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उत्तराखंड के 7 प्रसिद्ध मंदिर | 7 Famous Temples of Uttarakhand
दोस्तों, उत्तराखंड के नाम का जिक्र आते ही इसकी वादियों की खूबसूरती आंखों के सामने आ जाती है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता से तो हर कोई वाकिफ है, यहां की वादियों की सुंदरता हर किसी के मन को मोह लेती है। उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है। उत्तराखंड को पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था बाद में इसके नाम में संशोधन हुआ और उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड हो गया। यहां की राजधानी देहरादून है जो कि यहां का सबसे बड़ा शहर है।
दोस्तों अगर हम बात करें वैदिक पुराणों की तो मैं आपको बताना चाहूंगी कि उसमें भी उत्तराखंड का साक्ष्य मिलता है इतना ही नहीं बल्कि हमारे हिंदू शास्त्र में भी उत्तराखंड को दर्शाया गया है। आप की जानकारी के लिए बता दूं कि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि यहां पर हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं के धर्मस्थल हैं। इन्हीं कारणों से इसे पवित्र धर्म स्थलों में से एक माना जाता है।
हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटकों व श्रद्धालुओं की भीड़ पहुँचती है सिर्फ यहां की प्राकृतिक वादियों को देखने व भगवान के दर्शन के लिए। इतना ही नहीं यहां की वादियां इतनी खूबसूरत है कि यहां पर आए दिन फिल्मों की शूटिंग भी होती रहती है।
अगर बात की जाए उत्तराखंड के निर्माण की तो 9 नवंबर 2000 को कई सालों के आंदोलन के बाद इसे राज्य का रूप दिया गया और 2000 से 2006 तक उत्तराखंड को उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था यहां आए पर्यटकों पर निर्भर करती है, साथ ही यहां की सरकार भी उद्योगों और पर्यटन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
उत्तराखंड के नैनीताल, अल्मोड़ा, राष्ट्रीय उद्यान, मसूरी, भीमताल जैसे पहाड़ी स्थल पर भारत के हर कोने से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं इतना ही नहीं यहां के लोगों की मान्यता है कि यहाँ के मंदिरों में एक बार दर्शन पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है क्योंकि उत्तराखंड के पवित्र भूमि पर भगवान शिव का वास है तथा उत्तराखंड पवित्र नदी गंगा का उद्गम स्थान है।
जैसा कि हम सभी जानते है कि उत्तराखंड पहाड़ी इलाका है यहां का मौसम बहुत ही ठंडा रहता है। अगर हम यहां की भाषा के बारे में बात करें तो यहां पर सबसे ज्यादा संस्कृत भाषा बोली जाती है। इसके अलावा ब्रज भाषा, गढ़वाली भाषा और साथ ही हिंदी भाषा का भी प्रयोग किया जाता है। उत्तराखंड का संगीत, अन्य प्रदेशों से अलग हैं। यहां का छलिया नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। देवभूमि होने के कारण उत्तराखंड के मंदिर देश-विदेश में हर जगह प्रसिद्ध है।
तो चलिए दोस्तों आज हम आपको सैर कराते हैं उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों की, साथ ही उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में भी बताते हैं, इन पवित्र मंदिरों के दर्शन के लिए देश-विदेश से सैलानी यहां पर आते है।
1. केदारनाथ मंदिर
मंदिरों में हम सबसे पहले बात करेंगे उत्तराखंड के सबसे प्राचीन व सुंदर मंदिर केदारनाथ के बारे में, इस मंदिर की खूबसूरती की चर्चा तो हर तरफ होती है जो किसी के मन को मोह लेने में समर्थ है। हर कोई अपने जीवनकाल में एक बार यहां दर्शन करने की इच्छा जरूर रखता है। यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में विद्यमान है इस मंदिर का निर्माण कटवा पत्थरों के टुकड़ों को जोड़कर किया गया है जो भूरे रंग के है।
हिमालय की गोद में बैठे केदारनाथ मंदिर की बात करें तो यहां पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 1 ज्योतिर्लिंग की पूजा आराधना होती है। मान्यता है कि यहां सिर्फ ज्योतिर्लिंग के दर्शन से ही सारे पापों से मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है, यह मंदिर तीन ओर से पहाड़ों से घिरा है इसके साथ ही यहां मंदाकिनी, क्षीरगंगा, सरस्वती, मधुगंगा और स्वर्णगौरी जैसी पांच पवित्र नदियों का संगम है लेकिन वर्तमान समय में इन नदियों में से कुछ नदियों का अस्तित्व समाप्त हो गया है लेकिन मंदाकिनी का अस्तित्व आज भी केदारनाथ के पहाड़ियों में है।
केदारनाथ शिवजी के भव्य मंदिरों में से एक है। यहां पर हर साल लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ पहुँचती है, जो भगवान शिव के केदारनाथ धाम की खूबसूरती और वादियों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां के वातावरण व जलवायु को देखते हुए केदारनाथ के कपाट हर वर्ष अप्रैल माह से नवंबर माह के बीच में ही खुलते है और तभी भगवान केदारनाथ के दर्शन होते हैं, यह हिंदू धर्म के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है यहां के रास्ते पथरीले है।
2. तुंगनाथ मंदिर
ऊंची पहाड़ी पर विद्यमान भगवान शिव का तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में पड़ता है जो भगवान शिव के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर 3460 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। तुंगनाथ मंदिर में भगवान शंकर के पंच केदार में से एक रूप की पूजा होती है यहां पर भगवान शिव के हृदय व भुजाओं की पूजा होती है।
इतना ही नहीं यह मंदिर भगवान शिव का सबसे ऊंचा मंदिर है जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, यहां की ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जब पांडवों से रुष्ट हो गए थे तो पांडवों ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तुंगनाथ मंदिर का निर्माण किया था। अगर यहां की प्रकृति की बात की जाए तो यहां का जलवायु और वातावरण बहुत ही लुभावना है यहां की सुंदर वादियां दर्शनार्थियों के मन को मोह लेती है और यही कारण है कि हिमालय का यह गढ़वाल क्षेत्र सबसे सुंदर स्थानों में से एक है जहां दूरदराज से पर्यटक घूमने व भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
3. बद्रीनाथ मंदिर
उत्तराखंड की बात हो और बद्रीनाथ का जिक्र न हो ये तो नामुमकिन है, भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जनपद में स्थित बद्रीनाथ मंदिर हिंदू धर्म का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है जहां भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है।
यह मंदिर चार धामों में से एक मंदिर है जो बहुत ही प्राचीन मंदिर है। जिसका साक्ष्य विष्णु पुराण, महाभारत तथा स्कंद पुराण में उल्लेखित है। इस मंदिर को बद्रीनाथ मंदिर के साथ श्री बद्री विशाल मंदिर के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यहां भगवान विष्णु के शालिग्राम से बने बद्री नारायण मूर्ति की पूजा होती है जो विष्णु भगवान का ही एक रूप हैं।
यहां की मान्यता है कि भगवान बद्री नारायण के दर्शन के साथ-साथ अलकनंदा नदी के कुंड में आस्था की डुबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है तथा आत्मा पवित्र होती है। यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां पर एक प्रमुख त्यौहार भी मनाया जाता है जिसे माता मूर्ति का मेला के नाम से जाना जाता है, दरअसल मां गंगा के पृथ्वी पर आगमन की खुशी में माता मूर्ति का मेला का पर्व मनाया जाता है और इतना ही नहीं इस समारोह में दूर-दूर से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
4. नंदा देवी मंदिर
उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित नंदा देवी मंदिर हिंदू धर्म का एक पवित्र मंदिर है, आस्था व धार्मिक स्थल के रूप में नंदा देवी मंदिर का विशेष महत्व है। यहां पर माता दुर्गा के एक रूप की पूजा अर्चना होती है यहां माता के स्वरूप को बुराई के विनाशक के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास 1000 वर्ष से भी अधिक पुराना है, नंदा देवी दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि माता के दर्शन करने से व्यक्ति के अंदर बुराई का नाश होता है तथा आत्मा शुद्ध होती है।
5. दूनागिरी मंदिर
दूनागिरी मंदिर उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पर माता के शक्तिपीठ की पूजा-अर्चना होती है, यह माता का प्राचीन और सिद्ध शक्तिपीठ है।
6. नैना देवी मंदिर
उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित नैना देवी का मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है। यहां पर माता सती के नेत्र गिरे थे इसलिए इस मंदिर को नैना देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां पर एक नैनी झील भी है जिसका नाम नैना देवी के नाम से पड़ा है, इस मंदिर का धार्मिक आस्था के रूप में विशेष महत्व है इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन पूजा के लिए आते हैं।
7. मद्महेश्वर मंदिर
उत्तराखंड जिले के रुद्रप्रयाग में स्थित मद्महेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव के पंच केदार मंदिरों में से एक मंदिर है जहां भगवान शिव के नाभि की पूजा होती है। भगवान शिव के दर्शन के साथ-साथ यह क्षेत्र घूमने के लिए भी बहुत ही अच्छा स्थान है यहां अधिकतर लोग मानसून के समय में आते हैं। हर साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, यह शिवजी का एक पौराणिक व प्राचीन मंदिर है।
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना उत्तराखंड के 7 प्रसिद्ध मंदिर (7 Famous Temples of Uttarakhand in Hindi), उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
मेरा नाम मनीषा सिंह है। मै ऑल इंडिया रेडियो में रेडियो प्रस्तोता हूं , मैने पत्रकारिता एवं जनसंचार से M.Phil किया है।