HINDI KAVITA: आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा

मेरा आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा है

मेरा आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा है
सुनते नहीं हो भगवन सर मेरा झुक रहा है

1. संकट में है आज धरती फैली है महामारी
लेने को जान सबकी आयी कोरोना बीमारी
हर और लाशों का ही अम्बार लग रहा है
मेरा आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा है।

2. गर जो सुनोगे तुम न तो संसार न बचेगा
भारत के गौरवों में फिर इतिहास न रचेगा
विनती ये सुन लो भगवन जग बार-बार कह रहा मेरा आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा है।

3. तुम ही हो अब सहारा नैया को किनारा
आओगे जो न बचाने कि तो क्या हाल होगा फिर हमारा
दिन रात जगती आँखे आँसू न रुक रहा है सुनते नहीं हो भगवन सर मेरा झुक रहा है
मेरा आपकी कृपा से कुछ काम रुक रहा है।

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सोनल उमाकांत बादल , कुछ इस तरह अभिसंचित करो अपने व्यक्तित्व की अदा, सुनकर तुम्हारी कविताएं कोई भी हो जाये तुमपर फ़िदा 🙏🏻💐😊