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मुक्त शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा के बीच अंतर
देश और दुनिया में लगातार प्रगति हो रही है तथा इस प्रगति में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रत्येक देश की प्रगति के लिए उसके नागरिकों का शिक्षित होना ज़रूरी होता है। इसके साथ ही शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व, चरित्र, ज्ञान के विकास में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कई लोग मानते हैं कि दूरस्थ शिक्षा और मुक्त शिक्षा यह दोनों ही शिक्षण का एक ही प्रकार है।
लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इन दोनों के बीच परस्पर अर्थ, स्वरूप और व्यवसाय की दृष्टि से अंतर देखा जा सकता है। आइए जानते हैं कि आखिर मुक्त शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा क्या है? इन दोनों की विशेषताएं क्या हैं तथा इनके बीच में क्या-क्या अंतर विद्यमान है।
मुक्त शिक्षा क्या है? (What is Open Education in Hindi?)
हमारे बीच ऐसे कई लोग होते हैं जो कई कारणों जैसे- सामाजिक, आर्थिक, नौकरी या फिर कुछ परिस्थितियों की वजह से अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाते। इन लोगों के लिए मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली मुक्त शिक्षा, अपनी शिक्षा को जारी रखने का एक बेहतर विकल्प उपलब्ध करवाता है। मुक्त शिक्षा में छात्र किसी आयु सीमा के बिना किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। इसका फायदा वे भी उठा सकते हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है तथा वे आगे अपनी पढ़ाई को जारी रखने के इच्छुक है। ओपन एजुकेशन के लिए कुछ शिक्षण संस्थान निर्धारित होते हैं।
दुनिया में सबसे पहला मुक्त विश्वविद्यालय 1969 में मिल्टन कीन्स ने इंग्लैंड में स्थापित किया था। इसका नाम उन्होंने द ओपन यूनिवर्सिटी रखा था। ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना इसलिए की गई थी जिससे जो व्यक्ति पारंपरिक विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं ले सकते वे इनके माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल कर सके। वही दूरस्थ शिक्षा उन लोगों के लिए होती है जो नियमित कॉलेज में भाग लेने में समर्थ नहीं होते।
मुक्त शिक्षा की विशेषताएं (Importance of Open Education in Hindi)
- मुक्त शिक्षा हासिल करने के लिए आपको पूर्व अनुभव तथा किसी भी तरह के अकादमी के रिकॉर्ड की जरूरत नहीं होती।
- मुक्त शिक्षा में आपको पाठ्यक्रमों की अवधि में भी छूट मिलती है यानी कि 3 साल का डिग्री प्रोग्राम आप 6 साल में पूरा कर सकते हैं।
- मुक्त शिक्षा हासिल करना आसान, किफायती और सस्ता होता है।
- मुक्त शिक्षा में आपको पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध की जाती है।
- इस तरह की शिक्षा के जरिए आप अपने शिक्षकों तथा सहपाठियों के साथ संपर्क स्थापित करते हैं।
दूरस्थ शिक्षा क्या है? (What is Distance Education in Hindi?)
दूरस्थ शिक्षा के नाम से ही पता चलता है कि यह शिक्षा किसी दूरी पर रहकर हासिल की जा सकती है। इस तरह की शिक्षा में शिक्षा देने वाले तथा शिक्षा हासिल करने वाले के बीच दूरी विद्यमान होती है। इस तरह की शिक्षा में शिक्षक और छात्रों के बीच दूरी के साथ छात्र और शिक्षण संस्था के बीच भी दूरी होती है।
दूरस्थ शिक्षा की विशेषताएं (Importance of Distance Education in Hindi)
- दूरस्थ शिक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी पहुंच आसान है। जैसा कि आप जानते हैं कि भारत जैसे देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां स्कूल और कॉलेज नहीं है। ऐसे पिछड़े और सुदूर क्षेत्रों के लोग भी यहाँ शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- इसकी दूसरी विशेषता यह है कि इस तरह की शिक्षा में ज्यादा खर्चा नहीं उठाना पड़ता क्योंकि यदि आप शिक्षण संस्था जाकर शिक्षा हासिल करते हैं तो इसके लिए आपको कॉलेज की फीस के साथ-साथ आने-जाने का किराया खाना-पीना समेत कई तरह के खर्चे का वहन करना पड़ता है। लेकिन दूरस्थ शिक्षा में आप कम खर्चे में शिक्षा हासिल कर सकते हैं।
- दूरस्थ शिक्षा का दूसरा लाभ यह है कि छात्र नौकरी करते हुए भी शिक्षा हासिल कर सकते हैं। कई छात्र ऐसे होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती जिस वजह से उन्हें पढ़ाई छोड़कर काम धंधों में लगना पड़ता है। लेकिन ऐसे लोगों के लिए दूरस्थ शिक्षा की व्यवस्था काफी फायदेमंद सिद्ध होती है क्योंकि वह अपना रोजगार देखते हुए अपनी शैक्षणिक योग्यता भी बढ़ा सकते हैं।
- भारत में जनसंख्या वृद्धि लगातार हो रही है जिस वजह से विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में इतने सारे विद्यार्थियों को संस्थागत शिक्षा के अवसर प्रदान करना एक कठिन कार्य है। लेकिन इस समस्या का समाधान दूरस्थ शिक्षा द्वारा किया जाता है क्योंकि इसके लिए आपको संस्थागत रूप से मौजूद होने की जरूरत नहीं होती।
- दूरस्थ शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को एक फायदा यह होता है कि वह किताबों से ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यमों के जरिए भी अपनी पढ़ाई करते हैं जिससे यह आसान और प्रसांगिक हो जाती है। इसके माध्यम से छात्र डिजिटल क्लासरूम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि के जरिए एक दूसरे से जुड़ जाते हैं।
- डिस्टेंस एजुकेशन आपको यह फायदा देता है कि आप अपने टाइमटेबल के हिसाब से कभी भी पढ़ सकते हैं।
- डिस्टेंस एजुकेशन या दूरस्थ शिक्षा हासिल करने के लिए उम्र की बाधा नहीं होती। किसी भी उम्र का व्यक्ति कभी भी शिक्षा हासिल कर सकता है।
- जिन छात्रों के पढ़ाई में कम अंक आते हैं, वे नियमित कॉलेजों (Regular Colleges) में अपने मनपसंद कोर्सेज में दाखिला नहीं ले पाते। लेकिन दूरस्थ शिक्षा के ज़रिए कम अंक आने के बावजूद वे उन कोर्सेज को कर सकते है।
- आज दूरस्थ शिक्षा ग्रेजुएशन, पीएचडी, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्सेज में उपलब्ध करवाई जा रही है।
- संस्थागत शिक्षा में छात्रों की संख्या को लेकर बाधाएं होती है। लेकिन दूरस्थ शिक्षा सर्व सुलभ है तथा इसमें असीमित संख्या में छात्र शिक्षा हासिल कर सकते हैं।
मुक्त शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा के बीच अंतर (Open Education & Distance Education difference in Hindi)
मुक्त एजुकेशन और डिस्टेंस एजुकेशन के बीच का अंतर निम्नलिखित है:-
- मुक्त शिक्षा के लिए कुछ विश्वविद्यालय होते हैं जहां से शिक्षा हासिल की जा सकती है। वही दूरस्थ शिक्षा विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जा सकती है। दूरस्थ शिक्षा हासिल करने के लिए शिक्षण संस्थानों में नहीं जाना पड़ता।
- मुक्त शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के पास विकल्प होता है कि वे अपना अध्ययन केंद्र और परीक्षा केंद्र स्वयं चुन सकते हैं जबकि दूरस्थ शिक्षा में छात्रों को अध्ययन केंद्र परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प नहीं मिलता है क्योंकि वे ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते हैं।
- मुक्त एजुकेशन में छात्र अपने साथियों और शिक्षकों के साथ सामाजिक संपर्क स्थापित करता है लेकिन दूरस्थ शिक्षा में ऐसा नहीं होता।
- दूरस्थ शिक्षा के लिए कोई दिन निर्धारित नहीं है आप अपनी सुविधानुसार शिक्षा हासिल कर सकते है। वही ऑनलाइन एजुकेशन में शनिवार और रविवार को शिक्षा दी जाती है।
- मुक्त एजुकेशन में छात्रों की उपस्थिति या उनका अटेंडेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि जो छात्र व्यवहारिक पाठ्यक्रमों में होते हैं उन्हें कक्षा में 75 फ़ीसदी उपस्थिति दर्ज करवानी होती है जबकि दूरस्थ शिक्षा में कोई भी नियमित उपस्थिति की जरूरत नहीं होती।
- मुक्त एजुकेशन में आपको पुस्तकालय की सुविधा मिलती है जबकि दूरस्थ या डिस्टेंस एजुकेशन में आपको यह सुविधा नहीं मिलती।
- मुक्त एजुकेशन आपको लैब की सुविधा मुहैया करवाता है लेकिन डिस्टेंस एजुकेशन ऐसा नहीं करता।
- डिस्टेंस एजुकेशन के मुकाबले मुक्त एजुकेशन की डिग्री ज्यादा मायने रखती है।
निष्कर्ष
ऊपरी तौर पर देखा जाए तो मुक्त शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा की प्रणाली एक दूसरे से काफी मिलती जुलती है क्योंकि इन दोनों का उद्देश्य ही सभी लोगों को समान अवसर प्रदान करना है जिससे सामाजिक व शैक्षणिक असमानता को दूर किया जा सके। यह उन छात्रों के लिए काफी अच्छा विकल्प साबित होता है जो अपनी शिक्षा किसी शिक्षण संस्थानों द्वारा पूरी करने में सक्षम नहीं हो पाते। यह दोनों ही तरह की शिक्षा लोगों को ज्ञान और कौशल हासिल करने के समान अवसर उपलब्ध करवाती है।
सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी में अंतर
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट में अंतर
तो ऊपर दिए गए लेख में आपने जाना मुक्त शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा के बीच अंतर | Open Education and Distance Education Difference in Hindi, उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा।
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।