HINDI KAVITA: विजय पर्व
विजय पर्व हम सब हर साल रावण के पुतले जलाते हैं विजय पर्व मनाते हैं, शायद मुगालते में हम खुद को ही भरमाते हैं। वो त्रेतायुग था जब राम ने रावण को मारा था, तब रावण अकेला ही रावण था इसीलिए राम से हारा था। अब तो कलयुग हैरावणों की फौजहर ओर खड़ी है। अब […]