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World AIDS Day | विश्व एड्स दिवस
1 दिसंबर को हर वर्ष विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
एड्स कई गंभीर बीमारियों में से एक है यूनिसेफ रिपोर्ट के अनुसार 37.9 मिलियन लोग एचआईवी के शिकार हैं। एड्स के प्रति दिन 980 एचआईवी पॉजिटिव लोग पाए जाते हैं एड्स से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन के हिसाब से 320 है।
इस बीमारी का अभी कोई स्थाई इलाज नहीं खोजा जा सका ऐसे में इसके बारे में जागरूकता ही एकमात्र बचाओ है।
एड्स क्या है एचआईवी क्या है?
HIV का फुल फॉर्म
Human Immunodeficiency Virus
HIV का मतलब होता है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस, यह एक तरह का virus है जो कि एड्स (AIDS) का कारण बनता हैI
हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के वायरस एवं बैक्टीरिया से सुरक्षित रखने के लिए शरीर में रक्षा प्रणाली रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम कार्य करता है जो हमारे रक्त में पाई जाने वाली श्वेत रक्त कणिकाएं हैं। वह शरीर में बाहर से आने वाले इन्फेक्शन को रोकता है। HIV वायरस इस प्रतिरक्षा प्रणाली को डिस्टर्ब कर मानव शरीर को बीमार बनाता है। और धीरे-धीरे यह एड्स में बदल जाता है।
HIV को लक्षण के आधार पर
HIV 1 – इस प्रकार का संक्रमण लगभग पूरी दुनिया में एक जैसा होता है।
HIV 2 – यह ज्यादातर पश्चिमी अफ्रीका एशिया और यूरोप देशों में फैला है।
HIV संक्रमित व्यक्ति को एड्स की अवस्था तक पहुंचने में 8-10 वर्ष का वक़्त लग जाता है। ऐसे में इस बीमारी के कभी-कभी सामान्य लक्षण भी नजर नहीं आते।
अगर कोई इंसान HIV पॉजिटिव है तो यह आवश्यक नहीं की उसको एड्स भी है. HIV वायरस की वजह से एड्स होता है अगर वक़्त रहते HIV का इलाज़ कर दिया जाए तो एड्स होने के खतरे को कम किया जा सकता है।
एड्स क्या है?
AIDS का फुल फॉर्म
– Acquired Immunodeficiency Syndrome
एड्स (AIDS) का मतलब है अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम I यह HIV संक्रमण की सबसे अंतिम अवस्था है I
एड्स कैसे फैलता है?
• एड्स फैलने का प्रमुख कारण एचआईवी पॉजिटिव पुरुष या महिला की के साथ शारीरिक संबंध बनाने से फैसला है।
• असुरक्षित यौन संबंध बनाना या एक से अधिक महिला के साथ संभोग करने या किसी महिला द्वारा एक से अधिक पुरुषों से संभोग किया जाना इसके फैलने का प्रमुख कारण है। अगर उसमें से कोई भी एक पुरुष या महिला संक्रमित है तो सब में यह संक्रमण फैल जाता है।
• यह ओरल सेक्स के दौरान भी फैलता है।
• कहीं बाहर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का ब्लड स्वस्थ व्यक्ति को चढ़ाने पर यह फैसला है।
• बहुत से लोग नशे के लिए इंजेक्शन का प्रयोग करते हैं कई बार वह एक साथ बैठकर एक ही इंजेक्शन से अगर ऐसा करते हैं तो उसमें एक भी व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव है तो यह सभी व्यक्तियों में इसका संक्रमण फैल जाता है।
• एचआईवी पॉजिटिव किसी भी व्यक्ति का ब्लड का संपर्क किसी भी तरीके से अगर स्वस्थ व्यक्ति में होता है तो इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
एड्स होने के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
एड्स को प्रारंभिक चरण में पहचान पाना बहुत ही कठिन होता है कि यह शरीर में प्रवेश कर चुका है या नहीं
कई बार इसके लक्षण सामने आने में 8 से 10 वर्ष लग जाता है।
एड्स के प्रमुख लक्षण
1- मुंह पर सफेद चकत्तेदार दाग-धब्बे का उभरना
2- शरीर से अत्यधिक पसीने का निकलना
3- अत्यधिक थकान की शिकायत होना
4 – अचानक बिना किसी वजह से वजन कम होने लगना
5- लंबे समय तक तेज बुखार रहना
6- बार-बार दस्त लगना
7- लगातार खांसी आना, गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गाठों का पड़ना
8- पूरे शरीर में खुजली व जलन का होना, टीबी, स्किन कैंसर, निमोनिया जैसी दिक्कते होने पर एड्स की जांच अवश्य करनी चाहिए।
एड्स से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज है
AIDS एक जानलेवा बीमारी है जिसका अनुसंधान कर वैज्ञानिकों द्वारा स्थाई इलाज खोजने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अभी तक कोई स्थाई उपचार नहीं मिल पाया है।
बचाव ही समस्या का सबसे बेहतरीन इलाज है।
1. असुरक्षित यौन संबंध से दूर रहें। अनजान एवं अपरिचित व्यक्ति जो एचआईवी पॉजिटिव है उस से संभोग बिल्कुल न करें।
2. अपनी पत्नी को छोड़कर किसी ने के साथ सेक्स बिल्कुल न करें।
3. नए पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें
4. यदि कोई अविवाहित पुरुष अथवा स्त्री AIDS से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह से बचना चाहिए, क्योंकि AIDS उनके जीवनसाथी और बच्चों को भी संक्रिमित कर सबका जीवन बर्बाद कर देगा।
भारत सरकार द्वारा एड्स से बचाव के लिए उठाए गए कदम
भारत में एचआईवी पॉजिटिव का पहला केस 1986 में मिला। इसके बाद भारत में इसके लिए जांच तेज हुई । जांच करने पर कुल 135 मामले सामने आए। जिसमें 14 लोग एड्स-2 से संक्रमित थे लेकिन इनमें ज्यादातर लोग जो HIV/एड्स पॉजिटिव थे वे सभी सेक्स वर्कर थे।
जिसके बाद इस बीमारी को गंभीरता से लेकर एचआईवी की जांच के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए। और इन केंद्रों को एचआईवी जांच के अलावा ब्लड बैंक में जमा होने वाले खून की निगरानी पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।
जिसके बाद आंकड़ों का विश्लेषण किया गया और खतरे को देखते हुए “राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण” कार्यक्रम की शुरुआत हुई और एक संगठन बना जो “राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन” कहलाया जिसका मुख्य उद्देश एचआईवी एड्स के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए नीति बनाना और उसे लागू करना।
बाद में इसमें और विस्तार किया गया और राज्य स्तर पर यह संगठन बनाया गया वर्तमान में भारत के 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन कार्यरत है।
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