बेटी की विदाई
विदा बेटी को
करते भरे मन,
फिर भी खुश।
अनमोल है
विदाई जब होती,
नयन भीगे।
बहते आँसू
रोके नहीं रुकते,
विवश सब।
भर्राये स्वर
बोल नहीं निकले,
आशीष तो दो।
जुग जुग जी
ससुराल में लाडो,
भूल ही जाना।
विदाई बेला
सब भावुक होते,
कंठ भी रूँधे।
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About Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002