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जीरा और जीरा पानी के फायदे | Benefits of Jeera & Jeera Water in Hindi
भारतीय रसोई में अक्सर बहुत से मसाले मिलते हैं जो रसोई में पकने वाले व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाते हैं। इन मसालों में से सबसे खास जगह है जीरे की। यह एक बहुत ही लोकप्रिय खाना पकाने में मदद करने वाला घटक है।
यह आमतौर पर भारत और एशिया के बहुत से हिस्सों में प्रयोग किया जाता है। लोग आमतौर पर जीरे के सूखे हुए फल खरीदते हैं और इसे साबुत ही या फिर पाउडर करके इस्तेमाल करते हैं। यह विश्व की बहुत सी संस्कृतियों में मुख्य मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
जीरा का वानस्पतिक नाम Cuminum cyminum है। यह Apiaceaea परिवार का एक पौधा है। यह आकार में बिल्कुल सौंफ की तरह होता है। संस्कृत भाषा में इसे ‘जीरक’ नाम से बुलाया जाता है । जीरक का अर्थ है जो अन्न को पचाने(जीर्ण) में सहायता करे।
जीरा मुख्यतः दो प्रकार का होता है:- एक श्वेत जीरक यानी सफेद जीरा और दूसरा शाह जीरा यानी काला जीरा।
श्वेत जीरक देखने में भूरे रंग का होता है। तो वही शाह जीरा देखने में काले रंग का होता है।
श्वेत जीरा आमतौर पर घरों में इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय रूप में भी यह बहुत फायदेमंद है। श्वेत जीरा दाल सब्जी आदि को छोंकने के काम में आता है।तो वही शाह जीरा को विशेष रूप से दवा में इस्तेमाल किया जाता है। शाह जीरा को पहचानने की एक और खासियत होती है। इसका प्रयोग शाही भोजन को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता रहा है। इसका आकार श्वेत जीरक से पतला और एक खास सुगंध वाला होता है। इसे हिंदी में काला जीरा भी कहा जाता है।
जीरे की तासीर आमतौर पर गर्म होती है। इसीलिए इसको पेट से जुड़ी कई बीमारियों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक बहुत ही बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। यह शरीर की कोशिकाओं की सूजन को कम करके मांसपेशियों को आराम पहुंचाने में सक्षम है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे जरूरी पौष्टिक मिनरल्स का बहुत ही अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए और विटामिन सी मिलते हैं जो कि शरीर को अलग-अलग तरीके से फायदा पहुंचाते हैं।
जीरा लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से उपयोग करते है। कुछ लोग जीरे को पीसकर इसका पाउडर लेना पसंद करते हैं। वहीं कुछ लोग इसे कच्चा चबा लेते हैं। क्योंकि खाने में यह बहुत अधिक तीखा नहीं होता एवं कुछ लोग जीरा पानी पीते हैं। जीरा पानी बनाने के लिए इसे पानी में उबाल कर अच्छे से छानकर उस पानी को पी लेने से भी जीरे के बहुत से फायदे मिल जाते हैं।
जीरा के फायदे
बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता
जीरे में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होते है। विटामिन सी की कमी अक्सर जिन लोगों में देखी गई है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम पायी गई है और ऐसी स्थिति में जीरे का सेवन करना बहुत ही लाभकारी साबित होता है। साथ ही यह तनाव से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद सिद्ध हुआ है। विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत होने की वजह से इसका इस्तेमाल दिल के दौरे और कैंसर के खतरे को घटाने के लिए भी किया जा सकता है।
त्वचा रोगों के लिए रामबाण
जीरे में विटामिन ई की मौजूदगी इसे एक बहुत ही बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट का रूप देती है। कई शोधों में यह पता चला है कि विटामिन ई का त्वचा की कोशिकाओं को मजबूत करने में काफी ज्यादा सहयोग होता है। यह त्वचा की नमी और लचीलापन को बनाए रखने में काफी सहायक है। यह एक प्राकृतिक एंटी एजिंग एजेंट के रूप में भी काफी इस्तेमाल की जाती है। यह त्वचा को जवान बनाए रखने में काफी सहायता करता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा के बैक्टीरिया को खत्म कर कील मुहांसे होने की संभावना को भी कम करते हैं।
जीरा करें मदद वजन घटाने में
बहुत सी आयुर्वेदिक वजन घटाने की दवाइयों में जीरे का प्रयोग किया जाता है। इसके इस्तेमाल की एकमात्र वजह यह है कि यह पाचन तंत्र को ठीक कर के शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। और शरीर के कम हुए मेटाबॉलिज्म को दोबारा से बढ़ावा देता है। यह शरीर में जमा हुई चर्बी व कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी मदद पहुंचाता है। यदि भुने हुए जीरे को दही में मिलाकर दिन में दो बार खाया जाए तो इस नुस्खे से वजन को बहुत ही आसानी से कम किया जा सकता है।
इतना ही नहीं यदि सौंफ, जीरा, अजवाइन, काला नमक इन सभी को पीसकर खाया जाए तो भी चर्बी कम करने में काफी मदद मिलती है। नींबू और जीरा इकट्ठा खाने पर भी मोटापा आसानी से कम हो जाता है।
ब्लोटिंग की समस्या से दे छुटकारा
कई बार अपच और पेट फूलने की वजह से ब्लोटिंग की समस्या आम तौर पर देखी जाती है। जीरा खाने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है क्योंकि यह खाना पचाने की प्रतिक्रिया को तेज कर आपकी जठराग्नि को बढ़ाती है। जिससे आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और आपको ब्लोटिंग जैसी समस्याएं नहीं होती।
एनीमिया को दे जीरे से मात
एनीमिया जैसी घातक बीमारी होने की एकमात्र वजह है शरीर में लोहे की कमी होना। जीरा को लोहा से भरपूर आहार माना जाता है। इसलिए यदि रोजाना एक चम्मच जीरा पाउडर खाया जाए तो यह शरीर की आयरन की न्यूनता को कम कर सकता है। क्योंकि इसमें मौजूद आयरन शरीर में मौजूद आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाये) के बनने की प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं और शरीर की मेटाबॉलिज्म में भी सुधार लाते हैं। ऐसा करने से धीरे-धीरे शरीर से आयरन की कमी दूर होने लगती है और एनीमिया ठीक हो जाता है।
जीरा है स्तन्य औषधि
सदियों से आयुर्वेदिक विशेषज्ञ जीरा का इस्तेमाल स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में दूध की कमी को पूरा करने के लिए करते आ रहे हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन महिलाओं में दूध बनने की प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर दूध की मात्रा को बढ़ाता है। जीरा खाने से नव जन्मे बच्चों की माताओं को जन्म उपरांत होने वाली कमजोरी और थकावट से भी निजात मिलती है।
मधुमेह में फायदे मंद
जीरा को सदियों से मधुमेह विरोधी औषधि के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। एक अध्ययन से यह पुष्टि भी की गई है कि हाइपोग्लाइसीमिया और ग्लूकोसुरिया जैसी घातक परिस्थितियों में जीरा खाने से काफी लाभ मिलता है।
हड्डियों की सेहत और मजबूती के लिये फायदेमंद
जीरे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है। इसलिए यह आपके हड्डियों की सेहत को भी सुधारते हैं। इसमें मौजूद खनिज और विटामिन B12 हड्डियों के लिए स्वास्थ्य वर्धक है। इसमें मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन के यौगिक महिलाओं में होने वाली पी सी ओ सी की समस्या को कम करने में सहायता करते है। इसलिए अपनी हड्डियां मजबूत करने के लिए अपने दैनिक आहार में जीरे का उपयोग जरूर करें।
जीरा करें अनिद्रा दूर
जीरा में कुछ मात्रा में मेलाटोनिन भी पाया जाता है। इस हार्मोन को ‘स्लीपिंग हार्मोन’ यानी कि नींद का हार्मोन भी कहा जाता है। लोगों में होने वाली अनिद्रा आदि की समस्या इस हार्मोन की गड़बड़ी की वजह से होती है। इसलिए जीरा से बनी चाय या जीरा पानी पीने से अनिद्रा जैसी स्थिति में भी राहत मिलती है।
अब तक तो हमने जीरे के कुछ फायदों की बात की। परंतु अति हर चीज की नुकसानदायक होती है। यदि जीरे को जरूरत से ज्यादा मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह सीने में जलन जैसे विकार पैदा कर सकता है। इसको ज्यादा खाने पर खट्टी डकार का आना भी शुरू हो सकता है। जरूरत से अधिक जीरा सेवन करने पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव समय से पहले या फिर गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है। जीरा खाने से गर्भवती महिलाओं पर गर्भान्तक असर भी हो सकता है।
अतः आपको सुझाव दिया जाता है कि जीरे का इस्तेमाल ठीक ढंग से करें और इसकी अधिकता बचे।
Author:
Geeta Verma Malhotra
M.Pharmacy(Ayurved)
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