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डिप्लोमा और सर्टिफिकेट में अंतर
शिक्षा प्रत्येक छात्र के जीवन का महत्वपूर्ण पहलू होता है। अच्छी शिक्षा के ज़रिए आप अपने मनपसंद करियर को हासिल कर सकते हैं। आज कई शैक्षणिक संस्थान आपको डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान करते हैं जिससे आप किसी विषय के बारे में ज्ञान हासिल कर उस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।
अधिकतर छात्र लंबी डिग्री कोर्सेज की जगह डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अलावा कई छात्र ऐसे भी होते हैं जिनके पास पढ़ाई के लिए लंबा समय नहीं होता है। वे ऐसा कुछ करना चाहते हैं जिससे उन्हें कम समय में ही ज्ञान हासिल हो तथा वे तुरंत नौकरी हासिल कर सके। लेकिन कई छात्रों के मन में यह संशय होता है कि डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में अंतर होता है तथा बेहतर भविष्य के लिए कौन-सा कोर्स ज्यादा अच्छा होता है।
जहां तक बात डिप्लोमा कोर्सेज की होती है तो यह कोर्सेस सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले थोड़ी लंबी अवधि के होते हैं। यह कोर्स 1 से 2 वर्ष के अंदर पूरे किए जा सकते हैं। वहीं इसकी फीस भी सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले ज्यादा होती है। ऐसे में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स क्या है तथा इन दोनों के बीच अंतर क्या है, यह जानना जरूरी हो जाता है तो चलिए शुरू करते हैं:-
डिप्लोमा क्या है? (What is a Diploma course in Hindi?)
एक तरह से कहा जाए तो डिप्लोमा कोर्स सर्टिफिकेट कोर्स की तरह ही होता है। लेकिन इसमें थोड़ी बहुत भिन्नता भी विद्यमान होती है। डिप्लोमा कोर्स में सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले ज्यादा गहनता से ज्ञान दिया जाता है। डिप्लोमा कोर्स आपको किसी भी क्षेत्र में कुशलता से काम करने के लिए तैयार करते हैं। यह किसी विशिष्ट कौशल में व्यापक ज्ञान प्रदान करते हैं जिससे आप उस क्षेत्र में मौजूद विभिन्न तरह की नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जो कि शिक्षण संस्था द्वारा जारी किया जाता है। यह दर्शाता है कि छात्र ने अध्ययन के एक क्षेत्र को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
कई विश्वविद्यालयों के अतिरिक्त कुछ मान्यता प्राप्त संगठन भी डिप्लोमा कोर्स करवाते हैं। डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत किसी व्यवसाय से जुड़े विषय से संबंधित जानकारी दी जाती है।
ज्यादातर डिप्लोमा कोर्सेज प्रोफेशनल तथा जॉब बेस्ड होते हैं। एक डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1 से 2 साल तक हो सकती है। आप डिप्लोमा कोर्सेज ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर कर सकते हैं। लेकिन पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर डिप्लोमा करने के लिए आपको ग्रेजुएशन करना जरूरी होता है। डिप्लोमा कोर्सेज को उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जिनमें ज्यादा सीखने की क्षमता होती है। डिप्लोमा कोर्स सर्टिफिकेट कोर्स से अच्छे माने जाते हैं क्योंकि यह करियर के फील्ड में ज्यादा लाभदायक सिद्ध होते हैं।
डिप्लोमा कोर्स का महत्व (Importance of Diploma courses)
- डिप्लोमा कोर्स डिग्री कोर्स के मुकाबले कम अवधि का होता है।
- यह नौकरी के अवसर प्रदान करता है।
- डिप्लोमा कोर्स के ज़रिए आप किसी विषय में व्यापक ज्ञान हासिल कर सकते हैं।
- डिप्लोमा कोर्स लंबे होने की वजह से सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले इनसे ज्यादा ज्ञान हासिल कर सकते हैं।
- डिग्री कोर्सेस के मुकाबले डिप्लोमा कोर्स की फीस कम होती है।
सर्टिफिकेट क्या है? (What is a Certificate course in Hindi?)
एक सर्टिफिकेट कोर्स यह दिखाता है कि आपने किसी विषय पर बुनियादी समझ हासिल की है। दूसरे शब्दों में कहें तो सर्टिफिकेट कोर्स का मूल मकसद होता है कम समय में किसी विषय के बारे में एक बेसिक समझ हासिल करना। सर्टिफिकेट कोर्स की समय अवधि 1 दिन से लेकर 6 महीने तक हो सकती है। कुछ-कुछ सर्टिफिकेट कोर्स डेढ़ साल से लेकर 2 साल तक भी होते हैं।
एक सर्टिफिकेट या प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति, वस्तु और संगठन के बारे में कुछ तथ्यों की पुष्टि करता है। सर्टिफिकेट यह बताता है कि व्यक्ति प्रमाणित रुप से नौकरी करने के लिए सक्षम है। आजकल कई तरह के सर्टिफिकेट कोर्स किए जाते हैं जैसे कम्प्यूटर के क्षेत्र में एडोब फोटोशॉप, C++ में सर्टिफिकेट कोर्स, प्रोग्रामिंग में सर्टिफिकेट कोर्स आदि।
सर्टिफिकेट कोर्स का महत्व (Importance of Certificate courses)
- सर्टिफिकेट कोर्स अल्प अवधि के होते हैं।
- सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको डिग्री कोर्स के मुकाबले ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन पूरी नहीं करनी होती।
- सर्टिफिकेट कोर्सेज की फीस कम होती है।
- सर्टिफिकेट कोर्स के जरिए कम समय में किसी विषय के बारे में बेसिक ज्ञान हासिल किया जा सकता है।
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के मध्य अंतर (Difference between Diploma and Certificate courses in Hindi)
- किसी विषय का डिप्लोमा हासिल करने के लिए आपको एक से 2 साल लग जाते हैं, जबकि एक सर्टिफिकेट आपको एक हफ्ते से 6 महीने में हासिल हो सकता हैं।
- सर्टिफिकेट कोर्स की अपेक्षा डिप्लोमा कोर्स में अधिक विकल्प और ज्यादातर नौकरियां हासिल होती है।
- सर्टिफिकेट कोर्स में लिखित पठन-पाठन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। जबकि डिप्लोमा में लिखित के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर भी ध्यान दिया जाता है।
- वही डिप्लोमा कोर्स में सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले ज्यादा फीस लगती है।
- एक सर्टिफिकेट अर्जित करने के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं होती जबकि डिप्लोमा में होती है। मुख्यतः यदि आप ग्रेजुएशन में डिप्लोमा करते हैं तो इसके लिए आपको बारहवीं पास होना जरूरी है। जबकि यदि आप पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा करना चाहते थे इसके लिए आपको ग्रेजुएट होना अनिवार्य है।
- किसी शैक्षिक संस्था जैसे कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया दस्तावेज डिप्लोमा कहलाता है जो यह बताता है कि प्राप्तकर्ता ने किसी अध्ययन के कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है। वही सर्टिफिकेट आपके द्वारा हासिल किए गए ज्ञान को प्रमाणित करता है। सर्टिफिकेट सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों से ही संबंधित नहीं होते बल्कि यह कई तरह के होते हैं, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, डिग्री प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र या किसी पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र आदि।
- डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट कोर्स के बीच सबसे बड़ा अंतर होता है उनके समय अवधि का अंतर। एक सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 6 महीने से 1 साल तक हो सकती है। वहीं कुछ सर्टिफिकेट कोर्सेज डेढ़ से 2 साल तक चलते हैं। जबकि डिप्लोमा कोर्स की अवधि 2 से 3 साल तक होती है।
- डिप्लोमा कोर्स में जहां किसी विषय के बारे में व्यापक ज्ञान दिया जाता है वही सर्टिफिकेट कोर्स में विषय से संबंधित बेसिक नॉलेज प्रदान किया जाता है।
- सर्टिफिकेट कोर्सेज के जरिए आप कम समय में ज्यादा ज्ञान हासिल कर सकते हैं जबकि डिप्लोमा कोर्स के लिए आपको समय देना जरूरी होता है।
- जो छात्र डिप्लोमा कोर्सेस करते हैं उन्हें सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले छात्रों के मुकाबले नौकरियों में ज्यादा तवज्जो दी जाती है।
डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के मध्य अंतर (Difference between Degree, Diploma & Certificate courses in Hindi)
1.सर्टिफिकेट कोर्स शॉर्ट टर्म के कोर्स होते हैं, जो मुख्य रूप से 1 से 6 महीने के हो सकते हैं।
2.डिप्लोमा कोर्सेज 2 साल या ज्यादा से ज्यादा 3 साल के हो सकते हैं। आप डिप्लोमा कोर्स स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कर सकते हैं।
3.डिग्री कोर्स Long Term Courses होते है जिनकी अवधि 3 साल तक की होती है।
4.सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की जगह डिग्री कोर्स में ज्यादा गहनता से विषय को पढ़ाया जाता है।
5. सर्टिफिकेट कोर्स के मुकाबले डिप्लोमा और Degree Courses में नौकरियों की ज्यादा संभावनाएं होती हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने जाना कि डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के मध्य क्या अंतर है? कई छात्रों में इन दोनों को लेकर कन्फ्यूजन बना रहता है। हमें आशा है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपका कंफ्यूजन दूर हो सकेगा। एक बात का ध्यान रखा जाना जरूरी है कि आप जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो उसके बारे में ज्यादा सोच विचार कर लें और उसी के हिसाब से डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करें। क्योंकि यही आपके आगे के करियर की राह अख्तियार करेगी।
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स का अपना-अपना महत्व होता है। एक तरफ डिप्लोमा कोर्स आपको किसी विषय के बारे में व्यापक ज्ञान देते हैं तो वही उस विषय के बारे में कम समय में बेसिक ज्ञान इन कोर्सेस द्वारा दिया जाता है। सर्टिफिकेट कोर्सेज के जरिए आप कई विषयों के बारे में ज्ञान हासिल कर सकते हैं। यह कम समय में तथा कम फीस में पूरे किए जा सकते है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना सर्टिफिकेट और डिप्लोमा में अंतर | Difference between Certificate and Diploma in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।