प्यार और आकर्षण में अंतर

Difference between Love and Attraction in Hindi
प्यार और आकर्षण में अंतर | Difference between Love and Attraction in Hindi

प्यार और आकर्षण में अंतर | Difference between Love and Attraction in Hindi

मौजूदा दौर बदलाव का दौर है। जिसमें कई चीजें तेजी से बदल रही है। जैसे-जैसे देश और दुनिया में बदलाव हो रहे हैं, वैसे-वैसे अब लोगों में भी बदलाव आने शुरू हो चुके हैं। समय के साथ लोगों में प्यार की परिभाषा बदल चुकी है। कहा जाता है कि पहले लोग सच्चा प्यार किया करते थे। लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति कम ही देखने को मिलती है। आधुनिकता के इस दौर ने सोशल मीडिया के प्रभाव को बढ़ाया है। इस जमाने में ज्यादातर प्यार तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए ही शुरू होते हैं और उन्हीं में खत्म हो जाते हैं।

आज का मनुष्य प्रत्येक चीज जल्द से जल्द पाना चाहता है। यही वजह है कि अब लोगों को एक पल में कोई अच्छा लगता है तो वहीं कुछ समय के अंतराल में कोई दूसरा उन्हें पसंद आने लग जाता है। यही वजह है कि आज प्यार की परिभाषा में काफी बदलाव देखा जा रहा है। कई लोग तो प्यार और अट्रैक्शन को लेकर ही कन्फ्यूजन में जी रहे हैं। लोगों को लगता है कि प्यार अट्रैक्शन एक ही है, हालांकि ऐसा नहीं है। यदि आप भी रिलेशनशिप में है और यह जानना चाहते हैं कि अट्रैक्शन और प्यार के मध्य क्या अंतर है। तो आपके लिए यह पोस्ट मददगार साबित होने वाला है क्योंकि आज हम आपको प्यार और आकर्षण के बीच अंतर (Difference between Love and Attraction) बताएंगे।

प्यार क्या होता है? (What is Love in Hindi)

प्यार एक ऐसी भावना होती है जो जिंदगी में सुकून और शांति लाती है। मौजूदा समय में प्यार को स्त्री और पुरुष प्रसंग से जोड़कर देखा जाता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्यार सिर्फ पुरुष और स्त्री के बीच हो। प्यार किसी भी व्यक्ति से, वस्तु, स्थान, जीव तथा ईश्वर से भी हो सकता है। प्यार स्वार्थरहित होता है प्यार जिस व्यक्ति से होता है हम केवल उसी के बारे में सोचते रहते हैं। वह व्यक्ति जब किसी मुश्किल पर पड़ जाता है तो हम उसे उस मुश्किल से बाहर निकाल कर उसका साथ निभाते हैं। प्यार एक बहुत व्यापक शब्द है जिस की परिभाषा चंद शब्दों में बयां करना संभव नहीं है।

प्यार जहां दीर्घकालिक होता है वही आकर्षण अल्पकालिक होता है। आकर्षक किसी भी चीज, किसी व्यक्ति, वस्तु व स्थान से हो सकता है मौजूदा समय में कई लोग आकर्षण को ही प्यार मान बैठते हैं। इस वजह से उनकी रिलेशनशिप ज्यादा आगे नहीं टिक पाती। आकर्षण स्वार्थपरक होता है क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति के रंग, रूप, पैसे और उसके सामाजिक स्टेटस को ध्यान में रखते हुए होता है।

आकर्षण क्या होता है? (What is Attraction in Hindi)

जब हम किसी व्यक्ति, वस्तु को उसके रंग, रूप और अच्छी स्थिति को देखकर पसंद करते हैं तो इसे आकर्षण या Attraction कहा जाता है। अट्रैक्शन में हम उस चीज की खूबियों के आधार पर उसे पसंद करते हैं अट्रैक्शन अल्पकालिक होता है और कुछ समय बाद हमारी पसंद उस चीज को लेकर खत्म हो जाती है। कई लोग अट्रैक्शन और प्यार के मध्य का अंतर समझ नहीं पाते। आपको बता दें, जिस तरह अट्रैक्शन किसी वस्तु को लेकर कुछ समय के लिए रहता है, उसी तरह यह लोगों के बीच भी होता है। जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की सुंदरता, उसके पैसे या किसी भी चीज को देखकर आकर्षित होता है तो यह आकर्षण कहलाता है।

आइए जानते हैं प्यार और आकर्षण में क्या अंतर है (Pyar Aur Akarshan Mein Antar/Difference between Love and Attraction in Hindi):-

प्यार और आकर्षण के बीच अंतर (Difference between Love and Attraction in Hindi)

1. अट्रैक्शन एक समय में कई लोगों से हो सकता है जबकि प्यार एक समय में एक ही व्यक्ति से होता है। जब हम किसी व्यक्ति की सुंदरता, उसका सोशल स्टेटस देखकर उसकी तरफ आकर्षित होते हैं तब वह व्यक्ति हमारे लिए सिर्फ तब तक महत्वपूर्ण होता है जब तक कि हमारे जीवन में कोई और नहीं आ जाता। प्यार एक समय में एक ही व्यक्ति से होता है जो इंसान प्यार में होता है वह उस दौरान दूसरे की तलाश नहीं करता।

2. अट्रैक्शन अल्पकालिक होता है जबकि प्यार दीर्घकालिक होता है। जब हम किसी की कुछ निश्चित चीजों को देखकर उसे पसंद करते हैं और जब हम उसे पा लेते हैं तब हमारी रुचि धीरे-धीरे उस व्यक्ति से घटने लगती है। जबकि प्यार में हम व्यक्ति की हर चीज को पसंद करते हैं और इसमें हमारी रुचि घटने की जगह बढ़ती ही जाती है। अक्सर देखा गया है कि आकर्षण के बल पर बने रिश्ते लंबे समय तक चल नहीं पाते और यहीं आपको प्यार और आकर्षण में अंतर का पता चलेगा।

3. आकर्षण में धैर्य नहीं होता जबकि प्यार सब्र का नाम है। जब कोई व्यक्ति किसी चीज की ओर आकर्षित होता है तो वे उसे जल्दी पा लेना चाहता है। लेकिन वहीं दूसरी और प्यार में धैर्य होता है।

4. आकर्षण में महंगे-महंगे गिफ्ट को महत्व दिया जाता है जबकि प्यार में ऐसा नहीं होता। अट्रैक्शन में व्यक्ति आपसे महंगे गिफ्ट की मांग करता है और अगर आप ऐसा नहीं करते तब यह असंतुष्टता को जन्म देती है और दोनों के बीच उसी को लेकर अनबन होती है। जबकि प्यार में व्यक्ति महंगे गिफ्ट की चाह नहीं करता वे बस साथ रहने में ही संतुष्ट होता है।

5. समय के साथ आकर्षण खत्म हो जाता है लेकिन प्यार समय के साथ बढ़ता ही जाता है। आपने कई बार देखा होगा आजकल कई रिलेशनशिप 3 महीने, 6 महीने या साल भर में खत्म हो जाते हैं। यह वही रिलेशनशिप होते हैं जो आकर्षण के आधार पर बने होते हैं, जबकि प्यार के आधार पर बने रिलेशनशिप लंबे समय तक चलते हैं।

6. प्यार में व्यक्ति अपने पार्टनर को खुश देखना चाहता है, जबकि अट्रैक्शन में खुद की खुशी मायने रखती है। प्यार में व्यक्ति की पहली प्राथमिकता वह इंसान होता है जिससे आप प्यार करते हैं। आप उसकी हर जरूरत, दुख का ख्याल रखते हैं जबकि अट्रैक्शन में ऐसा नहीं होता।

7. अट्रैक्शन में व्यक्ति सिर्फ हासिल करना चाहता है जबकि प्यार त्याग का नाम है। कई बार आपने देखा होगा कि कई लोग लड़कियों से दोस्ती करते हैं तथा उन्हें डराते, धमकाते हैं जिससे वे उनके प्यार को स्वीकार कर ले। यह प्यार नहीं सिर्फ अट्रैक्शन है जबकि प्यार का मतलब होता है त्याग। प्यार कभी दबाव में नहीं होता।

8. आकर्षण में हम चाहते हैं कि हमारा पार्टनर सिर्फ हमारी अच्छी चीजों को देखे। जबकि प्यार में हमारे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को स्वीकार किया जाता है।

9. जो इंसान प्यार में होता है वह अपने पार्टनर के साथ भविष्य में भी साथ रहने का सोचता है। लेकिन आकर्षण में कोई व्यक्ति किसी के साथ फ्यूचर डिसाइड नहीं करता।

10. आकर्षण दिमाग की उपज होती है जबकि प्यार दिल से किया जाता है। वहीं किसी व्यक्ति के साथ आकर्षण सिर्फ तब तक रहता है जब तक व्यक्ति हमारे साथ रहता है। उस व्यक्ति के हमारी जिंदगी से चले जाने के बाद हमारे लिए उसकी फिक्र खत्म हो जाती है लेकिन प्यार में पार्टनर के चले जाने के बाद भी उसकी याद वक्त बेवक्त आती रहती है।

अतः हम कह सकते हैं कि प्यार और आकर्षक एक नहीं है बल्कि दोनों में काफी भिन्नता पाई जाती हैं। एक तरफ जहां आकर्षण की समय अवधि कम होती है वही प्यार समय के साथ परवान चढ़ता जाता है। आज की पीढ़ी में प्यार को कम तथा आकर्षण को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यही वजह है कि आजकल कई रिलेशनशिप जल्दी टूट जाते हैं। वही दूसरी ओर प्यार की परिभाषा देना मुश्किल है क्योंकि प्यार एक बहुत ही व्यापक शब्द है प्यार न सिर्फ लड़का और लड़की के बीच होता है बल्कि प्यार माता-पिता से भाई बहनों से, किसी से भी हो सकता है।

तो ऊपर दिए गए लेख में आपने पढ़ा प्यार और आकर्षण में अंतर | Difference between Love and Attraction in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।

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Author:

Bharti

भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।