है। इन दोनों ही तरह की नौकरियों में कई अंतर पाए जाते है। इन अंतरों के बारे में जानकर आप यह तय कर सकते हैं कि कौन सी नौकरी आपके लिए उपयुक्त है।

1. नौकरी की सुरक्षा–

सरकारी नौकरियां सिक्योर होती है क्योंकि आपको निर्धारित समय सीमा से पहले कोई काम से नहीं निकाल सकता। इस तरह की नौकरियां परमानेंट होती है जबकि प्राइवेट नौकरियां सिक्योर नहीं होती। इसमें कंपनी का फाउंडर आपको बिना किसी पूर्व नोटिस के कभी भी निकाल सकता है।

2. छुट्टियां–

भारत में किसी भी महत्वपूर्ण त्योहार और दिन में सरकारी नौकरियों में कैलेंडर के हिसाब से छुट्टियां मिलती है। लेकिन प्राइवेट नौकरियों में यह प्रावधान नहीं होता कई प्राइवेट नौकरियां छुट्टियों के दिन भी एंप्लाइज से काम करवाती हैं। हालांकि कुछ-कुछ कंपनियां होती हैं जो छुट्टियां प्रदान करती हैं।

3. नौकरियों की वैकेंसी-

जैसा कि आप जानते हैं प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की भरमार होती है। कई बार प्राइवेट कम्पनियों को इस समस्या तक का सामना करना पड़ता है कि उन्हें अपने काम के लिए एंप्लॉय नहीं मिलते। लेकिन वहीं दूसरी ओर गवर्मेंट सेक्टर में निश्चित वैकेंसी निकलती हैं और सरकारी नौकरी चाहने वाले लोगों की भरमार होती है। यही वजह है कि सरकारी नौकरियों के लिए गला काट प्रतिस्पर्धा है।

4. काम के घंटों में अंतर-

सरकारी नौकरियां और प्राइवेट नौकरियों में काम के घंटों के आधार पर काफी भिन्नता देखी जाती है। सरकारी नौकरियां एक निश्चित समय सीमा में बंधी होती है तथा सरकारी नौकरियों में प्राइवेट नौकरियों की तुलना में काम के घंटे कम होते हैं। दूसरी ओर यदि बात करें प्राइवेट नौकरियों की तो प्राइवेट सेक्टर में फाउंडर आपसे जितना मर्जी उतना काम लेता है। इसमें काम के घंटे निर्धारित नहीं होते।

5. काम का दवाब-

प्राइवेट नौकरियों में काम के घंटे ज्यादा होने की वजह से वर्क प्रेशर भी ज्यादा होता है। क्योंकि प्राइवेट नौकरियों की सफलता और असफलता का सारा दामोदर ज्यादा से ज्यादा काम करने पर होता है। इसीलिए प्राइवेट नौकरियों में एंप्लाइज से उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारी ज्यादा काम लेते हैं जबकि दूसरी ओर सरकारी नौकरियों में ज्यादा काम का दबाव नहीं होता।

6. वेतन/तनख्वाह-

लोगों को सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में सबसे ज्यादा संशय तनख्वाह को लेकर होता है। आपको बता दें, सरकारी नौकरी में आपको ऊंची सैलरी मिलती है। भले ही आप छोटे पद पर कार्य कर रहे हो, यह सैलरी फिक्स होती है तथा समय के साथ आपका कार्यकाल जितना बढ़ता जाता है उतनी ही आपकी तनख्वाह भी बढ़ती जाती है। लेकिन प्राइवेट सेक्टर में ऐसा नहीं होता। प्राइवेट सेक्टर में जो तनख्वाह निर्धारित होती है उतनी ही मिलती है। हमेशा देखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में बहुत कम तनख्वाह में कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है। लेकिन समय के साथ इसमें भी थोड़ी बहुत बढ़ोतरी होती है।

7. प्रतिष्ठा-

चाहे वह सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट नौकरी। हमेशा लोग नौकरी करने वाले व्यक्ति को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं तथा ऐसे व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा होती है। लेकिन बात की जाए सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में प्रतिष्ठा की तो सरकारी नौकरी में प्राइवेट नौकरी से ज्यादा प्रतिष्ठा हासिल होती है। कई बार आपने लोगों को गर्व से कहते सुना होगा कि, ‘मैं फलां जगह सरकारी नौकरी कर रहा हूँ।‘ भले ही सरकारी नौकरी करने वाला शख्स प्राइवेट नौकरी करने वाले शख्स से कम वेतन पर काम कर रहा हो। लेकिन इसके बावजूद लोग उसे प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखते हैं।

8. अवकाश-

अवकाश का फायदा ज्यादातर सरकारी नौकरी वालों को मिलता है जो लोग सरकारी नौकरी करते हैं उन्हें एक ‘मंथली लीव’ (Monthly leaves) जरूर दी जाती है। वहीं प्राइवेट नौकरी में इस तरह की व्यवस्था नहीं होती। लेकिन आजकल कई ऐसी कंपनियां हैं जो मंथली लीव का भी प्रावधान कर रहीं हैं।

9. सुविधाएं-

सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरियों के मध्य ऑफिस की सुविधाओं की बात करें तो हमेशा से देखा गया है कि सरकारी ऑफिसों की हालत खस्ता होती है, जबकि प्राइवेट ऑफिसों में एसी(AC), खाना, रहना समेत कई तरह की सुविधाएं (Facilities) दी जाती है। यानी कि सुविधाओं के मामले में प्राइवेट नौकरियां सरकारी नौकरियों को पछाड़ देती है।

10. पद्दोन्नति-

सरकारी नौकरी में प्रमोशन की समय सीमा फिक्स होती है जबकि प्राइवेट नौकरियों में प्रमोशन आपके ज्ञान के आधार पर तथा कार्य कौशल के आधार पर हासिल होता है।

निष्कर्ष

आपने इस लेख में जाना कि सरकारी और प्राइवेट नौकरियों के बीच क्या अंतर है तथा इनके फायदे क्या-क्या है। आपने इस लेख को पढ़ने के बाद अपने मन में इन दोनों सेक्टरों को लेकर कोई ना कोई धारणा तो जरूर बनाई होगी। लेकिन हम आपको बता दें, चाहे वह नौकरी सरकारी हो या प्राइवेट। इन दोनों में ही कुछ खामियां तथा कुछ फायदे होते हैं।

सरकारी नौकरियों में तमाम तरह की सुविधा होती है जैसे तनख्वाह, काम के घंटे, नौकरी की सुरक्षा आदि। यही वजह है कि कई लोग सरकारी नौकरियों के पीछे भागते हैं। लेकिन प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों को भी कमतर समझना गलत होगा क्योंकि आज प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में सरकारी नौकरियों के मुकाबले ज्यादा फैसिलिटीज हैं। इस सेक्टर में नौकरियों की भरमार है।

इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि इन नौकरियों में आपको आपकी योग्यता के आधार पर प्रमोशन हासिल होती है। इसलिए आप जो भी नौकरी कर रहे हैं उसी में खुश रहे या फिर आप यदि दोनों सेक्टर में से किसी एक में काम करने के इच्छुक हैं तो पहले अच्छी तरह से सोच विचार करें फिर निर्णय लें।

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तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में क्या अंतर है | Difference between Government Job and Private Job in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं, अपने सुझाव या प्रश्न भी कमेंट सेक्शन में जा कर पूछ सकते हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए HelpHindiMe को Subscribe करना न भूले।

Author:

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।

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