बेटे की मुस्कान
तुम्हे तो पता ही नही,
जब तुम्हारे होने का आभास हुआ मुझे,
तो जाने कितने ख्वाबो को तराशने लगी।
तुम्हे नही पता तुम्हारे होने का एहसास,
मेरी आँखों मे एक ललक भर देता है।
मेरे चेहरे में तुम्हारा होना झलकने लगा
हर धड़कन में तुम महसूस होते हो मुझे,
तेरे मुस्कान ने मेरी सारी थकान को हर लिया।
और मुझे नई पहचान मिली एक माँ होने की,
तुम्हारी पहली झलक अविस्मरणीय हो गई।
तेरे नन्हे से हाथो का स्पर्श और मीठी मुस्कान ,
जैसे कई जन्मों को एक पल में जी लिया हो।
जैसे मेरी ममता को पंख लग गए,
जैसें मेरा हर स्वप्न साकार हो गया।
मुझमे मेरे अस्तित्व की तरह समाहित
मेरा अंश ही हो तुम ,
और मुझे मां कहकर सम्पूर्ण कर दिया,
जिससे मै तुम्हारे अस्तित्व में खो गई।।
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About Author:
मेरा नाम निर्भय सोनी है और मैं उत्तर प्रदेश के रहने वाला हूँ। मुझे लिखने में अच्छी रूचि है। मुझे विश्वास है कि आप लोगों को मेरा ये लेख जरुर पसन्द आएगा। आप लोग अपना आशिर्वाद और प्यार इसी तरह बनाए रखिये। 🙏🏻😊