Last updated on: September 24th, 2020
दोस्ती
दोस्ती
बड़ी अनमोल होती है
ये होती नहीं,
बस हो जाती है।
ये बात हमें
तब समझ नहीं आती,
जब दोस्ती हो गई तब
समझने की
जरुरत नहीं रह जाती।
दोस्ती का कोई
रूप,रंग, भाषा,क्षेत्र
अमीर गरीब, जाति ,धर्म, मजहब
या लिंगभेद नहीं होता,
ये रिश्ता तो बस दिल से
अनायास हो जाता है।
जैसे कृष्ण ने सुदामा संग
कर्ण ने दुर्योधन संग,
राम ने सुग्रीव विभीषण संग,
दोस्ती की मिसाल बनाई।
दोस्ती को परिभाषित करना
बहुत ही मुश्किल है दोस्त
दोस्ती होती है दोस्त की परछाईं।
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✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002