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अरुणाचल प्रदेश का इतिहास और रोचक तथ्य | Arunachal Pradesh History and Interesting Facts in Hindi
अरुणाचल प्रदेश को Land of Dawn कहा जाता है। इसे इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि पूरे भारत में सूरज सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में ही निकलता है। यह अनोखा और खूबसूरत राज्य उत्तर-पूर्व का सबसे बड़ा राज्य है। हिंदी में अरुणाचल का अर्थ होता है उगते सूरज का पर्वत। इसे इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि यह चारों तरफ से पहाड़ों, शांत झीलों और प्रसिद्ध मठों से घिरा हुआ है। जो इसकी सुंदरता को चार चांद लगाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं कई अन्य राज्यों की सीमाओं में मिलती हैं जिनमें असम,नागालैंड, म्यांमार,भूटान और तिब्बत शामिल है। वही इसकी राजधानी ईटानगर है। दरअसल, इसका यह नाम ईटा किले के नाम पर रखा गया है। वैसे तो अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तरह अरुणाचल प्रदेश में भी तिब्बती-बर्मी मूल के लोग निवास करते हैं। लेकिन यह राज्य विविधताओं से भरा हुआ हैं क्योंकि यहां अलग-अलग जनसमुदाय के लोग रहते हैं। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम में मोनपा लोग, पूर्व में ताई लोग, दक्षिण में नागा लोग और केंद्र में तानी लोग रहते हैं। लोगों की विविधताओं के साथ यहां पशु-पक्षियों की भी अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है। यहां पक्षियों के करीब 500 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद है।
अरुणाचल प्रदेश का इतिहास
अरुणाचल प्रदेश 1962 से पहले नेफा के नाम से जाना जाता था। नेफा का मतलब पूर्वोत्तर सीमांत एजेंसी या नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी है। पहले अरुणाचल प्रदेश संवैधानिक रूप से असम का हिस्सा था। 1965 तक वहां की प्रशासनिक जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय के हाथों थी। लेकिन 1965 में अरुणाचल प्रदेश का प्रशासन गृह मंत्रालय के अधीन आ गया। साल 1972 में अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित राज्य में तब्दील किया गया तभी इसका नाम अरुणाचल प्रदेश पड़ा। साल 1978 में अरुणाचल प्रदेश में प्रथम आम चुनाव करवाए गए थे। 20 फरवरी 1987 को जाकर अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ में शामिल किया गया और यह भारत का 24वां राज्य बना।
अरुणाचल प्रदेश में साल 2015 तक 16 जिले थे। अरुणाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले का नाम दिबांग घाटी है जो कि 9,129 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तक फैला है। वही अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर पापुम पारा जिले में स्थित है।
अरुणाचल प्रदेश की भाषा
अरुणाचल प्रदेश पूरे एशिया में एक ऐसा राज्य है जो भाषा की दृष्टि से विविधताओं से भरा हुआ है। यहां करीब 30 भाषाएं बोली जाती हैं। जिनमें से अधिकतर तिब्बती-बर्मी परिवार से संबंधित है। साल 2011 में अरुणाचल प्रदेश में यह भाषाएं बोलने वालों की संख्या इतनी थी:-
भाषा | बोलने वालों का % |
न्याशी | 20.74% |
आदि | 17.35% |
नेपाली | 6.89% |
टैगिन | 4.54% |
भोटिया | 4.51% |
वांचो | 4.23% |
असमिया | 3.9% |
बंगाली | 3.66% |
हिंदी | 3.45% |
चकमा | 3.40% |
अपतानी | 3.21% |
मिश्मी | 3.04% |
तांगसा | 2.64% |
नोक्ते | 2.19% |
भोजपुरी | 2.04% |
सदरी | 1.03% |
हालांकि कुछ समय से अरुणाचल प्रदेश में हिंदी का प्रचलन बढ़ गया है और यह यहां की बोलचाल की भाषा बन चुकी है। वहीं अरुणाचल प्रदेश की राजभाषा अंग्रेजी है।
अरुणाचल प्रदेश की आबादी
साल 2011 में की गई जनगणना के अनुसार अरुणाचल प्रदेश की जनसंख्या 13,83,727 है।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल
- तवांग
तवांग अरुणाचल प्रदेश का एक शहर है जो कि 3,500 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई से आप यहां के छोटे गांव, फूलों की घाटी और झीलों को देख सकते हैं। यहां के बौद्ध मठ भी काफी प्रचलित है। इसके अलावा तवांग पर्यटन पर्यटक के रूप में आने वाले लोग याक की सवारी, कैंपिंग, बाइक की सवारी, ब्रिज में घूमना जैसी चीजों के मजे ले सकते हैं।
- स्वर्ण पगोडा(बौद्ध मंदिर)
अरुणाचल प्रदेश के नामसाइ में एक बौद्ध मंदिर है जिसका नाम स्वर्ण पगोडा है। यह मंदिर अरुणाचल प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण तिब्बती शैली में किया गया है। इसकी छत पीले रंग की है और इस छत से आप पूरे ईटानगर को देख सकते हैं। इस मंदिर के अंदर जवाहरलाल नेहरू संग्रहालय है।
- ईटा किला
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में ईटा किला मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। इसका निर्माण 14वीं और 15वीं शताब्दी के मध्य किया गया था। ईटा किला में पौराणिक गंगा झील के साथ कई झीलें देखी जा सकती हैं।
इनके अलावा भी अरुणाचल प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जिनमें विज्ञान संस्था, अभियांत्रिकी संस्था, पोलो विद्याभवन, यिंगकिओंनग, बोमडिला रोइंग और ईटानगर आदि शामिल है।
अरुणाचल प्रदेश का खानपान
अरुणाचल प्रदेश का मुख्य भोजन चावल है क्योंकि यहां चावल का सेवन दिन की शुरुआत से लेकर दिन की समाप्ति तक किया जाता है। लेकिन इनके चावल का स्वाद काफी अलग होता है क्योंकि इसे लोग एक खास तरीके से पकाते हैं। दरअसल, वे चावल को खाली बाँस के अंदर डालकर उसे कोयले के नीचे पकाते हैं जिस वजह से चावल का स्वाद बिल्कुल अलग लगता है।
अरुणाचल प्रदेश में बांस की डिशेज और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जाता। यहां के लोग ज्यादा तला भुना खाना पसंद नहीं है। वे ज्यादातर उबला हुआ खाना खाते हैं। उनके खाने को पकाने की विधि भी अनोखी है क्योंकि यहां के लोग ज्यादातर भोजन को या तो उबालते हैं या फिर उन्हें धुंए में पकाते हैं। वही उत्तर-पूर्व के अन्य राज्यों की तरह यहां भी बैम्बू शूट आपको हर खाने की थाली में जरूर दिखाई देगा।
अरुणाचल प्रदेश में साग-सब्जियों के साथ मीट भी काफी पसंद किया जाता है। यहां पर कई तरह के मीट का सेवन किया जाता है जिनमें चिकन, मटन, पोर्क तथा मिथुन नामक पशु का मीट भी शामिल है।
अरुणाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले त्योहार
जैसा कि आप जानते हैं कि अरुणाचल प्रदेश विविधताओं से भरा हुआ राज्य है। इस वजह से यहां कई जन समुदाय के लोग रहते हैं और इन सभी लोगों के अपने-अपने त्योहार हैं। अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले अदीस समुदाय के लोग मोपिन और सोलुंग नामक त्यौहार मनाते हैं। वहीं यहां के मोनपा लोग लोस्सार नामक त्यौहार मनाते हैं। अपतानी लोगों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार का नाम द्री है। इसी तरह अलग-अलग जन समुदाय द्वारा मनाए वाले त्योहारों की संख्या अनगिनत है। यहां के लोग अपने ज्यादातर त्योहारों में पशुओं की बलि देने की प्रथा का पालन करते हैं।
अरुणाचल प्रदेश में त्योहारों में लोक नृत्य किए जाते हैं और अरुणाचल प्रदेश के लोक नृत्यों में बुईया, छालो, वांचो, पासी, कोंगकी, पोनुंग, पोपीर आदि शामिल है।
अरुणाचल प्रदेश की वेशभूषा
अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग जनजातिय वर्ग के लोग निवास करते हैं। उन सभी लोगों की वेशभूषा एक-दूसरे से थोड़ी अलग होती है। अरुणाचल प्रदेश की महिलाएं एक लूंगी नुमा कपड़ा पहनती हैं जिसे वे अपने कमर तक बांध कर रखती है। वही शरीर के ऊपरी भाग में एक झबला नुमा कपड़ा पहनती हैं। अरुणाचल प्रदेश में पहले पुरुष नीचे घोटी पहना करते थे जो कि घुटनों से ऊपर हुआ करती थी। वही अपने शरीर के ऊपरी भाग में वे फ़टका पहनते थे।
जब त्यौहार होते थे तो वे आभूषण के तौर पर अपने सर पर पक्षियों के पंख पहनते थे। हालांकि समय के साथ अरुणाचल प्रदेश की वेशभूषा में परिवर्तन आया है अब वहां के अधिकतर लोग पैंट शर्ट पहनते हैं।
अरुणाचल प्रदेश के बारे में 10 रोचक तथ्य (10 Amazing & Interesting facts about Arunachal Pradesh in Hindi)
खूबसूरत वादियों से घिरा अरुणाचल प्रदेश अपने अंदर कई सारे दिलचस्प चीजों को एकत्रित किये हुए हैं। हम आपको इसके बारे में 10 ऐसे रोचक तथ्य बताएंगे जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे:-
- अरुणाचल प्रदेश में कई तरह की जनजातियां पाई जाती है। यहां 26 मुख्य जनजातियां है तथा इन जनजातियों में 100 से ज्यादा छोटी जनजातियां सम्मिलित हैं।
- अरुणाचल प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहां पर 30 भाषाएं बोली जाती है। जिनमें वांचो, तगिन डाफिया जैसी कई भाषाएं सम्मिलित हैं।
- अरुणाचल प्रदेश, चीन द्वारा शासित तिब्बत क्षेत्र के साथ 1,129 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
- अरुणाचल प्रदेश सात बहनों (7 Sisters) यानी कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है।
- विविधताओं से भरे इस देश में वन्य जीव बहुतायात में देखे जा सकते हैं यहां 200 से ज्यादा स्तनधारियों की प्रजाति और 500 से अधिक पक्षी पाए जाते हैं।
- अरुणाचल प्रदेश में जाने के लिए विदेशी टूरिस्ट के साथ भारतीय टूरिस्टों को भी परमिट लगता है। भारतीयों को यहां से Inner Line Permit (ILP) लेना जरूरी होता है।
- अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे लंबा ब्रिज है जो कि 9.15 किलोमीटर लंबा है।
- अरुणाचल प्रदेश के तवांग शहर में एक मॉनैस्ट्री है जो भारत की सबसे बड़ी मॉनैस्ट्री है वही विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मॉनैस्ट्री है।
- तवांग शहर की मॉनेस्ट्री 400 साल पुरानी है।
- अरुणाचल प्रदेश चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है इसका 80 फ़ीसदी हिस्सा जंगल है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना अरुणाचल प्रदेश का इतिहास और रोचक तथ्य (Arunachal Pradesh History and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।