वादा
चुनाव लड़ रहे
एक प्रत्याशी ने
अपने मतदाताओं से
एक बार फिर निवेदन किया
बस ! एकबार और मौका दीजिये,
इस बार आप यकीन कीजिये
इस बार मैं हमेशा
आपके बीच रहूँगा,
यहां नहीं तो लखनऊ, दिल्ली में
जरूर मिलूंगा।
फिर यदि वादे पर
खरा न उतर सका तो
अगली बार सिर्फ़
वोट की खातिर आऊँगा,
यकीन मानिए
अपनी उपलब्धता का वादा
कतई नहीं दोहराऊंगा।
यह भी पढ़ें
HINDI KAVITA: भ्रष्टाचार
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
यह कविता आपको कैसी लगी ? नीचे 👇 रेटिंग देकर हमें बताइये।
कृपया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whatsApp पर शेयर करना न भूले 🙏 शेयर बटन नीचे दिए गए हैं । इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।
Author:
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002