भ्रष्टाचार
अविश्वसनीय सा लगता है
पर भ्रष्टाचार का दीमक
हर ओर पहुँच ही जाता है,
अब क्या क्या, कहाँ कहाँ बताऊँ
अब तो कहते हुए भी शर्म लगता है।
अब आप ही बताइये
इसे क्या कहेंगे?
अब तो लाशों के साथ भी
भ्रष्टाचार होता है।
कौन है जो दावा कर सके कि
यहां भ्रष्टाचार नहीं होता है।
हर जगह भ्रष्टाचार दो कदम आगे है
कानून बाद में आता है
भ्रष्टाचार पहले ही
डेरा जमाये होता है।
या यूँ कहें कि आजकल
भ्रष्टाचार के बिना सबकुछ
अधूरा अधूरा सा होता है।
भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचार के बिना
मोक्ष कहाँ मिलता है।
यह भी पढ़ें
HINDI KAVITA: वादा
अगर आप की कोई कृति है जो हमसे साझा करना चाहते हो तो कृपया नीचे कमेंट सेक्शन पर जा कर बताये अथवा contact@helphindime.in पर मेल करें.
यह कविता आपको कैसी लगी ? नीचे 👇 रेटिंग देकर हमें बताइये।
कृपया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और whatsApp पर शेयर करना न भूले 🙏 शेयर बटन नीचे दिए गए हैं । इस कविता से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख कर हमे बता सकते हैं।
Author:
![](https://helphindime.in/wp-content/uploads/2020/09/Sudhir-Shrivastav.jpg)
✍सुधीर श्रीवास्तव
शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल
बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002