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HINDI KAVITA: माँ सरस्वती का अभिनंदन

Last updated on: September 28th, 2020

माँ सरस्वती का अभिनंदन

मन के भावों को
शब्दों में पिरोते
अभिव्यक्ति को आयाम देते
शब्दों की माला ही तो कविता है।

कविता का कोई रूप रंग
जात पात आकार नहीं है,
कविता शब्दों का संसार लिए मगर
कोई व्यापार नहीं है।

कविता भाव है,संवेदना है
कविता आह है, पीड़ा है,वीणा है
कविता कलमकार की
कलम से निकले स्वरों में
माँ सरस्वती की वीणा से
निकला झंकार है।

कविता स्वरों से
निकलती रसधार है,
कविता निश्छल, निर्मल
पवित्र बयार है।

कविता माँ सरस्वती की
कृपा से निकला स्पंदन है,
कविता नंदन है,वंदन है
माँ सरस्वती का अभिनंदन है।

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About Author:

सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002

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