HINDI KAVITA: नदी की वेदना
नदी की वेदना किसको सुनाऊंमैं अपनी व्यथाकौन है जो सुनेगा?मेरी करूण पुकार। एक वो दिन भी थाजब मैं बहती थी बेरोक टोकशीतल,निर्मल,स्वच्छजन जन के लिए उपयोगी थी, मेरा भी मान सम्मान थासबको मुझसे प्यार भी था,सब मेरा ख्याल भी रखते थेमुझमें कूड़ा करकट नहीं डालते थे मेरे किनारे के पेड़ो को नहीं काटते थेगंदे /जहरीले […]