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History of Firozabad and Interesting Facts | फिरोजाबाद का इतिहास और रोचक तथ्य
अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें भारत के इतिहास और इसके अलग-अलग राज्यों से जुड़ी जानकारियां हासिल करने में दिलचस्पी है, तो आप सही जगह आए हैं क्योंकि आज हम उत्तर प्रदेश के जिले फिरोजाबाद से जुड़ी कई अनसुनी कहानियां और इसके इतिहास के बारे में बताएंगे।
तो चलिए जानते हैं फिरोजाबाद का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में:-
नाम | फिरोजाबाद |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जनसंख्या | 2,498,156 (2011) |
पिन | 283203 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://firozabad.nic.in/ |
फिरोजाबाद का इतिहास (History of Firozabad in Hindi)
प्राचीन काल में फिरोजाबाद को चंदवार के नाम से जाना जाता था। दरअसल, यह नाम राजा चंद्रसेन के नाम पर पड़ा था। यहां एक पुराना किला मौजूद है जो कि लगभग खंडहर में तबदील हो चुका है। यह किला राजा चंद्रसेन का हुआ करता था।
फिरोजाबाद का यह वर्तमान नाम वर्ष 1566 में अकबर के शासनकाल के दौरान फिरोजशाह मनसबदार के नाम पर रखा गया था। उस समय में फिरोज शाह मनसबदार अकबर के करीबी सेनापतियों में से एक थे। आज भी फिरोज शाह की कब्र इस जगह मौजूद है।
फिरोजाबाद के नामकरण से जुड़ी कहानी (History behind the naming of Firozabad)
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि फिरोजाबाद शहर का नाम अकबर के सेनापति के नाम पर रखा गया है। हालांकि, इस नाम के रखे जाने और फिरोजाबाद की स्थापना से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी कही-सुनी जाती है। बताया जाता है कि बादशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल राजा टोडरमल एक बार अपने पित्रों के पिंडदान के लिए फिरोजाबाद के रास्ते से होकर गुजर रहे थे तभी रास्ते में उन्हें लुटेरों ने घेर लिया और उनके कई ऊंट लूट लिए गए।
राजा टोडरमल ने इस बारे में बादशाह अकबर को बताया, अपने नवरत्न के साथ हुए इस घटना बदला लेने के लिए उन्होंने एक सेनापति को लुटेरे का दमन करने के लिए भेजा, सेनापति का नाम था फिरोजशाह। फिरोज शाह ने उस जगह जाकर छावनी डाली और धीरे-धीरे चोरों का दमन करना शुरू कर दिया। चोरों के खात्मे के लिए वह इसी जगह पर रहने लगे और धीरे-धीरे इस जगह का नाम फिरोजशाह मनसबदार के नाम पर फिरोजाबाद पड़ गया। आज भी फिरोजाबाद की नगर पालिका के सामने फिरोज शाह का मकबरा मौजूद है।
फिरोजाबाद जिले की स्थापना (Establishment of Firozabad District)
फिरोजाबाद की जिले के रूप में स्थापना 5 फरवरी 1989 में हुई। इसका नाम हमेशा से फिरोजाबाद रहा है इसीलिए इसके नाम पर कोई तबदीली नहीं की गई। लेकिन जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जगहों के नाम में तबदीली करने का फैसला लिया है, तब से ही फिरोजाबाद के नाम को बदलने की आवाज उठाई जा रही है। लोगों का कहना है कि इसका नाम चंद्रनगर होना चाहिए।
फिरोजाबाद की चूड़ियां (Bangles of Firozabad)
फिरोजाबाद को ‘सुहागन नगरी’ के नाम से जाना जाता है। दरअसल, इसे ये नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यहां पर चूड़ियों का कारोबार काफी प्रसिद्ध है। फिरोजाबाद में बनाई जाने वाली फिरोजाबादी चूड़ियां देश भर में प्रसिद्ध है। फिरोजाबाद में लंबे समय से लोग चूड़ियों के कारोबार से जुड़े हैं। यहां पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी चूड़ियों के कारोबार के जरिए रोजगार अर्जित करती हैं।
यहां आप अपने चारों तरफ रंग बिरंगी चूड़ियां देख सकेंगे। कांच की चूड़ियों के अलावा यहां पर कांच से जुड़े हुए कई अन्य सामान भी बनाए जाते हैं। जिनमें बल्ब, घर के सजावट के लिए कांच के सामान, वैज्ञानिक उपकरण आदि शामिल हैं। पूरे भारत में फिरोजाबाद ही ऐसी जगह है, जहां पर कांच का सामान बड़ी मात्रा में बनाया जाता है।
फिरोजाबाद से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां (Important Information related to Firozabad in Hindi)
- भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण क्रांतियों में से 1857 की क्रांति में फिरोजाबाद के कई स्थानीय लोग और जमींदार शामिल हुए थे।
- अकबर के शासनकाल के दौरान फिरोजाबाद के गांव में ताल का निर्माण किया जाता था। आज भी यह गांव यहां मौजूद है तथा इसका नाम ‘राजा का ताल’ है।
- साल 2011 की जनगणना के मुताबिक फिरोजाबाद में कुल 152 गांव मौजूद हैं। हालांकि फिरोजाबाद के अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में इसके गांवों की संख्या 806 है।
- फिरोजाबाद का क्षेत्रफल 2,362 वर्ग किलोमीटर है।
- फिरोजाबाद में पुलिस थानों की संख्या 21 है वही यहां 7 नगर निगम है।
- साल 1860 में फिरोजाबाद में सड़कों का निर्माण किया गया, साथ ही इस दौरान यहां पर रेलवे लाइनें भी बिछाई गई।
- फिरोजाबाद में चूड़ियों का कारोबार किया जाता है इसीलिए इसे सुहागन नगरी के नाम से जाना जाता है।
- फिरोजाबाद अपनी चूड़ियों के लिए सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
- साल 2014 में फिरोजाबाद में नगर निगम बनाया है। 2015 में यहां सिरसागंज नामक एक नई तहसील का निर्माण किया गया जो कि 64 पंचायतों से मिलकर बनी थी।
- दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को आप यहां से देख सकते हैं। दरअसल ताजमहल फिरोजाबाद से सिर्फ 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा फिरोजाबाद का इतिहास और रोचक तथ्य (History of Firozabad and Interesting Facts in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।