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बिल और इनवॉइस के बीच अंतर
हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जरूरत की कई दैनिक वस्तुओं की खरीद करते हैं। यह खरीद ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से की जाती है। सामानों को खरीदते समय आपने दो शब्दों के बारे में अक्सर सुना होगा।
एक है बिल और दूसरा इनवॉइस। इन दोनों ही दस्तावेजों में बिक्री के बारे में विवरण होता है। कई लोगों को लगता है कि बिल और इनवॉइस एक ही चीज है। वहीं कई लोग जानते हैं कि यह दोनों अलग है परंतु वे अच्छी तरह से इन दोनों के बीच के अंतर को नहीं समझते। ऐसे में आपकी मदद के लिए हम इस लेख में आपको इन दोनों के बारे में जानकारी देंगे।
आपको बता दें, बिल और इनवॉइस पूरी तरह से एक समान नहीं होते वे दोनों ही एक दूसरे से अलग होते हैं। इन दोनों का उपयोग अलग-अलग उद्देश्य के लिए किया जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बिल और इनवॉइस क्या होता है? (What is Bill and Invoice in Hindi?) तथा यह दोनों एक- दूसरे से कैसे अलग है? तो चलिए शुरू करते हैं:-
बिल क्या होता है? (What is Bill in Hindi?)
जब हम किसी चीज की खरीद करते हैं तब उस खरीद के बाद हमें बिल दिया जाता है। आसान शब्दों में समझे तो जब हम किसी दुकान से कोई भी सामान खरीदते हैं तब उस दुकान का विक्रेता हमें एक दस्तावेज देता है जिसमें तारीख, बिल की संख्या, वस्तु का नाम तथा दुकान का नाम लिखा होता है, इस दस्तावेज को ही बिल कहा जाता है। बिल में आपसे भुगतान का अनुरोध किया जाता है। बिल कार सेवा फर्मों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों, रेस्तरां, दुकानों तथा अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा दिए जाते हैं।
एक बिल में मुख्यतः उन वस्तुओं का रिकॉर्ड होता है जिन्हें बेचा गया है। इसमें वस्तुओं की कीमत, कर तथा अन्य सेवा शुल्क के बारे में जानकारी दी जाती है, जिनका भुगतान आपको करना होता है। बिल को इस उम्मीद से पेश किया जाता है जिससे भुगतान जल्द पूरा हो जाए।
एक बिल बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है क्योंकि यदि आपके द्वारा लिए गए सामान में कोई खराबी आ जाती है तो आप इस बिल को दिखाकर ही वह सामान उक्त दुकान को वापस दे सकते है। बिना बिल के कोई भी विक्रेता आपसे सामान को वापस नहीं लेगा क्योंकि आपके पास ऐसा कोई भी सबूत नहीं रहेगा कि आपने उसी दुकान से उक्त सामान को खरीदा है। इसीलिए हमेशा यह हिदायत दी जाती है कि जब भी आप किसी सामान की खरीद करें तब विक्रेता से उसका बिल जरूर ले।
इनवॉइस क्या होता है? (What is Invoice in Hindi?)
कई लोगों का मानना है कि बिल और इनवॉइस एक ही चीज होती है। हालांकि यह कुछ हद तक तो सही है लेकिन पूरी तरह से नहीं। क्योंकि इनवॉइस में कुछ चीजें ऐसी होती है जो बिल से अलग होती है। यह दिखने में तो बिल की तरह ही होता है लेकिन उससे थोड़ा अलग होता है। इनवॉइस एक ऐसा दस्तावेज होता है जो ग्राहकों को जारी किया जाता है। इसमें प्रदान की गई उत्पाद या सेवा की जानकारी होती है।
यदि आपने एक जैसे दो उत्पाद खरीदे हैं तो उसकी क्वांटिटी या मात्रा भी इनवॉइस में लिखी होती है। इसके अलावा इसमें बकाया राशि, कस्टमर आईडी, एड्रेस, विक्रेता और खरीदार के संपर्क की जानकारी का विवरण दिया जाता है। कई बार किसी ऑनलाइन खरीद के दौरान कस्टमर पहले ही भुगतान कर देता है। इस मामले में इनवॉइस में उत्पाद की राशि नहीं लिखी होती बल्कि उसमें यह बताया जाता है कि राशि का भुगतान कर दिया गया है। इसके लिए राशि वाले स्थान पर ‘प्रीपेड’ (Prepaid) लिखा रहता है। मुख्यतः इनवॉइस में भुगतान का अनुरोध किया जाता है। इनवॉइस को खरीदे गए उत्पाद या सेवा की डिलीवरी के बाद जारी किया जाता है।
इनवॉइस का इस्तेमाल ऑनलाइन खरीद में किया जाता है। यदि आप कोई भी सामान ऑनलाइन मंगवाते हैं तो हमेशा आपके प्रोडक्ट के ऊपर एक दस्तावेज चिपका होता है, इसी दस्तावेज को इनवॉइस कहा जाता है। कई ऐसे प्लेटफार्म है, जैसे- अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और eBay आदि के जरिए कई लोग वस्तुओं की खरीद करते हैं।
मान लीजिए आपने ऑनलाइन खरीद के माध्यम से कोई साड़ी खरीदी है तो साड़ी की डिलीवरी के बाद आपको इनवॉइस प्रदान किया जाएगा। इस इनवॉइस में आपने कितनी साड़ी खरीदी है, उस साड़ी का रंग क्या है, उसका दाम क्या है, आपका पता तथा किस प्लेटफार्म या विक्रेता से आपने उस सामान को खरीदा है, इन सब बातों का उल्लेख किया जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि इनवॉइस खरीदी गई वस्तुओं का एक रिकॉर्ड होता है।
बिल और इनवॉइस के मध्य अंतर (Difference between Bill and Invoice in Hindi)
इनवॉइस और बिल ऐसे दस्तावेज होते हैं जो विक्रेता द्वारा खरीदार को दिया जाता हैं, जब सामान खरीदा, डिलीवर या आर्डर किया जाता है। यह दोनों ही एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। लेकिन इनके उद्देश्य अलग-अलग होते हैं।
ऐसे में दोनों के मध्य के अंतर को समझना जरूरी है तो आइए जानते हैं इनके मध्य क्या-क्या अंतर है:-
- किसी सामान के लेनदेन का रिकॉर्ड बिल कहलाता है। वहीं जब कोई सर्विस या प्रोडक्ट को आप तक शिपिंग के माध्यम से पहुंचाया जाता है तब यह रिकॉर्ड इनवॉइस कहलाता है।
- बिलों को अक्सर ऑफलाइन खरीद के दौरान दिया जाता है, जबकि एक इनवॉइस ऑनलाइन खरीद में दी जाती है।
- एक बिल वेंडर के जरिए दिया जाता है जबकि इनवॉइस को डिलीवरी मैन हम तक पहुंचाता है।
- बिल में कीमत और करों को शामिल किया जाता है। लेकिन इसमें ग्राहक के घर का पता आदि का उल्लेख नहीं किया जाता। जबकि इनवॉइस में ग्राहक के घर का पता लिखा होता है। जिससे डिलीवरी मैन आप तक उस प्रोडक्ट को पहुंचाए।
- इनवॉइस में भुगतान के लिए तत्काल अनुरोध नहीं किया जाता यानी कि इसका भुगतान बाद में भी किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर बिल में तत्काल भुगतान का अनुरोध किया जाता है।
- बिल उत्पाद की खरीद के बाद दिया जाता है, जबकि इनवॉइस उत्पाद की खरीद से पहले या बाद में भी दिया जा सकता है।
- बिल में ग्राहक का नाम, उनका मोबाइल नंबर, तारीख व समान के बारे में जानकारी होती है जबकि एक इनवॉइस में कस्टमर आईडी, उत्पाद कहा से आ रहा है उसकी जानकारी तथा आपके खाता संबंधी जानकारियों को शामिल किया जाता है।
- इनवॉइस का प्रयोग क्रेडिट पर की गई बिक्री के लिए जारी किया जाता है। जबकि बिल का प्रयोग लेनदेन के लिए किया जाता है।
- एक बिल में किसी सामान के भुगतान होने के बाद किए गए लेनदेन का रिकॉर्ड होता है जबकि इनवॉइस में किसी उत्पाद या सेवा के शिपिंग के बाद भेजा गया, का रिकॉर्ड शामिल होता है।
- किसी सामान के खराब होने के बाद यदि आप उसे बदलना चाहते हैं तो ऐसे में बिल एक प्रमाण पत्र के रूप में काम करता है। जबकि इनवॉइस आपको किसी उत्पाद की वापसी में मददगार साबित नहीं होता क्योंकि इसमें आर्डर की Tracking Details और आर्डर प्रीपेड था या बाद में पैसे लेने, इस बात की जानकारी रहती है, सामान बदलने के लिए आपको अपना eBill प्रस्तुत करना होगा।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना इनवॉइस और बिल के बीच अंतर | Difference between Invoice and Bill in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।