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विज्ञान और तकनीकी पर निबंध

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विज्ञान और तकनीकी पर निबंध | Essay on Science and Technology in Hindi

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध | Essay on Science and Technology in Hindi

आज विज्ञान और तकनीकी विकास ने दुनिया को कहां से कहां ला खड़ा कर दिया है। तकनीकी आविष्कारों ने हमें कुछ ऐसे उपहार दिए हैं जिन्होंने हमारा जीवन बहुत ही सरल बना दिया है और जिनके बिना जीवन की कल्पना करना असंभव सा प्रतीत होता है। आज घंटो का काम भी हम आसानी से चंद मिनटों में पूरा कर सकते हैं और इसका श्रेय विज्ञान और तकनीकी विकास को ही जाता है।

रेलगाड़ी, हवाई जहाज के आविष्कार से हम दुनिया के किसी भी कोने में जा सकते हैं। टेलीफोन, मोबाइल के आविष्कार होने से हम घर बैठे अपने मित्रों और संबंधियों से बात कर सकते हैं। इसी प्रकार घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे मोबाइल, टीवी, फ्रिज, एसी, माइक्रोवेव आदि ने हमारी जिंदगी को इतना आसान कर दिया है कि अब हम उनके बिना जीवन जीने का सोच भी नहीं सकते।

तो आइए जानते हैं अलग-अलग क्षेत्रों में विज्ञान और तकनीक का योगदान

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शिक्षा के क्षेत्र में

विज्ञान और तकनीकी का इस्तेमाल करके अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे शिक्षा ग्रहण कर सकता है। लाइव क्लासेज, यूट्यूब वीडियो और गूगल के द्वारा वह दुनिया का ज्ञान प्राप्त कर सकता है।

इसके साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में पीपीटी, स्मार्ट क्लासेस आदि के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाता है। इंटरनेट की सहायता से बच्चे एक देश में रहकर अन्य देश के कोर्स कर सकते हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी ने बहुत सफलता प्राप्त की है। पिछले कुछ वर्षों में हजारों ऐसी बीमारियां जिनका इलाज नहीं संभव था अब आसानी से उनका इलाज संभव है।

कैंसर, एड्स, डायबिटीज, टीबी, दिल के रोग व ऐसी कई अन्य खतरनाक बीमारीयों का इलाज संभव हो गया है।

विज्ञान और तकनीकी करण के द्वारा रेडिएशन, कीमोथेरेपी, सिटी स्कैन, एक्सरे, एमआरआई व बहुत ही अन्य उपकरणों से बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज निकाला जा रहा है।

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मनोरंजन के क्षेत्र में

टीवी, प्लेस्टेशन, सिनेमाघर, कंप्यूटर, मोबाइल के बिना हम जीवन सोच भी नहीं सकते हैं। पहले के जमाने में लोग मनोरंजन के लिए घरों से बाहर निकलते थे, खेलकूद के लिए मैदान में जाते थे। लेकिन आज के समय में मनोरंजन का केंद्र मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर बन चुका है। गेम खेलना, फिल्में देखना, गाने सुनना है सब कुछ तकनीकी के कारण इंटरनेट द्वारा संभव है।

खेलकूद के क्षेत्र में

आज के समय में खेलकूद की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। उनका प्रसारण पूरी दुनिया में टीवी पर होता है। इसके साथ ही अब लाइव मैच का प्रसारण किया जाता है।

कार्यालय और दफ्तरों में योगदान

जहां पहले के जमाने में बैंक कार्यालय और दफ्तरों में सारे काम कागज पर होते थे, अब कंप्यूटर के द्वारा होने लगे हैं। कोई भी व्यक्ति अब अपने खाते की जानकारी प्राप्त करना, बिल भरना, टिकट बुक कराना, टैक्स भरना आदि जैसे काम स्वयं ही अपने फोन से घर बैठे कर सकता है।

कृषि के क्षेत्र में

आज के समय में विज्ञान और तकनीकी सहायता से किसानों को अच्छी क्वालिटी की खाद, कीटनाशक दवाई आदि उपलब्ध कराई जाती है। तकनीकी के द्वारा उन्हें बेहतर तरीके से उत्पादन करने की शिक्षा दी जाती हैं। इसके साथ ही होने खेती के लिए नए-नए उपकरण, मशीन और ट्रैक्टर उपलब्ध कराए जाते हैं।

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निजी जीवन में योगदान

हमारे रोजमर्रा के जीवन में विज्ञान और तकनीकी करण ने बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। हमारे आसपास की हर चीज विज्ञान और तकनीकी का उपहार है। घर के उपकरण हो या फिर फोन में चलने वाले व्हाट्सएप, फेसबुक आदि, इन सब चीजों के बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही कठिन है।

विज्ञान और तकनीकी करण के दुष्परिणाम

जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार विज्ञान और तकनीकी के कुछ दुष्परिणाम में देखने को मिल रहे हैं। वैसे तो तकनीकी और विज्ञान ने हमारे जीवन को पूरी तरह बदल के रख दिया है। अब हमारा जीवन बहुत ही आसान बन गया है। घंटों में होने वाला काम अब कुछ चंद मिनटों में पूरा हो जाता है। लेकिन इसकी कुछ हानियां भी है जैसे-

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के द्वारा बहुत ही खतरनाक परमाणु बम और हथियार तैयार किए जा रहे हैं जो किसी भी शहर को ध्वस्त करके रख सकते हैं।

विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ने के लिए हर देश विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ना चाहता है जिस कारण वह तेजी से जीवाशु ईर्धनो का उपयोग कर रहे हैं जिससे पर्यावरण पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

हवाई जहाज, मोबाइल टावर आदि के रेडिएशन से पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है जिससे पक्षियों को बहुत ही हानि पहुंच रही है। इसके साथ ही ओजोन परत का क्षरण धीरे-धीरे हो रहा है।

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भारत में विज्ञान और तकनीकी

भारत में वर्ष 1940 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान बोर्ड और 1942 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की स्थापना की गई थी जिससे देश में तेजी से विज्ञान और तकनीकी में विकास हो। हमारे देश की सरकार ने विज्ञान और तकनीकी को बढ़ाने के लिए बहुत सी नीतियां बनाई हैं। विज्ञान और तकनीकी करण से देश में आत्मनिर्भरता के साथ साथ रोजगार भी उत्पन्न होगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में भारत तीसरा बड़ा वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति हैं।

भारत में तकनीक और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए DRDO, ICAR, ISRO, NDRI, IITs जैसी बहुत ही विख्यात संस्थानों की स्थापना की गई है।

इसके साथ ही भारत एक वैश्विक अनुसंधान एवं विकास हब के रूप में भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में 2010 में मल्टीनैशनल कॉरपोरेशंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट केंद्र की संख्या केवल 721 थी जो 2018 में बढ़कर 1150 हो गई है।

इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत तेजी से विज्ञान और तकनीकी में आगे बढ़ रहा है।

भारत में तकनीकी और वैज्ञानिक विकास को प्राप्त करने के लिए टेक्नोलोजी विजन 2035 के नाम से एक लक्ष्य रखा गया है जिसमें शिक्षा, खाद्य और कृषि, पर्यावरण, प्रदूषण, चिकित्सा और स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में तेजी से प्रगति के लिए कार्य किया जाएगा।

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निष्कर्ष

विज्ञान और तकनीकी ने हमारे जीवन को बदल के रख दिया है। विज्ञान और तकनीकी करण के कारण गांव-गांव तक अब शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं पहुंच रही है। शहर और गांव की दूरी को खत्म करके उन्हें जोड़ा जा रहा है। आज जो देश विज्ञान और तकनीकी में विकास कर रहा है वह सबसे ताकतवर देशों में गिना जा रहा है।

Author:

आयशा जाफ़री, प्रयागराज

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