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Essay on Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध
भूमिका
आज विश्व की जनसंख्या में से करीब 2 करोड़ लोग कैंसर से पीड़ित है। इन दो करोड़ लोगों में हर साल 90 लाख व्यक्ति कैंसर से ग्रसित हो जाते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में तो यह समस्या अत्यंत विकराल रूप धारण कर रही है क्योंकि हर 10 भारतीयों में से एक को कैंसर होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो उम्र के आधार पर नहीं होती यानी कि यह किसी भी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती है। कई बार कुछ लोग यह कहते दिखाई देते हैं कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। हालांकि ऐसा नहीं है।
अगर कैंसर की पहचान इसकी प्रारंभिक अवस्थाओं में ही कर लिया जाए तो इसका पूर्णत: उपचार संभव है। लेकिन कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए सभी को इस रोग से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए उन्हें एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना होगा। कई बार देखा गया है कि 60 फ़ीसदी मामलों में कैंसर होने की संभावना की रोकथाम की जा सकती है।
कैंसर क्या होता है?
कैंसर को हिंदी में ‘कर्कट रोग’ के नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में कैंसर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी का सबसे नकारात्मक पहलू यह है कि यह उम्र के दायरे में कैद नहीं है यानी कि कैंसर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। कैंसर के बारे में विस्तार से जानने से पूर्व यह जान लेते है कि कैंसर क्या होता है? जैसा कि आप जानते हैं किसी भी मकान के निर्माण में बहुत सारे ईटों की जरूरत होती है। प्रत्येक ईंट आपस में मिलकर एक मकान को तैयार करता है। उसी तरह हमारा शरीर भी अलग-अलग कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। यही कोशिकाएं हमारे शरीर के प्रत्येक अंग का निर्माण करतीं हैं।
जिस तरह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के सभी फंक्शन्स को नियंत्रित करता है, उसी तरह शरीर में इन कोशिकाओं को डीएनए द्वारा नियंत्रित किया जाता है। लेकिन कई बार डीएनए में गड़बड़ हो जाती है जिस वजह से खराब कोशिकाओं का भी निर्माण हो जाता है। अच्छी एवं स्वस्थ कोशिकाओं की जगह खराब कोशिकाओं की संख्या, शरीर में बढ़ती रहतीं हैं जिससे शरीर का कोई एक अंग ढंग से अपना कार्य नहीं करता और आगे जाकर यही कैंसर का रूप ले लेता है।
क्योंकि हर अंग आपस में जुड़े होते हैं इसीलिए यह खराब कोशिकाएं दूसरे अंगों में भी प्रवेश कर पूरे शरीर में फैल जाती है। जब एक ही भाग में खराब कोशिकाएं बनती है तभी कैंसर का पहला स्टेज (Primary Stage Cancer) शुरू होता है। जब यह खराब कोशिकाएं दूसरे अंगों में प्रवेश करतीं हैं तब इसे सेकेंडरी कैंसर (Secondary Cancer) कहते हैं। सेकेंडरी कैंसर को मेंटेस्टिक कैंसर (Metastatic Cancer) भी कहते हैं।
कैंसर के प्रकार
कैंसर के एक-दो नहीं बल्कि 100 से अधिक प्रकार हैं। हालांकि इन प्रकारों के नाम का निर्धारण इनके ऊतकों के नाम पर दिया जाता है, जहां से कैंसर की शुरुआत होती है। इसके अलावा कैंसर को कोशिकाओं के प्रकारों के नाम से भी जाना जाता है, जिन कोशिकाओं से वे बनते हैं। कैंसर के सभी प्रकारों के बारे में चर्चा करना संभव नहीं है। हालांकि, हम उसके कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में नीचे बता रहे हैं:-
- ब्लड कैंसर :- इस तरह के कैंसर में शरीर की सफेद कोशिकाएं बड़ी तेजी से बढ़ती हैं। इसकी वजह से आगे जाकर कैंसर कोशिकाएं भी बढ़ती जाती हैं जिससे शरीर की अच्छी कोशिकाएं बढ़ने में असफल हो जाती है।
- सॉलिड ट्यूमर :- इस तरह के tumor में शरीर की कैंसर कोशिकाएं किसी भी शरीर के अंग में एक गुच्छे का निर्माण करती हैं। यह सॉलिड ट्यूमर कहलाता है। इस तरह के ट्यूमर उस अंग को खराब कर देते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं जिनमें से एक है मेलगेनीस ट्यमर :- इस तरह के ट्यूमर का जल्द इलाज कराना जरूरी होता है क्योंकि इसके बढ़ने की गति काफी तीव्र होती है और अगर इसका तुरंत इलाज न कराया गया तो यह लोगों की जान के लिए खतरा साबित हो सकता है जबकि दूसरे प्रकार का ट्यूमर यानी की बिनाइन ट्यूमर जान के लिए इतना खतरनाक साबित नहीं होता क्योंकि इसके बढ़ने की गति धीमी होती हैं।
- फेफड़ों का कैंसर:- इस तरह के कैंसर की शुरुआत फेफड़ों से होती है। इस तरह के कैंसर ज्यादातर उन लोगों को होते हैं जो धूम्रपान करते हैं।
- बेसल सेल कैंसर :- त्वचा में भी कई प्रकार के कैंसर होते हैं, उन्हीं में से एक प्रकार है बेसल सेल कैंसर जो कि बेसल कोशिकाओं में पैदा होता है।
- प्रोटेस्टेंट कैंसर :- इस तरह का कैंसर पुरुषों में पाया जाता है जो कि एक ऐसी ग्रंथि है जो शुक्राणु व तरल पदार्थों को पैदा करती है।
- स्तन कैंसर :- इस तरह के कैंसर स्तन की कोशिकाओं में पैदा होता है, जो आगे जाकर पूरे स्तन को खराब कर देता है।
कैंसर रोगों के कारण
कैंसर किसी को भी हो सकता है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि कैंसर भ्रूण में भी हो सकता है। लेकिन उम्र के साथ कैंसर का जोखिम भी बढ़ता जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक साल 2007 में पूरे विश्व में 76,00000 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई। कैंसर सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि जानवरों और पेड़-पौधों को भी प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि कैंसर होने के कौन-से प्रमुख कारण है :-
- धूम्रपान कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। अधिक समय तक बीड़ी, सिगरेट का सेवन मुँह के, फेफड़े, पेट तथा मूत्राशय के कैंसर को जन्म देता है। धूम्रपान के साथ ही तंबाकू, पान, सुपारी जैसे गुटको का सेवन मुंह के कैंसर को बढ़ावा देता है। इससे नली, अग्नाशय का कैंसर भी हो सकता है।
- अत्यधिक शराब का सेवन स्वास्थ्य नली, भोजन नली और तालु के कैंसर को पैदा करता है।
- कुछ प्रकार के रसायन व दवाइयां पेट, यकृत जैसे कैंसर को पैदा करते हैं।
कैंसर के लक्षण
कैंसर का समय रहते इलाज करने के लिए शुरुआत से ही इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी होता है।
आइए जानते हैं इसके कौन-कौन से लक्षण होते हैं :-
- घाव– कई बार देखा गया है कि शरीर के किसी अंग में घाव हो जाते हैं, जो कि जल्दी नहीं भरते। इस तरह के घाव कैंसर के लक्षणों में शामिल है।
- गांठे– शरीर के किसी अंग में कोई दर्द रहित गांठ या सूजन हो जाती है तो यह भी कैंसर का एक लक्षण है।
- वजन का अचानक बढ़ना या कम होना :- अगर वजन में तेजी से परिवर्तन हो रहा है तो यह कैंसर का एक लक्षण है।
- त्वचा में बदलाव- कई बार जब त्वचा का कोई भी हिस्सा नीला पड़ जाता है या फिर उसके नीचे गांठे आ जाती है तो यह कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
- थकान:- अगर किसी भी कार्य को करने से जरूरत से ज्यादा ही थकान महसूस होती है तो यह भी कैंसर का एक लक्षण है।
- पाचन संबंधी रोग:- कई बार हमें बार-बार दस्त या कब्ज़ होती रहती हैं, यह पाचन संबंधी रोग होने के साथ ही कैंसर का भी एक लक्षण है।
- लंबे समय तक खांसी:- अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से खांसी या सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है तो यह भी कैंसर का एक लक्षण है।
- कम भूख लगना :- कैंसर के लक्षणों में भूख का कम लगना भी शामिल है।
- पसीना आना :- रात के समय जरूरत से ज्यादा पसीना आना भी कैंसर का एक लक्षण होता है।
- मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव:- मांसपेशियों में दर्द महसूस होना या फिर मांसपेशियों में खिंचाव रहता है तो यह कैंसर का एक लक्षण है।
कैंसर का इलाज
कुछ लोगों का मानना है कि कैंसर का इलाज नहीं हो सकता। हालांकि ऐसा नहीं है दरअसल अधिकांश कैंसर रोगों का इलाज किया जा सकता है। कहीं हद तक कुछ कैंसर रोग को ठीक भी किया जा सकता है। कैंसर के लिए विज्ञान चिकित्सा तथा रसायन चिकित्सा जैसे चिकित्सा का सहारा लिया जाता है।
कैंसर जैसी भयावह बीमारी से बचने के लिए कुछ उपाय को अपनाया जा सकता है। आइए जानते हैं उनके बारे में :-
- कैंसर से बचाव करने के लिए लोगों को धूम्रपान, शराब, सुपारी, पान मसाला जैसी हानिकारक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पौष्टिक भोजन कैंसर से बचने के लिए अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखना जरूरी है इसीलिए विटामिन और हरी सब्जियां दाल अनाज का सेवन करना चाहिए।
- कई तरह के कीटनाशक व रसायन कैंसर को जन्म देते हैं। यह रसायन और कीटनाशक हमारे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। इसीलिए हमेशा रसायनों से भरे भोजन को धोकर खाना चाहिए।
- कैंसर से बचाव के लिए ज्यादा तला-भुना, बार-बार एक ही तेल में गर्म किया गया भोजन तथा ज्यादा नमक वाले भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- देखा गया है कि कैंसर ज्यादातर अधिक वजन वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसीलिए हमें अपना वजन नियमित बनाए रखना जरूरी होता है। अपने शरीर के वजन को सामान्य रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूर करना चाहिए।
- शरीर के किसी अंग में पैदा हुए गांठ का तुरंत इलाज किया जाना जरूरी है।
- शरीर में पैदा हुई किसी भी तरह की बीमारी को लंबे समय तक रहने ना दें। उनका तुरंत इलाज करवाएं।
- अपने शरीर की नियमित रूप से जांच करवाना चाहिए जिससे किसी भी बीमारी को उसकी प्रारंभिक अवस्था में ही पकड़ा जा सके।
अनाथालय की मेरी यात्रा पर निबंध
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Author:
भारती, मैं पत्रकारिता की छात्रा हूँ, मुझे लिखना पसंद है क्योंकि शब्दों के ज़रिए मैं खुदको बयां कर सकती हूं।