वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण पर निबंध | Essay on Air Pollution

सामग्री content
• प्रस्तावना Introduction
• वायु प्रदूषण का अर्थ Meaning of air pollution
• वायु प्रदूषण के कारण Air Pollution causes
• वायु प्रदूषण का प्रभाव what air pollution effects
• वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय air pollution prevention/air pollution how to control
• उपसंहार conclusion

प्रस्तावना (Introduction)

वायु हमारे जीवन का आधार है मनुष्य कुछ घंटे तो बिना जल और खाने के रह सकता है परंतु बिना सांस लिए जीवित नहीं रह सकता। शुद्ध वायु, मनुष्य, जल-जीवन, पेड़, पौधे सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है। बिना वायु के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण की समस्या पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकरण ने हमारी वायु पर बहुत ही कुप्रभाव डाला है। हमारी दैनिक गतिविधियों और लापरवाही के कारण दिन पर दिन हमारी वायु दूषित होती जा रही है जिसका आने वाले समय में बहुत ही बुरा नतीजा देखने को मिल सकता है।

वायु प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Air Pollution/what air pollution is)

Air pollution definition: वायु का दूषित हो जाना और इंसानो के सांस लेने के अनुकूल न होना वायु प्रदूषण कहलाता है. वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बढ़ती जनसख्या और प्रकृतिक संसाधनो का गलत तरीके से दोहन है।

सरल भाषा में कहें तो वायु प्रदूषण का अर्थ है वायु मंडल में कुछ ऐसे तत्वों का मिलना जो उसे दूषित करता है। वायु में धुआं वा हानिकारक गैस जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड का अत्यधिक मात्रा में बढ़ना वायु प्रदूषण कहलाता है। भारत में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही भयावह होती जा रही है। 

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार विश्व के सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण से ग्रस्त देशों में भारत पांचवें स्थान पर है। विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित 30 शहरों में 21 शहर भारत के हैं जिनमें गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा भारत के सबसे अधिक पांच प्रदूषित शहर हैं। भारत में होने वाली एक चौथाई से अधिक मौतें विश्व में सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) के वायु प्रदूषण के कारण होती हैं।

वायु प्रदूषण के कारण (Air Pollution causes)

वायु प्रदूषण का एक कारण (Air Pollution is caused by) है बढ़ता हुआ उद्योगीकरण। एक और हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में आगे तो बढ़ रहा है किंतु कारखानों आदि से निकलने वाले धुएं और जहरीली गैस हमारे वायु मंडल को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाने है।

बढ़ती हुई जनसंख्या भी वायु प्रदूषण का कारण है। जितनी तेज़ी से जनसंख्या बढ़ रही है उतनी ही तेज़ी से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हो रहा है जिससे वायु की गुणवत्ता कम हो रही है।

मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि वाहनों से निकलने वाला धुआं शहरों में वायु प्रदूषण का कारण है।

वृक्ष वायु प्रदूषण को रोकते हैं किंतु शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण जंगलों और वनों की छटाई कर दी जाती है।

तीज त्योहारों या शादी के मौके पर पटाखे बजाना वायु प्रदूषण फैलाता है।

वायु प्रदूषण प्राकृतिक कारणों की वजह से भी होता है जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट, वनों में आग लगना, कोहरा आंधी वायु प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

घर के दैनिक कार्यों से निकलने वाला धुआं जैसे गैस या चूल्हा जलाना भी वायु प्रदूषण फैलाता है।

खनन वा खदान के दौरान निकलने वाली धूल वा गर्द भी वायु प्रदूषण का कारण है।

वायु प्रदूषण का प्रभाव (what air pollution effects)

वायु प्रदूषण के कारण अनेक प्रकार की बिमारियाँ जैसे सांस लेने में दिक्कत, खांसी की बीमारी, एलर्जी, नाक और आंख में जलन होना, फेफड़ों के रोग जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं जिससे मनुष्य की मृत्य भी हो जाती है। स्वछ वायु एक कंबल के समान सूरज की हानिकारक किरणो से हमारी सुरक्षा करती है।

वायु प्रदूषण के कारण हमारी ओजोन परत जो कि सूरज की हानिकारक किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है, समय के साथ क्षीण व पतली होती जा रही है। ओजोन परत का पतला व क्षीड़ होना समस्त जीवों, पक्षियों और वृक्षों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। डब्लूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसकी वजह से विश्व में हर वर्ष लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय (Air Pollution prevention/Air Pollution how to control)

वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसको समय के रहते अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो यह बहुत ही हानिकारक साबित हो सकती हैं।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमारी सरकार में अनेक प्रकार के कानून बनाए हैं जैसे वर्ष 1948 में फैक्ट्रीज एक्ट, 1981 में वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण ) अधिनियम, 1986 में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम।

इन कानूनों का पालन करने के साथ-साथ हमें स्वयं ऐसे कदम उठाने होंगे कि हमारी वायु स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त हो।

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीज जो है वह है वृक्षारोपण। हमें अपने आसपास वृक्ष लगाने चाहिए और लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए।

कारखानों को शहरी क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।

गांव और कस्बों में सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए ताकि शहरीकरण कम हो।

सभी लोगों खासकर बच्चों को वायु प्रदूषण की समस्या के बारे में जागरूक करना चाहिए और समय-समय पर इससे संबंधित कार्यक्रम करनी चाहिए।

ऐसे वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे अत्यधिक धुंआ ना निकले।

शादी व त्योहारों पर पटाखें बजाने के लिए कानून बनने चाहिए और नियमित रूप से उनका पालन होना चाहिए।

हमें ऐसी चीजों का उपयोग करना चाहिए जो पर्यावरण के अनुकूल हो।

कूड़े कचरे आदि के ढेरों को जलाना नहीं चाहिए।

सौर ऊर्जा की तकनीक को प्रोत्साहित करना चाहिए।

जंगलों में वनों की कटाई को रोका जाना चाहिए।

उपसंहार (Conclusion)

वायु प्रदूषण एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुका है। वायु प्रदूषण के कारण हमारे वातावरण में जो परिवर्तन हो रहे हैं वह बहुत ही घातक साबित हो सकते हैं। हम इस समस्याओं को उतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं।वायु में दिन-ब-दिन जहरीली गैस बढ़ती जा रही है और हम इसी वायु में सांस लेते हैं।

वायु में प्रदूषण क्या है जैसे मीथेन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि अत्यधिक मात्रा में मिलकर उसे अशुद्ध बना रहे हैं।

यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम ऐसा कोई भी कार्य ना करें जिससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हूं हमें अपने आसपास सफाई रखनी चाहिए। हमारी लापरवाही के कारण बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को देखते हुए यह कथन बिल्कुल सत्य है कि- ‘तरक्की की क्या हमने गढ़ी कहानी है, वायु प्रदूषण ही इसकी सबसे बड़ी निशानी है’।

लेकिन वह कहते हैं ना जब जागो तब सवेरा, हम सबको मिलकर वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। पर्यावरण की रक्षा हमारे हमारे लिए आवश्यक होने के साथ-साथ हमारा कर्तव्य भी है।

स्वच्छ वायु के लिए हमें कुछ कर दिखाना होगा,
अपने पेड़ पौधों को सुरक्षित बचाना होगा।

Author

आयशा जाफ़री, प्रयागराज